Natkhat Neetu E-Comics: नटखट नीटू और गुब्बारे
नटखट नगर में मेला लगा हुआ था, नीटू, टीटा और टेडी तीनों मेला घूमने गए हुए थे। वहां उन तीनों ने बहुत मज़े किये मगर नीटू ने टेडी को गुब्बारे नहीं दिलवाये। वापस लौटते समय टेडी नीटू से इसी बात पे नाराज़ था।
नटखट नगर में मेला लगा हुआ था, नीटू, टीटा और टेडी तीनों मेला घूमने गए हुए थे। वहां उन तीनों ने बहुत मज़े किये मगर नीटू ने टेडी को गुब्बारे नहीं दिलवाये। वापस लौटते समय टेडी नीटू से इसी बात पे नाराज़ था।
संडे का दिन था नटखट नीटू सुबह जल्दी उठकर अपने रोज़ के काम कर रहा था, कि तभी उसकी मम्मी की आवाज़ आयी कि नीटू ये क्या देख रही हूँ मैं? नीटू पूछता है की क्या हो गया मम्मी? उसकी मम्मी बोलती हैं कि तुम्हारा रिपोर्ट कार्ड हाँथ लगा है।
गर्मी का मौसम चल रहा था नीटू और रोबो दोनों ही पहाड़ों में घूमने गए हुए थे। इधर ये बात डॉ. डेविल को पता चल गयी, उसने तुरंत अपना दिमाग चलाया और एक जादुई मफलर बना दिया।
कृष्णा जन्माष्टमी का दिन था, नटखट नीटू और उसकी कृष्ण टोली के सभी बच्चे मटकी फोड़ प्रतियोगिता के लिए बहुत उत्सुक थे। नीटू अपनी कृष्ण टोली से पूछता है की दोस्तों सारी तैयारी हो गयी है?
एक दिन शाम को नटखट नीटू और टीटा दोनों खेलने जा रहे थे कि तभी रास्ते में चलते चलते उन लोगों को बहुत तेज़ तेज़ आवाज़ आने लगती है, और फिर धरती भी हिलने लगती है। नीटू बोलता है कि लगता है कोई भारी वस्तु पृथ्वी से टकराने वाली है।
एक दिन नटखट नीटू और टीटा दोनों नटखट नगर की सैर कर रहे थे की तभी उनके सामने कुछ अजीब सा प्राणी आता है और बोलता है कि, खेतालु हूँ मैं तिनका मेरा हथियार है, दुश्मन है नीटू जो मरने को तैयार है।
एक बार की बात है नीटू सोलो ट्रिप पर गया हुआ था और ये बात लगभग सभी को पता थी, नीटू बहुत ही मज़े कर रहा था। वह सोच रहा था की मैं वापस जाकर सबसे बोलूंगा कि सभी लोग एक बार सोलो ट्रिप पर ज़रूर जाएँ।