सर्दियों में स्कूल जाने वाले बच्चों की देखभाल कैसे करें?
Web Stories सर्दियों का मौसम आते ही ठंडी हवाएं और गिरता तापमान बच्चों की सेहत के लिए चुनौती बन जाता है। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए इस समय विशेष देखभाल की जरूरत
Web Stories सर्दियों का मौसम आते ही ठंडी हवाएं और गिरता तापमान बच्चों की सेहत के लिए चुनौती बन जाता है। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए इस समय विशेष देखभाल की जरूरत
सर्दियों का मौसम आते ही ठंडी हवाएं और गिरता तापमान बच्चों की सेहत के लिए चुनौती बन जाता है। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए इस समय विशेष देखभाल की जरूरत होती है
बच्चों को सालों साल तंदुरूस्त और स्वस्थ रखने के लिए इन खाने के पदार्थों का इस्तेमाल करे जो आपके प्रतिरक्षी तंत्र की शक्ति को बढ़ाते है
आपके नाखून टूट सकते है तो इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे को नाखून कि देखभाल करना सिखाये। अपने बच्चों को दिए गए टिप्स सिखाये इससे उन्हें नाखून को स्वस्थ रखने की आदत पड़ेगी।
अभिभावक बच्चे के उदर मांसपेशियों में दर्द के बारे में पता लगा सकते है। नवजात और बहुत छोटे बच्चे रोकर या फिर पलटिया खाकर अपने दर्द को बयान कर सकते है। युवा बच्चे आपको बता देते हैं की उन्हें क्या परेशानी है। बच्चों से इन भावों के बारे में पूछकर उनके दर्द का पता लगाएः
सिर की जुएं क्या है? सिर की जुएं एक छोटा छः टांगों वाला कीड़ा हैं, जो आपकी खोपड़ी और गर्दन पर चिपककर आपके शरीर का खून पीता है। हर जूं एक तिल के दाने जितनी लम्बी होती है और बड़ी मुश्किल से ढूंढी जाती है। जूं के अण्डों को लीख कहा जाता है जो खोपड़ी के साथ वाले बालों पर चिपकी होती है और बड़ी मुश्किल से दिखाई देती है।
बच्चों के लिए 7 स्वास्थयवर्धक(Healthy Foods for Kids) खाने वाली चीज़ें, जो बच्चों के शरीर में बहुत फायदा करती है, यहाँ हमने कुछ खाने वाली चीज़ों की लिस्ट बनाई है जो बड़ी आसानी से बाज़ार में उपलब्ध हो जाती है.
आपके खाने में सोडियम की मात्रा कम होनी चाहिए और किसी भी इंसान को एक दिन में 6 ग्राम से ज्यादा सोडियम क्लोराइड नहीं खाना चाहिए। वनस्पति घी और हाइड्रोजनेटेड तेल में मौजूद ट्रांसफैट का सेवन कम से कम करना चाहिए क्योंकि यह दिल के लिए अच्छे नहीं होते और यह अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्राॅल को कम करके गंदे एलडीएल कोलेस्ट्राॅल को बढ़ाते है।
Health : संविधान की धारा 14 और 21 के मुताबिक हर किसी को स्वस्थ और खुशनुमा जिन्दगी जीने का हक है और इसी के चलते वह आकस्मिक स्वास्थ्य सेवा के हकदार भी है। किसी को भी बीमारी के कारण इसलिए मरने का हक नहीं है कि वह उसका इलाज करवाने योग्य नहीं है।