Travel: खालसा पंथ की इमारत विरासत-ए-खालसा घूमना फिरना किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन घूमने-फिरने की बात आए तो मन में सिर्फ पहाड़, झरने ही आते हैं या फिर पुरानी इमारतें, जिन्हें देखकर वहां की कहानियाँ याद आती हैं। By Lotpot 21 Mar 2024 in Travel New Update खालसा पंथ की इमारत विरासत-ए-खालसा Travel खालसा पंथ की इमारत विरासत-ए-खालसा:- घूमना फिरना किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन घूमने-फिरने की बात आए तो मन में सिर्फ पहाड़, झरने ही आते हैं या फिर पुरानी इमारतें, जिन्हें देखकर वहां की कहानियाँ याद आती हैं। बचपन में इतिहास की किताबों के जरएि उन्हें अपने जेहन में उतारा था। ऐसे ही इतिहास के पन्नों पर उकेरी गई खालसा पंथ की इमारत को विरासत के रूप में संजोया गया है, "विरासत-ए-खालसा" में। (Travel) हिमाचल के पहाड़ों की गोद में बसा है पंजाब का श्री आनंदपुर साहिब शहर। यह खालसा पंथ की जन्मभूमि भी है। यहां बनाया गया विरासत-ए-खालसा वास्तुशिल्प का एक जबरदस्त नमूना होने के साथ-साथ पंजाब की समृद्ध विरासत का शोकेस भी है। आज यह देश का बेहतरीन म्यूजियम बन चुका है, जिसकी पुष्टि लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स ने भी कर दी है। विश्व भर में विलक्षण पहचान बना चुके विरासत-ए-खालसा में पर्यटकों की गिनती महज 7 वर्षो में 97 लाख से भी ज्यादा हो चुकी है। नाव के आकार की इमारतः जिस जगह पर 1699 ईस्वी में दसवें गुरू गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, वहां आज तख्त श्री केसगढ़ साहिब बना हुआ है। इसके ठीक थोड़ी दूर पर बना है विरासत-ए-खालसा। सबसे खूबसूरत है इसकी नाव आकार की इमारत, जो ऊपर से देखने में ही बहुत प्यारी लगती है। तख्त श्री केसगढ़ साहिब में माथा टेकने वाले विरासत-ए-खालसा को भी देखना नहीं भूलते। इसका डिजाइन इजरायल के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट मोशे सेफदी ने तैयार किया था। (Travel) 27 गैलरियों वाला म्यूजियमः विरासत-ए-खालसा की 27 गैलरियाँ हैं। पंजाब के 550 सालों की विरासत को बखूबी पेश किया गया है। हर गैलरी में विरासत को बखूबी पेश किया गया है। हर गैलरी में क्या है, इसके बारे में यहाँ विस्तार से लिखा भी हुआ है। इस बारे में आप हेडफोन के जरिए हिंदी, पंजाबी या फिर अंग्रेजी में सुन भी सकते हैं। पहली गैलरी में पंजाब की संस्कृति के विभिन्न रंगो को लाइट ऐंड साउंड के जरएि पेश किया गया है। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, हेडफोन के जरिए आपको बताया जाता है। जैसे ही आप अगली गैलरी में जाते हैं, अपको एक औंकार आकार का एक झूमर दिखई पड़ता है जो ‘परमात्मा एक है’ का संदेश देता है। इसके बाद एक-एक करके दस गुरूओं के जीवनकाल बताती गैलरियाँ हैं। यहाँ गुरूओं के जीवनकाल की उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किया गया है। (Travel) दसवें गुरू के जीवनकाल वाली गैलरी में दाखिल होते ही आठ मिनट के शो में दिखाया जाता है कि कैसे उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की। इससे अगली गैलरी श्री गुरू ग्रंथ साहिब की है। उसके बाद बाबा बंदा सिंह बहादुर के समय को दिखाया गया है किस तरह से उन्होंने खालसा राज बहाल किया। उसके बाद महाराजा रंजीत सिंह, उनके द्वारा स्थापित की गई मिसालें और उनका शासनकाल दिखाया गया है। उनकी मृत्यु के बाद किस तरह खालसा राज खत्म हुुआ और अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया, यह भी देखने को मिलता है। इसके अगली गैलरियों में गुरूद्वारा सुधार लहर, शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का गठन, गदर सिंह, भगत सिंह की शाहदत दिखाई गई हैं। सबसे अंतिम गैलरी अरदास गैलरी है। साथ लाएं आइडी प्रूफः विरासत-ए-खालसा में जाने के लिए आइडी प्रुफ लाना जरूरी है। टिकट काउंटर पर इसे देखा जाता है। जब अंदर गैलरियों को देखने के लिए ऑडियो सिस्टम दिया जाता है, तो वहां आइडी प्रुफ जमा कराना होता है। कैसे पहुंचे? श्री आनंदपुर साहिब रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। चंडीगढ़ से नंगल-ऊना की ओर जाने वाली सभी रेलगाड़ियाँ श्री आनंदपुर साहिब जाती है, जहाँ से श्री आनंदपुर साहिब 80 किलो मीटर है। यहाँ से कैब करके डेेढ़ घंटे में विरासत-ए-खालसा पहुँचा जा सकता है। (Travel) कब बनी यह इमारत 22 नवंबर, 1998 को पंत प्यारों से इसका शिलान्यास कराया गया। 2011 में पहला चरण और 2016 में दूसरा चरण खोला गया। (Travel) कुल एरिया 118 एकड़ है और तीन ब्लाॅक ए,बी और सी। इसके अंदर डिजिटल लाइब्रेरी भी है, जहाँ 8000 से अधिक किताबें हैं। 428 सीटों वाला ऑडिटोरियम भी बनाया गया है। सप्ताह में एक दिन सोमवार को यह बंद होता है, जबकि साल भर में दो बार एक-एक हफ्ते के लिए रख रखाव के लिए बंद किया जाता है, 24 जनवरी से 31 जनवरी और 24 जुलाई से 31 जुलाई तक। (Travel) lotpot E-Comics | travel places in India | travel destinations India | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | ट्रेवल | ट्रेवल प्लेसेस यह भी पढ़ें:- Travel: जटोली शिव मंदिर जहां पत्थरों से निकलती है डमरू की आवाज Travel: अद्वितीय विशेषताओं का स्थान है कोट्टायम Travel: जगन्नाथ पुरी रथयात्रा Travel: छत्तीसगढ़ में घूमने वाली उम्दा जगह #लोटपोट #Lotpot #विरासत-ए-खालसा #ट्रेवल #lotpot E-Comics #travel places in India #travel destinations India #लोटपोट ई-कॉमिक्स #Virasat-e-Khalsa #ट्रेवल प्लेसेस #खालसा पंथ की इमारत You May Also like Read the Next Article