Moral Story: खुद को पहचानो
एक बार स्वामी विवेकानंद के आश्रम में एक व्यक्ति आया और उनसे बोला “मैं अपने जीवन से बहुद दुखी हूँ, मैं अपने दैनिक जीवन में बहुत मेहनत करता हूँ, काफी लगन से भी काम करता हूँ लेकिन कभी भी सफल नहीं हो पाया”।
एक बार स्वामी विवेकानंद के आश्रम में एक व्यक्ति आया और उनसे बोला “मैं अपने जीवन से बहुद दुखी हूँ, मैं अपने दैनिक जीवन में बहुत मेहनत करता हूँ, काफी लगन से भी काम करता हूँ लेकिन कभी भी सफल नहीं हो पाया”।
टॉमी कुत्ता शहर से पढ़ लिखकर आज वापस लौट रहा था, उसने जब शहर जाकर पढ़ने-लिखने का फैसला किया था उस समय जंगल वालों ने उसके फैसले का खूब मज़ाक उड़ाया था, उनका कहना था कि पढ़ लिखकर कुछ नहीं होना था।
एक जंगल में एक सियार और सियारिन रहते थे। सियार को जंगल के राजा शेर से बहुत जलन होती थी। वो खुद जंगल का राजा बनना चाहता था। लेकिन कैसे? ये पता नहीं था। आखिर उसने शेर के बच्चे से दोस्ती की।
एक रात की बात है शालू अपने बिस्तर पर लेटी थी। अचानक उसके कमरे की खिड़की पर बिजली चमकी। शालू घबराकर उठ गई, उसने देखा कि खिड़की के पास एक बुढ़िया हवा मे उड़ रही थी।
एक नर्स ने एक भाषण के दौरान बताया कि उसमें विकास कैसे हुआ ‘‘कुछ वर्षों तक मैं एक रजिस्टर्ड नर्स थी। मैं खुद को हमेशा ही एक दयावान इंसान समझती थी, एक ऐसा इंसान समझती थी, जो किसी की पीड़ा या संवेदना की थाह पा सकता है।
एक दिन मैं रेल में सफर कर रहा था जब किशोरों का एक समूह गाड़ी में सवार हो गया। जल्दी ही पूरा डिब्बा हंसी और खुशी की किलकारियों से भर गया और मैं भी इसका आंनद लेने लगा जब अचानक ही मौत जैसी चुप्पी पसर गई।
फटे-पुराने कपड़े पहने एक महिला पंसारी की दुकान में गई और बहुत विनम्रतापूर्वक ढंग से बताया कि उसका पति बीमार है और वह कोई काम-धंधा करने में असमर्थ है। उसके 7 बच्चे हैं, जिनका भरण-पोषण करने के लिए मुझे उधार समान की जरूरत है।