बाल कहानी : मूर्ख कौन है? एक बार एक कुम्हार अपने गधे को लेकर कहीं जा रहा था। चलते चलते काफी देर हो गई। कुम्हार थक गया। इसलिये उसने अपने गधे को एक पेड़ के तने से बांध दिया और चादर बिछाकर पेड़ के नीचे आराम करने लगा। शाम का समय था। कुम्हार को अंधेरे में कुछ चमकता हुआ दिखाई पड़ा। By Lotpot 28 Jan 2020 | Updated On 28 Jan 2020 10:58 IST in Stories Moral Stories New Update मूर्ख कौन बाल कहानी (Lotpot Hindi Kids Stories) : मूर्ख कौन है - एक बार एक कुम्हार अपने गधे को लेकर कहीं जा रहा था। चलते चलते काफी देर हो गई। कुम्हार थक गया। इसलिये उसने अपने गधे को एक पेड़ के तने से बांध दिया और चादर बिछाकर पेड़ के नीचे आराम करने लगा। शाम का समय था। कुम्हार को अंधेरे में कुछ चमकता हुआ दिखाई पड़ा। कुम्हार उत्सुकतावश वश उठ कर वहाँ पहुँचा, जहाँ वह चीज चमकती हुुई दिखाई दे रही थी। कुम्हार ने देखा कि एक छोटा सा पत्थर है जो चमक रहा है। पत्थर में एक छेद भी था। कुम्हार ने सोचा कि अपने गधे के गले में पहना दूं। यह सोचकर कुम्हार ने एक धागा उस छेद में डाला और वह पत्थर अपने गधे के गले में पहना दिया। इतना काम करने के बाद कुम्हार सो गया। सुबह उठकर कुम्हार ने अपने गधे को खोला और उसे लेकर आगे चल पड़ा। रास्ते में कुम्हार को एक जौहरी (सोने चाँदी का व्यापारी) मिला। जौहरी ने गधे के गले में बंधे उस पत्थर को देख लिया। जौहरी समझ गया। कि यह पत्थर नहीं। बल्कि हीरा है। जौहरी ने सोचा कि कुम्हार सेे हासिल कर लिया जाये। यह सोचकर जौहरी ने कुम्हार से पूछा। तुमने अपने गधे के गले मे क्या बांध रखा है? कुम्हार ने सीधे स्वर में उत्तर दिया। कुछ नहीं भाई, रास्ते में एक पत्थर मिला। मैंने उसे अपने गधे के गले में पहना दिया। अब जौहरी को पूरी पूरी उम्मीद हो गयी कि यह हीरा उसे मिल जायेगा। इसलिए उसने कुम्हार से दुबारा पूछा। अच्छा भाई, यह बताओ कि यदि यह पत्थर मैं तुमसे खरीद लूंू, तो तुम कितने पैसे लोगे?’ कुम्हार ने सोचा कि इसे खरीदना है नहीं, ऐसे ही पूछ रहा है। इसलिये उसने भी ऐसे ही कह दिया। पाँच रूपये। देखो भाई मैं तुम्हें दो रूपया दूंगा। नहीं भाई, मैं दो रूपये में नहीं बेचूंगा। कुम्हार ने साफ इंकार कर दिया। जब कुम्हार नहीं माना तो जौहरी आगे बढ़ गया जौहरी ने सोचा कि कुम्हार अभी उसको वापस बुलाकर हीरा उसके हवाले कर देगा। लेकिन कुम्हार ने उसे वापस नहीं बुलाया। चलते चलते रास्ते में कुम्हार को दूसरा जौहरी मिला। जौहरी हीरे जवाहरात का व्यापार तो करते ही हैं वह पहचान गया कि गधे के गले में हीरा बांधा है। उसने पूछा। क्यों भाई। यह कहाँ मिला तुम्हें? कुम्हार के कान खड़े हो गये। यह दूसरा आदमी था। जो कि गधे के गले में बंधे पत्थर के बारे में पूछ रहा था कुम्हार समझ गया कि यह पत्थर तो कीमती चीज है। इसलिए कुम्हार ने उस जौहरी से पूछा। क्यों, क्या करोगे यह जानकर? ऐसा है भाई कि मैं इसे खरीदना चाहता हूँ, कितने रूपयों में बेचोगे? कुम्हार ने सोचा कि इसे भी खरीदना है नहीं? बस ऐसे ही पूछताछ कर रहा है। कुम्हार ने कुछ अकड़ते हुए कहा, दस रूपये इस पत्थर के लगेंगे। यह लो दस रूपये। जौहरी ने दस रूपये का एक नोट निकाल कर उसे पकड़ा दिया। कुम्हार को आशा नहीं थी कि सौदा इतनी जल्दी पट जायेगा। उसने खुशी खुशी गले में बंधे हुए पत्थर को खोला और जौहरी को थमा दिया। जौहरी खुश होकर अपने घर की ओर चल पड़ा। उसे एक अमूल्य वस्तु ‘हीरा’ सिर्फ दस रूपये में मिल गया था। इधर कुम्हार खुशी से फूला नहीं समा रहा था। उसने एक मामूली पत्थर को दस रूपये में बेच दिया था। वह सोच रहा था कि भला ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा? जब कुम्हार आगे बढ़ा तो उसे पहला जौहरी फिर मिला। उसने कहा, क्यों भाई, तुमने जो पत्थर अपने गधे के गले में पहना रखा था उसका क्या हुआ? उसे तो मैंने बेच दिया। कुम्हार ने बताया। कितने रूपयों में? दस रूपये में, कुम्हार ने सीधे सादे स्वर में उत्तर दिया। आसमान से गिर पड़ा। तुम अव्वल दर्जे के मूर्ख हो। तुमने सिर्फ दस रूपये में ही उसे बेच दिया। अरे मूर्ख! तुझे क्या मालूम कि वह पत्थर नहीं, बल्कि हीरा था, हीरा। हीरे को तुमने पत्थर के भाव बेच दिया। तुमसे बड़ा मूर्ख शायद इस संसार में नहीं है। कुम्हार ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया देखो भाई, मैं ठहरा कुम्हार, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले को भला हीरे और पत्थर की क्या परख? मुझे तो मालूम नहीं था कि वह हीरा है। मैं तो उसे सिर्फ पत्थर ही समझता था। लेकिन भाई, तुम तो जानते ही थे कि वह पत्थर नहीं, बल्कि हीरा है फिर भी तुमने हीरे को पत्थर के भाव भी नहीं खरीदा। अब बताओं भाई, मूर्ख कौन, मैं या तुम? जौहरी चुपचाप हाथ मलता हुआ अपने घर की ओर चल पड़ा और कुम्हार हँसता हुआ आगे बढ़ गया। बाल कहानी : नई सोच नई उम्मीद Facebook | Twitter #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी You May Also like Read the Next Article