लोटपोट की बड़ी मजेदार कहानी : मन्नू ने की पार्क की सैर लोटपोट की बड़ी मजेदार कहानी: रविवार का दिन था। सबकी छुट्टी थी। आसमान साफ था और ठंडी ठंडी हवा बह रही थी। सूरज की किरणें शहर के ऊपर बिखरी थीं। धूप में गर्मी नहीं थी। मौसम सुहावना था। बिल्कुल वैसा जैसा एक पिकनिक के लिए होना चाहिए। मन्नू सोचने लगा, काश! आज हम कहीं घूमने जा सकते। By Lotpot 10 Oct 2023 | Updated On 12 Oct 2023 17:56 IST in Fun Stories Moral Stories New Update लोटपोट की बड़ी मजेदार कहानी: रविवार का दिन था। सबकी छुट्टी थी। आसमान साफ था और ठंडी ठंडी हवा बह रही थी। सूरज की किरणें शहर के ऊपर बिखरी थीं। धूप में गर्मी नहीं थी। मौसम सुहावना था। बिल्कुल वैसा जैसा एक पिकनिक के लिए होना चाहिए। मन्नू सोचने लगा, काश! आज हम कहीं घूमने जा सकते। मन्नू रसोई में आया। मां बेसिन में बर्तन धो रही थी। ‘मां, क्या कल हम कहीं घूमने चल सकते हैं?’ मन्नू ने पूछा। ‘क्यों नहीं, अगर रविवार को स्कूल का काम पूरा कर लो तो हम ज़रूर घूमने चलेंगे।’ मां ने कहा। ‘आज मैं स्कूल का काम पूरा कर लूंगा’ मन्नू ने कहा। मन्नू स्कूल का काम करने बैठ गया। ‘हम कहां घूमने चलेंगे?’ मन्नू ने पूछा। ‘बाबा और मुन्नी ने गांधी पार्क का कार्यक्रम बनाया है।’ मां ने बताया। ‘यह पार्क तो हमने पहले कभी नहीं देखा?’ मन्नू ने पूछा। ‘हां, इसलिए तो।’ मां ने उत्तर दिया। सुबह रविवार को सब तैयार हो गए ‘क्या गांधी पार्क बहुत दूर है?’ मुन्नी ने पूछा। ‘हां, हमें कार से लंबा सफर तय करना होगा।’ बाबा ने बताया। सुबह के काम पूरे कर के सब लोग तैयार हो गए। मां ने खाने पीने की कुछ चीज़ें साथ में ली और वे सब कार में बैठ कर सैर को निकल पड़े। रास्ता मज़ेदार था। सड़क के दोनों ओर पेड़ थे। हरी घास सुंदर दिखती थी। सड़क पर यातायात बहुत कम था। सफेद रंग के बादल आसमान में उड़ रहे थे। बाबा कार चला रहे थे। मुन्नी ने मीठी पिपरमिंट सबको बांट दी। कार में गाने सुनते हुए रास्ता कब पार हो गया उन्हें पता ही नहीं चला। बाबा ने कार रोकी। मां ने कहा सामान बाहर निकालो अब हम उतरेंगे। गांधी पार्क में अंदर जाकर मुन्नी ने देखा चारों तरफ हरियाली थी। वह इधर उधर घूमने लगी। बहुत से पेड़ थे। कुछ दूर पर एक नहर भी थी। नहर के ऊपर पुल था। उसने पुल के ऊपर चढ़कर देखा। बड़ा सा बाग था। एक तरफ फूलों की क्यारियां थी। थोड़ा आगे चलकर मुन्नी ने देखा गांधी जी की एक मूर्ति भी थी। घूमते घूमते मुन्नी को प्यास लगने लगी। मां ने मुन्नी को गिलास में संतरे का जूस दिया। मां और बाबा पार्क के बीच में बने लंबे रास्ते पर टहलने लगे। मुन्नी फूलों की क्यारियों के पास तितलियां पकड़ने लगी। तितलियां तेज़ी से उड़ती थीं और आसानी से पकड़ में नहीं आती थी। तितलियों के पीछे दौड़ते दौड़ते जब वह थक गयी तो एक पेड़ के नीचे सुस्ताने बैठ गयी। उसने देखा पार्क में थोड़ी दूर पर झूले लगे थे। मन्नू एक फिसलपट्टी के ऊपर से मुन्नी को पुकार रहा था, ‘मुन्नी मुन्नी यहां आकर देखो कितना मज़ा आ रहा है।’ मुन्नी आराम करना भूलकर झूलों के पास चली गयी। वे दोनों अलग अलग तरह के झूलों का मज़ा लेते रहे। ‘मन्नू- मुन्नी बहुत देर हो गयी? घर नहीं चलना है क्या?’ मां और बाबा बच्चों से पूछ रहे थे। दोनों बच्चे भागकर पास आ गए। ‘पार्क कैसा लगा बच्चों?’ मां ने पूछा। ‘बहुत बढ़िया’ मन्नू और मुन्नी ने कहा। वे खुश दिखाई देते थे। चलो, अब वापस चलें, फिर किसी दिन दुबारा आ जाएंगे।’ बाबा ने कहा। सफर मज़ेदार था। दिन सफल हो गया। बच्चों ने सोचा। सब लोग गाड़ी में बैठ गए। बाबा ने गाड़ी मोड़ी और घर की ओर ले ली। सैर की सफलता के बाद सब घर लौट गए। और पढ़ें : Moral Story : तोते की सीख Moral Story: शिक्षा देती बाल कहानी : लालच का फल Moral Story : किस्मत का चक्कर Like us : Facebook Page #हिंदी कहानी #शिक्षाप्रद कहानियां #लोटपोट #रोचक कहानियां #बाल कहानी #बच्चों की कहानी #जंगल कहानियां #Motivational Story #Moral Story #Mazedaar Kahani #Lotpot ki Kahani #Kids Story #Jungle Story #Inspirational Story #Hindi Story #Best Hindi Kahani #Bacchon Ki Kahani #Acchi Kahaniyan #बच्चों के लिए कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां You May Also like Read the Next Article