बाल कहानी : समय की सूझ सरिता अभी अभी पार्क से खेलकर लौटी थी। वह बाथरूम में जाकर हाथ मुंह धो ही रही थी कि तभी लाईट चली गई। अब तो शाम का अँधेरा घिरते ही लाईट जाना एक आम बात हो गई थी। सरिता की दादी बरामदे में बैठी रामायण पढ़ रही थी। लाईट चले जाने से वह, बिजली विभाग को तीन चार भारी सी गाली बकती हुई। आंगन में ही सरिता की मम्मी शाम के खाने की तैयारी में सब्जी काट रही थी। डैडी अभी अभी आफिस से लौटे थे। By Lotpot 28 Feb 2020 | Updated On 28 Feb 2020 09:53 IST in Stories Moral Stories New Update बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) समय की सूझ- सरिता अभी अभी पार्क से खेलकर लौटी थी। वह बाथरूम में जाकर हाथ मुंह धो ही रही थी कि तभी लाईट चली गई। अब तो शाम का अँधेरा घिरते ही लाईट जाना एक आम बात हो गई थी। सरिता की दादी बरामदे में बैठी रामायण पढ़ रही थी। लाईट चले जाने से वह, बिजली विभाग को तीन चार भारी सी गाली बकती हुई। आंगन में ही सरिता की मम्मी शाम के खाने की तैयारी में सब्जी काट रही थी। डैडी अभी अभी आफिस से लौटे थे। सरिता हाथ मुंह धोकर बाहर निकली, तो दो काले सायों को देखकर उसकी चीख निकल गई। वह डरकर कमरे में भागी और खाट के नीचे दुबक गई। वे दो काले साये दीवार कूदकर आंगन में आये थे। उन दोनों के पीछे ही दो और साये भी अन्दर कूद आये। वे निश्चित ही कोई लुटेरे या डाकू थे। आते ही उन्होंने टाॅर्च जलाई दादी व मम्मी को देखा व पिस्तौल-चाकुओं के बल पर उन्हें बाँधकर वहीं पटक दिया। डर के मारे व चिल्ला भी न पाई। सरिता को वे बदमाश शायद देख नहीं पाये थे। एक को दादी व मम्मी की निगरानी पर छोड़ कर बाकी तीन बदमाश अन्दर घुस आये। डर की वजह से सरिता की साँस धौंकनी की तरह चल रही थी। तीनों बदमाशों ने अन्दर सरिता के डैडी को पकड़ लिया व उनसे नगदी -जेवर का पता पूछने लगे। सरिता के डैडी पहले तो बहाना बनाते रहे। लेकिन जब एक बदमाश ने उसकी बहानेबाजी से चिढ़कर उनकी पीठ पर चाकू की नोक गढ़ा दी तो वे घबरा गये। वे अपनी व अपने परिवार की जान बचाने के लिये उन्हें धन देने के वास्ते अन्दर वाले कमरे में चल दिये। बदमाश भी पिस्तौल ताने उनके पीछे चले। सरिता चिल्लाने लगी डरी सहमी सरिता ने एन वक्त पर काफी हिम्मत दिखाई उसने तुरन्त एक योजना बनाई। वह खाट के नीचे से निकलकर अँधेरा होने का फायदा लेती हुई जीने पर से ऊपर छत पर पहुँच गई और सहायता के लिये चिल्लाने लगी। चारों बदमाश बहुत बुरा तरह से घबरा गये। वे हड़बड़ा कर लूट-पाट छोड़ आंगन में एकत्र हो गये। उनमें से एक बदमाश ने आवाज को लक्ष्य कर ऊपर गोली दागी। परन्तु चतुर सरिता पहले से ही छत की मुंडेर से ओट लिये दुबकी बैठी थी। सरिता की आवाज सुनकर एकत्र हुए उनके पड़ोसी उनका दरवाजा खट खटानेे लगे थे। बदमाश पकड़े जाने के भय से पसीना -पसीना हो रहे थे। नीचे चारों ओर से वे घिर चुके थे। अब छत पर से कूद कर जाना ही उन्हें अपनी प्राणरक्षा का एकमात्र उपाय लगा। वे चारों ऊपर भागे। तीन तो छत पर से होकर पिछवाड़े लेकर फायर करते हुए भाग गये। परन्तु चैथे को मुण्डेर की ओट में बैठी सरिता ने अपनी टांग की टंगडी मार कर गिरा दिया। वह बदमाश सीधा मुँह के बल गिरा। उसके हाथ से चाकू छिठककर दूर जा गिरा। सरिता ने वह चाकू नीचे आंगन में फेंक दिया और बदमाश की टांग पकड़कर सहायता के लिये चिल्लाने लगी। डैडी व अन्य लोगों ने तुरन्त ऊपर आकर उस बदमाश को कब्जे में कर लिया। वह बदमाश पुलिस में दे दिया गया। पुलिस की मार से उस बदमाश ने अपने साथियों के नाम व पते उगल दिये। सरिता को मिला पुरस्कार उसके सुराग पर पुलिस ने छापा मार कर उसके साथी पकड़ लिये व उनसे पिछली कई ऐसी ही लूटों का माल बरामद किया। वह बदमाश एक बहुत बड़े अंर्तराष्ट्रीय गिरोह से संबंधित थे। वे लोग शाम के हल्के अँधेरे में ही चोरी करते थे, ताकि किसी को शक न हो। अगले दिन के सारे प्रातः कालीन दैनिक समाचार पत्र में सरिता की बहादुरी एवं सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता की प्रशंसाओं से भरे पड़े थे। राज्य सरकार की ओर से उसे इतना बड़ा गिरोह पकड़वाने में सहायता करने के अवाॅर्ड में नगद पुरस्कार मिला। ये कहानी भी पढ़कर आपको मज़ा आएगा : बाल कहानी : बुद्धिमान व्यापारी की समझदारी हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें Lotpot #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article