Travel: भगवान श्री कृष्ण का शिक्षा स्थान गुरू सांदीपनि आश्रम उज्जैन स्थित महर्षि सांदीपनि आश्रम ऋषि सांदीपनि की तप स्थली है। यहां महर्षि ने घोर तपस्या की थी। इसी स्थान पर महर्षि सांदीपनि ने वेद, पुराण, शास्त्रादि की शिक्षा हेतु आश्रम का निर्माण करवाया था। By Lotpot 14 Nov 2023 in Travel New Update भगवान श्री कृष्ण का शिक्षा स्थान गुरू सांदीपनि आश्रम Travel भगवान श्री कृष्ण का शिक्षा स्थान गुरू सांदीपनि आश्रम:- उज्जैन स्थित महर्षि सांदीपनि आश्रम ऋषि सांदीपनि की तप स्थली है। यहां महर्षि ने घोर तपस्या की थी। इसी स्थान पर महर्षि सांदीपनि ने वेद, पुराण, शास्त्रादि की शिक्षा हेतु आश्रम का निर्माण करवाया था। महाभारत, श्रीमद्भागवत, बह्मपुराण, अग्निपुराण तथा ब्रम्हवैवर्तपुराण में सांदीपनि आश्रम का उल्लेख मिलता है। (Travel) पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान भी कृष्ण, बलराम और उनके मित्र सुदामा ने इसी आश्रम में कुलगुरू सांदीपनि से शास्त्रों और वेदों का ज्ञान लिया था। इसलिए सांदीपनि आश्रम को श्री कृष्ण की विद्या अध्ययन स्थली के नाम से भी जाना जाता है। (Travel) पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने 64 दिनों के अल्प समय में सम्पूर्ण शास्त्रों... पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने 64 दिनों के अल्प समय में सम्पूर्ण शास्त्रों की शिक्षा ग्रहण कर ली थी। (Travel) उसका विवरण इस प्रकार है। 18 दिनों में 18 पुराण, 4 दिनों में 4 वेद, 6 दिनों में 6 शास्त्र, 16 दिनों में 16 कलाएं, 20 दिनों में गीता का ज्ञान, उसके साथ ही गुरू दक्षिणा और गुरू सेवा। 64 दिनों में शिक्षा पूर्ण हो जाने के बाद महर्षि सांदीपनि ने श्रीकृष्ण से कहा, ‘‘मेरे पास जो भी ज्ञान था वो तो मैं आपको दे चुका हूँ, आपकी शिक्षा पूर्ण होती है।’’ फिर श्री कृष्ण के गुरू दक्षिणा देने की बात पर महर्षि बोले, आप तो स्वयं प्रभु हैं, मैनें क्या दिया है आपको? तब गुरू शिष्य परंपरा का निर्वाह करने के लिए श्री कृष्ण ने कहा। ‘‘गुरूदेव गुरू दक्षिणा स्वरूप कुछ आदेश तो करना ही होगा।’’ (Travel) उत्तर स्वरूप महर्षि ने अपनी पत्नी सुषुश्रा को उनके बदले कुछ माँगने को कहा। गुरू माँ ने गुरू दक्षिणा के रूप में अकाल मृत्यु को प्राप्त अपने पुत्र का जीवनदान माँगा। उन्होंने गुरू पुत्र पुनर्दत्त को पुनर्जीवन का वरदान दिया और अपनी गुरू दक्षिणा पूर्ण की। (Travel) आश्रम में जहां गुरू सांदीपनि बैठते थे वहां उनकी प्रतिमा और चरण पादुकाएं स्थापित हो गईं हैं और जहां कृष्ण बैठ कर विद्यार्जन किया करते थे वहां भगवान की पढ़ती लिखती बैठी हुई प्रतिमा विराजमान है जो दुनिया में और कहीं नहीं मिलती। (Travel) आश्रम के सम्मुख श्री कुंडेश्वर महादेव का मंदिर है जो चैरासी महादेव में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह पूरी पृथ्वी पर एक ही ऐसा शिवलिंग है जिसमें शिव का वाहन नंदी खड़ा हुआ है। मान्यतानुसार जब श्री कृष्ण आश्रम में आये तो उज्जैन यानी अवंतिका के राजा महाकाल कार्तिक मास की बैकुंठ चतुर्दशी के दिन उनसे मिलने पधारे। तब गुरू के सम्मान में नंदी खड़े हो गए क्योंकि यह गुरू का स्थान है। (Travel) मंदिर के पीछे एक अतिप्राचीन श्री सर्वेश्वर महादेव का मंदिर भी है जो लगभग 6000 वर्ष पुराना है। (Travel) महर्षि सांदीपनि आश्रम मंगलनाथ रोड पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से यहां की दूरी तकरीबन 7 किलोमीटर है यहां आने के लिए सिटी बस एवं टैक्सी सेवा उपलब्ध है। (Travel) lotpot-latest-issue | sair-sapata | Ujjain | लोटपोट | sair-spaattaa यह भी पढ़ें:- Travel: 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है अण्डमान और निकोबार असम के खूबसूरत हिल स्टेशन Travel: नर और नारायण नामक पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्तिथ है बद्रीनाथ Travel : आओ करें लक्षद्वीप की यात्रा | कब जाएँ यहाँ घूमने #लोटपोट #Lotpot #Travel #Lotpot latest Issue #सैर सपाटा #sair sapata #सांदीपनि आश्रम #Ujjain You May Also like Read the Next Article