Travel: दीमापुर की भीम की गोटी नागालैंड राज्य के दीमापुर शहर में ‘भीम की गोटी’ के नाम से यह स्थान जाना जाता है। दीमापुर के रेलवे स्टेशन या बस अड्डे से मात्र दो ढाई किलोमीटर की दूरी पर, राष्ट्रीय राजमार्ग- 39, जो दीमापुर से कोहिमा के लिए जाता है, पर स्थित है। By Lotpot 21 Dec 2023 in Travel New Update दीमापुर की भीम की गोटी Travel: दीमापुर की भीम की गोटी:- नागालैंड राज्य के दीमापुर शहर में स्थानीय लोगों में ‘भीम की गोटी’ के नाम से यह स्थान जाना जाता है। दीमापुर के रेलवे स्टेशन या बस अड्डे से मात्र दो ढाई किलोमीटर की दूरी पर, राष्ट्रीय राजमार्ग- 39, जो दीमापुर से कोहिमा के लिए जाता है, पर स्थित है। दीमापुर के रेलवे स्टेशन या बस अड्डे से कोई तिपहिया स्कूटर वाला मात्र 25-30 रूपए में यहां जाने के लिए आसानी से तैयार हो जाता है। (Travel) भारतीय पुरातत्व विभाग इस स्थान की देख-रेख करता है। अतः इस स्थान पर इस विभाग ने चार-दीवारी कर, एक दरवाज़ा बनाया हुआ है। इस दरवाज़े से सैलानी इस क्षेत्र के भीतर प्रवेश करते हैं। भीतर जाने पर एक बहुत बड़ा खुला मैदान है और इस मैदान में पत्थर की बनी बड़ी-बड़ी शतरंज की गोटियां बिखरी पड़ी हैं। पत्थर के इन शतरंज के मोहरों को बड़े ही कलात्मक तरीके से तराशा गया है। इन पत्थर के मोहरों का यह रूप, आज की तरह शतरंज के खेल में प्रयोग किए जाने वाले मोहरों की ही भांति हूबहू मिलता है। (Travel) मोहरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए इन पर की गई नक्काशी भी देखते ही बनती है... मोहरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए इन पर की गई नक्काशी भी देखते ही बनती है। एक ओर के मोहरे थोड़़ी-थोड़ी दूरी पर बिखरे पड़े हैं जबकि दूसरी ओर के मोहरें दो-तीन लाइनों में पड़े हुए हैं। एक राजा जैसा दिखने वाला मोहरा बिल्कुल अकेला एक कोने में पड़ा हूआ है। मोहरों में हाथी, घोड़ा, रानी, राजा व सिपाही हैं, मानों खिलाड़ी बीच में ही खेल, खेलते हुए छोड़कर चले गए हों। (Travel) इन मोहरों की लम्बाई, चैड़ाई व ऊंचाई भी कम आश्चर्यजनक नहीं है। सबसे छोटे मोहरे सिपाही की ऊंचाई पांच-छाह फुट के लगभग है। और उसी के अनुपात में उनका व्यास व वजन भी है। अन्य मोहरों की लम्बाई-ऊंचाई और वजन भी क्रमानुसार मोहरों के अनुरूप है। राजा जैसा दिखने वाला मोहरा लगभग 10-12 फीट लंबा ऊंचा है और उसका व्यास लगभग 4-5 फीट के बराबर है। इससे उसके वज़न का अंदाज भी लगाया जा सकता है। (Travel) जब भीम जंगलों में भटकते-भटकते यहां पहुंचे थे तब भीम की मुलाकात हिडम्बा नामक राक्षसी से इसी क्षेत्र में हुई थी और यहीं उनकी शादी भी हुई थी। भीम को छोड़कर, यहां से बाकी पांडव तो आगे चले गए थे लेकिन भीम ने शादी के बाद यहां कुछ वर्ष हिडम्बा के साथ व्यतीत किए थे और उसी दौरान भीम और हिडम्बा अपना खाली समय शतरंज के इन मोहरों के साथ खेलकर व्यतीत करते थे। (Travel) मोहरों के आकार-प्रकार और वज़न को देखते हुए इनसे खेल खेलने वाले खिलाड़ी भीम और महाभारत में भीम के भीमकाय शरीर का वर्णन किया गया है, जिसमें भीम में 10 हजार हाथियों के समान बल को बताया गया है और राक्षस जाति की हिडम्बा के भीमकाय और बलशाली शरीर का भी वर्णन किया गया है। इन मोहरों से उस समय के मानव और दानव दोनों के शारीरिक आकार-प्रकार व बल को ये मोहरें चरितार्थ करते प्रतीत होते हैं। ये अद्भुत मोहरें भारत की अमूल्य प्राचीन धरोहरों में से एक हैं। इन मोहरों को देखकर यहां आने वाले सैलानी आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह पाते। (Travel) lotpot | lotpot-e-comics | travel-destinations-india | travel-places-india | travel Dimapur | Bhim Ki Goti | लोटपोट | lottpott-i-konmiks यह भी पढ़ें:- Travel: पहाड़ों की रानी ऊटी Travel: भारत का सबसे प्राचीन शिव मंदिर Travel: झीलों का शहर है भोपाल Travel: छत्तीसगढ़ में घूमने वाली उम्दा जगह #लोटपोट #Lotpot #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #Travel places India #travel destinations India #travel Dimapur #Bhim Ki Goti #भीम की गोटी You May Also like Read the Next Article