बाल कविता : पानी और धूप
बच्चों, आपने देखा होगा कि मौसम (weather) कभी अचानक बदल जाता है। अभी धूप खिली होती है और थोड़ी ही देर में काले बादल छा जाते हैं, बिजली कड़कने लगती है और बरसात शुरू हो जाती है।
बच्चों, आपने देखा होगा कि मौसम (weather) कभी अचानक बदल जाता है। अभी धूप खिली होती है और थोड़ी ही देर में काले बादल छा जाते हैं, बिजली कड़कने लगती है और बरसात शुरू हो जाती है।
आज के समय में जब प्रदूषण (pollution) और ग्लोबल वार्मिंग (global warming) हमारे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, तब पेड़-पौधों का महत्व और भी बढ़ जाता है। पेड़ न केवल हमें ऑक्सीजन (oxygen) देते हैं, बल्कि धरती के तापमान को संतुलित रखते हैं,
कविता “मेरा घर राजमहल” बच्चों को यह सिखाती है कि असली समृद्धि (real wealth) और असली खुशी (true happiness) घर की दीवारों, छत या महंगी चीज़ों से नहीं आती, बल्कि परिवार के प्यार (love), अपनापन (togetherness)
बचपन (childhood) ज़िंदगी का सबसे सुंदर समय होता है। इसी मासूमियत और सपनों भरी दुनिया को दर्शाती है कविता “हम बच्चे”। यह कविता बच्चों को उनके सपनों (dreams), कल्पनाओं (imagination) और उम्मीदों (hope) की ताकत दिखाती है।
कविता “गुड़िया की आंखों में सपने” मासूमियत और कल्पना की दुनिया को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है। इसमें एक नन्ही गुड़िया की आंखों में बसे सपनों का चित्रण है, जो कभी हंसी-खुशी से भरे होते हैं और कभी गहरी सोच जगाते हैं। कुछ सपने इतने सरल....
यह कविता “बादल प्यारे” बच्चों की कल्पना और मासूम सवालों को बहुत सुंदर ढंग से सामने लाती है। इसमें बच्चा बादल से सीधे संवाद करता है और उसे एक दोस्त की तरह मानकर बातें करता है। बच्चा बादल से पूछता है कि बिना पंख के वह कैसे उड़ जाता है
कविता “हम बालक हैं…” एक प्रार्थना-गीत है जिसमें छोटे-छोटे बच्चे भगवान से सच्चे मन से मार्गदर्शन माँगते हैं। बच्चे स्वयं को नादान और भोला मानते हैं और मानते हैं कि ईश्वर ही ज्ञान का असली खज़ाना हैं। इसीलिए वे उनसे प्रार्थना करते हैं ...