हिंदी नैतिक कहानी: किताबें और ज्ञान
केवल पुस्तकें पढ़ लेने से ही कोई व्यक्ति अच्छे रूप से ज्ञानी नहीं हो जाता। जीवन में कई अन्य कुशलताओं का भी उतना ही महत्व है। प्रोफेसर राव को इस बात का ज्ञान काफी समय के बाद हुआ।
केवल पुस्तकें पढ़ लेने से ही कोई व्यक्ति अच्छे रूप से ज्ञानी नहीं हो जाता। जीवन में कई अन्य कुशलताओं का भी उतना ही महत्व है। प्रोफेसर राव को इस बात का ज्ञान काफी समय के बाद हुआ।
सीख देती कहानी : औकात की सीख - एक समय की बात है, एक शहर में एक लालची और अमीर सेठ रहता था। नाम था उसका धन्ना सेठ। अपनी विशाल संपत्ति के बावजूद, वो हमेशा अधिक पैसा कमाने के तरीके सोचा करता था और किसी भी चीज को बेचते और खरीददे समय दुकानदार से तोल मोल को लेकर बहुत बहस करता था। एक दिन, उसका ध्यान अपने पुराने सामान, कपड़े और कबाड़ की ओर गया, जो उसके भव्य हवेली के कबाड़खाने में पड़ा था।