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Photo Credit : Hindustan
आओ जाने : कोहरे और धुंध के बीच का अंतर: जब भी नमी अधिक हो, हवा कम और तापमान कम हो, तो कोहरा अपने आप हो जाता है. यह दृश्यता कम कर देता है और अधिक दुर्घटनाएं जैसे सड़क हादसे और रेल तथा हवाई सेवा पर खासा असर होता है. जब प्रदूषण का स्तर वातावरण में ज्यादा मात्रा में होता है तब प्रदूषण के कण कोहरे में मिलकर दृश्यता की मात्रा और भी कम कर देता है. इसको धुंध कहा जाता है. यह धुंध फेफड़े और दिल दोनों के लिए बहुत हानिकारक है।
उच्च सल्फर डाइऑक्साइड सामग्री क्रोनिक ब्रोंकाइटिस की वर्षा करने लिए होता है। उच्च नाइट्रोजन डाइऑक्साइड सामग्री से अस्थमा होने की आशंका होती है।
उच्च कण (पीएम 10), वायु प्रदूषण 2.5-10 माइक्रोन के बीच फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और हवा के प्रवाह और सूजन के कारण अस्थमा हो सकता है।
Photo Credit : nationone tvपीएम 2.5 के उच्च सामग्री कण से वायु प्रदूषण के कम से कम 2.5 माइक्रोन फेफड़ों में प्रवेश और फेफड़ों के स्तर को नुकसान पहुंचा सकते हंै। वहीं इससे अवशोषण और दिल में सूजन हो सकती है।
अस्थमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के मरीजों को धुंध के दिनों में अपनी दवाओं का सेवन करने के साथ-साथ खाने की खुराक अच्छी रखनी चाहिए। धुंध के समय बाहर जाने से बचना चाहिए।
धुंध के दौरान चलने से बचना चाहिए और गाड़ी धीरे-धीरे चलानी चाहिए। वहीं हृदय रोगियों को सुबह जल्दी उठकर वाॅक पर जाना बंद कर देना चाहिए। फ्लू, निमोनिया वैक्सीन लेना याद रखें।
