बाल कहानी : शक्ति सदा काम नहीं आती

सुन्दर वन का राजा शेर सिंह बड़ा ही अत्याचारी और क्रूर शासक था। उसमें घमंड़ कूट-कूट कर भरा था। वह हर समय प्रजा पर अत्याचार किया करता था। इसलिए सब जानवर उससे नाराज थे लेकिन वे कर कुछ न पाते थे। आखिर बेचारे कुछ करते भी कैसे कहाँ जंगल का राजा और कहाँ तुच्छ प्रजा।

By Lotpot
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बाल कहानी (Lotpot Hindi Kids Stories) : शक्ति सदा काम नहीं आती-

शक्ति सदा काम नहीं आती

बाल कहानी (Lotpot Hindi Kids Stories) : शक्ति सदा काम नहीं आती- सुन्दर वन का राजा शेर सिंह बड़ा ही अत्याचारी और क्रूर शासक था। उसमें घमंड़ कूट-कूट कर भरा था। वह हर समय प्रजा पर अत्याचार किया करता था। इसलिए सब जानवर उससे नाराज थे लेकिन वे कर कुछ न पाते थे। आखिर बेचारे कुछ करते भी कैसे कहाँ जंगल का राजा और कहाँ तुच्छ प्रजा।

उसी जंगल में एक खरगोश भी रहता था। उसके परिवार में उसकी पत्नी और बेटी ही मात्र थे। उसका परिवार बहुत ही खुशहाल था। उसका जीवन आनन्द पूर्वक बीत रहा था। लेकिन उसके भाग्य में यह सुख जिन्दगी भर के लिए नहीं था। एक दिन उसकी बेटी हरी-हरी घाँस खाने के लालच में बहुत दूर निकल गई थी। जहाँ शेर सिंह का शिकार बन गई।

बेटी की मौत पर खरगोश बड़ा ही दुखी था। वह शेर सिंह से बदला लेने का उपाय सोच रहा था। लेकिन उसके दिमाग में कोई उपाय ही नहीं आ रहा था। तब उसने अपने दोस्त मेंढक को बुलाया और कहा दोस्त शेर सिंह ने मेरी बेटी को मारकर खा लिया है, इसलिए मैं उससे बदला लेना चाहता हूँ। लेकिन मुझको कोई उपाय ही नहीं सूझ रहा है। कृपया कोई उपाय बताओं। मेंढक कुछ देर तक सोचता रहा फिर बोला, मेरे दोस्त, उपाय तो मुझे मिल गया हैं। लेकिन मच्छर और कठफोड़ा के बिना यह उपाय काम नहीं आ सकता अतः तुम मच्छर बहन और कठफोड़ा भाई को बुला लाओ तो बात बन सकती है।

बाल कहानी (Lotpot Hindi Kids Stories) : शक्ति सदा काम नहीं आती-

मेंढक ने एक उपाय सुझाया

खरगोश ने जवाब दिया। अभी एक मिनट में बुलाकर लाता हूँ खरगोश तुरन्त दौड़ कर उन लोगो को बुला लाया। जब वे सब बुलाने का कारण पूछने लगे तब मेंढक ने उन्हें अपने उपाय के बारे में समझाया और उन्हें हिदायत दी कि ‘इसमें सबको बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है, कोई किसी से पीछे नहीं रहेगा।

सब ने उसकी बात का समर्थन किया दूसरे दिन खरगोश के घर के नजदीक मेंढक, मच्छर कठफोड़ा और खरगोश जमा हुए तब मेंढक खरगोश से कहा, दोस्त अब तुम अपना काम शुरू करो। अच्छा दोस्त यह कहकर खरगोश शेर की गुफा की तरफ दौड़ पड़ा। गुफा की तरफ दौड़ गुफा के नजदीक पहुंच कर खरगोश जोर से चिल्ला कर बोला, शेर सिंह तुम जहाँ कहीं भी हो बाहर निकलो, देखों एक बाप अपनी बेटी की मौत का बदला लेने आया है।

खरगोश की आवाज सुनकर शेर सिंह बाहर निकला और खरगोश को देखकर बोला, क्या बात है तुम क्या चाहते हो। राजा साहब तुमसे लड़ना चाहता हूँ। खरगोश ने जवाब दिया। शेर सिंह हंसकर बोला, ‘वाह कैसा जमाना आ गया है एक खरगोश शेर से टक्कर लेने चला है। यदि कहीं एक थप्पड़ पड़ जाए जो सीधे यमलोक का रास्ता नजर आएगा।

बाल कहानी (Lotpot Hindi Kids Stories) : शक्ति सदा काम नहीं आती-

खरगोश ने भी हंसकर जवाब दिया। यदि तुम में ताकत है तो चलो मेरे घर के पास लडेंगें।

घमंडी शेर ने दिमाग लगाया कि...

शेर सिंह घमंडी तो था ही उसने सोचा ‘इस नन्हें खरगोश को मारने के लिए मेरा एक हाथ ही काफी है तो क्यों न इसके घर के पास ही लड़ लिया जाए क्या फर्क पड़ता है कुछ देर बाद वह बोला ठीक है चलों। खरगोश आगे-आगे और शेर सिंह पीछे-पीछे चल पड़े। जब खरगोश अपने घर के नजदीक पहुंच गया तो वह बोला। राजा साहब एक मिनट ठहरिये मैं अभी आया। इतना कहकर खरगोश अपने घर में घुस गया।

जब खरगोश बाहर नहीं निकला तब शेर सिंह बोर होने लगा तभी मच्छर ने उनके कान के पास आकर अपना राग छेड़ दिया। शेर सिंह मच्छर की मधुर राग सुनकर इतना मस्त हो गए कि उन्हें अपने आस-पास की सुध तक न रही। कठफोड़ा जो इसी मौके की तलाश में था, तुरन्त आकर शेर सिंह की दोनों आँखों को अपनी नुकीली चोंच से फोड़ देता है।

अब बेचारे शेर सिंह करे तो क्या करे वे कुछ कर भी न सकते थे। उनकी आँखों से टप-टप खून चू रहा था और आँखों में बहुत पीड़ा उत्पन्न हो रही थी। यह पीड़ा सिर्फ पानी से ही शान्त हो सकती थी। लेकिन शेर सिंह पानी तक पहुंच ही नहीं सकता था। क्योंकि व अन्धा हो चुका था।

इस मौके का फायदा उठाया मेंढक ने। वह गहरी खाई के किनारे जाकर टर्र टर्राने लगा। शेर सिंह ने यह आवाज सुनी तो उसने समझा पानी यहीं कहीं नजदीक में है और उसकी आवाज की तरफ कूद पड़ा लेकिन पानी में नहीं गहरी खाई में। इस प्रकार एक अत्याचारी और क्रूर शासक का हमेशा-हमेशा के लिए अन्त हो गया।

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