जंगल कहानी : मूर्ख बगुला और चालाक केकड़ा
किसी घने जंगल में एक बहुत बड़ा पेड़ था। उस पेड़ पर कई बगुलों के परिवार बसे हुए थे। बगुले दिनभर तालाबों और नदियों के किनारे जाकर मछलियां पकड़ते और अपना जीवन खुशी-खुशी बिताते।
किसी घने जंगल में एक बहुत बड़ा पेड़ था। उस पेड़ पर कई बगुलों के परिवार बसे हुए थे। बगुले दिनभर तालाबों और नदियों के किनारे जाकर मछलियां पकड़ते और अपना जीवन खुशी-खुशी बिताते।
चंपकपुर जंगल में जानवरों की मस्ती का कोई जवाब नहीं था। यहां के जानवर हंसी-खुशी अपना जीवन बिताते थे। जंगल के दो सबसे मजेदार साथी थे - मोंटी बंदर और भोलू गधा।
सुन्दर वन में रहने वाला चीकू बन्दर अपने शरारती व्यवहार के कारण सभी को परेशान करता है। एक दिन, वह भोलू भालू के सुंदर बगीचे में जाकर फूलों को नुकसान पहुँचाता है। वह फूल को सही जगह वापस ले जाता है और सीखता है कि जीवन का उद्देश्य दूसरों को सुख पहुँचाना है।