बाल कहानी : पहली अप्रैल आज पहली अप्रैल का दिन था। अलका पिछले कई दिनों से लगातार यही सोच रही थी कि इस बार अप्रैल की पहली तारीख को किसे मूर्ख बनाया जाये? सहेलियों को तो वह मूर्ख बनाती ही रही है। पर उन्हें मूर्ख बनाने में उसे कभी कोई विशेष मजा नहीं आया। आस-पड़ोस में भी किसी को बेवकूफ बनाया नहीं जा सकता, उसके घर की हर बात ही तो पड़ोसन जानती है। फिर क्या किया जा सकता है? किसी सरल स्वभाव वाले को छलने में ही आनंद आता है। सुबह वह नई ताजगी लिए हुए बिस्तर से उठी। नाश्ता करते-करते उसे बढ़िया आइडिया सूझ आया था। By Lotpot 28 Feb 2020 in Stories Moral Stories New Update बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) पहली अप्रैल- आज पहली अप्रैल का दिन था। अलका पिछले कई दिनों से लगातार यही सोच रही थी कि इस बार अप्रैल की पहली तारीख को किसे मूर्ख बनाया जाये? सहेलियों को तो वह मूर्ख बनाती ही रही है। पर उन्हें मूर्ख बनाने में उसे कभी कोई विशेष मजा नहीं आया। आस-पड़ोस में भी किसी को बेवकूफ बनाया नहीं जा सकता, उसके घर की हर बात ही तो पड़ोसन जानती है। फिर क्या किया जा सकता है? किसी सरल स्वभाव वाले को छलने में ही आनंद आता है। सुबह वह नई ताजगी लिए हुए बिस्तर से उठी। नाश्ता करते-करते उसे बढ़िया आइडिया सूझ आया था। वह मन ही मन पुलकित हुई जा रही थी। दीवार पर टंगे पंखें ही हवा के संग उड़ते कैलेंडर की प्रथम अप्रैल निगाहे बार-बार उसकी उलझ रही थी। उसने स्कूल यूनिफार्म पहनने में जानबूझ कर आज कुछ अधिक समय गंवाया। मम्मी रसोई घर से एक बार चिल्लाई भी बेटी! स्कूल जाने में तुझे देर हो रही है। जल्दी तैयार हो जा। वर्ना लेट हो जायेगी। लापरवाही से बस्ता टांगे धीरे-धीरे लंबे रास्ते से होकर वह जब स्कूल पहुंची, तब प्रार्थना हो चुकी थी। छात्राएं अपनी अपनी कक्षाओं में यथास्थान बैठ चुकी थी। कक्षा के द्वार पर भीतर प्रवेश करने की जैसे ही उसने अध्यापिका से अनुमति चाही वे अचंभित होते हुए उसने लेट आने का कारण पूछ बैठी। रोने की एक्टिंग करने लगी सदैव समय पर विद्यालय पहुुंचने वाली छात्रा का देर से आना, कक्षा की छात्राओं को भी अचरज में डाल रहा था। वह रोने का अभिनय करती हुई बोली। टीचर जी, डैडी! पिछली रात से काफी बीमार हो गये हैं। मम्मी के संग उन्हीं की देख रेख में लगी रहने से मुझे विलम्ब हो गया। क्षमा चाहती हूँ। अध्यापिका ने उसे हमदर्दी जतलाते हुए बैठने की आज्ञा दे दी। अलका सहित कक्षा की और छात्राओं ने भी महसूस किया कि आज अध्यापिका जी का मन पढ़ाने में बिल्कुल नहीं लग रहा है। स्कूल छूटने पर अलका खुद को विजयी मानती हुई घर लौट रही थी। टीचर जी को कैसा बेवकूफ बनाया? वह सोचती चली जा रही थी कि तभी चैराहे के समीप वाले अस्पताल के बाहर अपने विद्यालय के अध्यापकों और अन्य लोगों से पूछताछ करने पर उसे ज्ञात हुआ कि एक अध्यापिका टैक्सी से कहीं जा रही थी कि एक तभी उसकी टैक्सी एक ट्रक से टकरा जाने से वह जख्मी हो गई। अलका का दिल धक्-धक् करने लगा। कहीं वह अपनी अध्यापिका तो नहीं? घर आकर बस्ता एक ओर फेंकते हुए उसने हाथ मुंह धोकर जल्दी-जल्दी भोजन किया और अस्पताल पहुंची। रो पड़ी अलका बाहर बेंच पर अध्यापकों के संग वह काफी देर बैठी रही अनुमति मिलने पर वह अध्यापिका जी के बिस्तर तक पहुंची। अलका को पास देखकर बोली। तुम्हारे डैडी की तबीयत अब कैसी है? उनको देखने ही जा रही थी कि तभी टैक्सी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मुझे खेद है कि मैं तुम्हारे डैडी को देखने न आ सकी। अलका अपने आंसुओं को रोक न पाई। और अध्यापिका जी से क्षमा चाहते हुए बोली। मेरे ही कारण आपकी आज यह स्थिति हुई है। आप में कितनी दया करूणा भरी हुई है। मेरे डैडी को कुछ भी नहीं हुआ था। वे स्वस्थ हैं पूरी तरह। मैंने आपको अप्रैल फूल बनाना चाहा था। मैं बेहद लज्जित हूँ अपने ऊपर। अध्यापिका जी उसके सिर पर हाथ फेरती हुई बोलीं। कोई बात नहीं, अलका बेटी! हंसी मजाक सच में जीवन के अंग हैं हास- परिहास बगैर जीवन अधूरा है। पहली अप्रैल की हास-परिहास और मजाक किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, या किसी को कोई क्षति पहुंचाते है, तो ऐसा मजाक एक अपराध से कम नहीं। सीमा से परे मजाक अप्रैल फूल के राज भी क्षम्य नहीं होना चाहिए। अब से मैं कभी किसी के संग इस तरह का कोई मजाक नहीं करूंगी। अलका आज भी अप्रैल आने पर आज भी लोगों का मजाक तो बनाती है। पर बहुत ही सोच समझकर। हर पहली अप्रैल को उसे अपनी भूल याद आ जाती है। ये कहानी जरूर पढ़ें : बाल कहानी : शरारत की सजा www.facebook.com #april fools day movie #april fools day jokes #april fools day facts #april 1st new year #april 1st history #1st April #1 अप्रैल को क्या मनाया जाता है #1 अप्रैल को कौनसा दिवस मनाया जाता है #हिंदी कहानी #शिक्षाप्रद कहानियां #लोटपोट #रोचक कहानियां #बाल कहानी #बच्चों की कहानी #जंगल कहानियां #Motivational Story #Moral Story #Mazedaar Kahani #Lotpot ki Kahani #Kids Story #Jungle Story #Inspirational Story #Hindi Story #Best Hindi Kahani #Bacchon Ki Kahani #Acchi Kahaniyan #मूर्ख दिवस पर शायरी #मूर्ख दिवस कब मनाया जाता है #अप्रैल फूल दिवस #अप्रैल फूल क्यों मनाया जाता है #अप्रैल फूल कैसे बनाये #history of april fools day in islam #first april jokes #famous april fools pranks You May Also like Read the Next Article