Motu Patlu E-Comics: छतरी न खोल
मोटू और पतलू घर की सफाई कर रहे थे इतने में पतलू को एक छतरी मिलती है, पतलू बाहर आता है और मोटू से बोलता है कि मोटू ये देख मुझे क्या मिला, मोटू बोलता है की ऐसा क्या ही मिल गया तुझे जो इतना खुश हो रहा है।
मोटू और पतलू घर की सफाई कर रहे थे इतने में पतलू को एक छतरी मिलती है, पतलू बाहर आता है और मोटू से बोलता है कि मोटू ये देख मुझे क्या मिला, मोटू बोलता है की ऐसा क्या ही मिल गया तुझे जो इतना खुश हो रहा है।
मल्लिका और बुलबुल घूम रहे थे तभी मल्लिका ने बुलबुल से पूछा कि शेख चिल्ली कहाँ है, थोड़ी दूर चलते ही उनको शेख चिल्ली दिखता है। मल्लिका पूछती है कि शेख चिल्ली यहाँ क्या कर रहे हो, तो शेख चिल्ली बोलता है कि मैं बड़ा होकर कार खरीदूंगा।
शेख चिल्ली और उसके दोस्त क्रिकेट खेल रहे थे, तभी शेख चिल्ली ने एक शॉट मारा और बॉल बाउंड्री के बाहर जा रही थी बुलबुल बॉल को पकड़ने के लिए भागा मगर उसके सामने एक गाड़ी आ गयी और बुलबुल उससे टकरा गया।
एक दिन चिंटू की मम्मी गामा के घर आईं और गामा की मम्मी से बोलीं की बहनजी मैं बाहर जा रही हूँ क्या आप चिंटू को अपने पास रख लेंगी थोड़ी देर। इसपर गामा की मम्मी ने बोला की नहीं बहनजी मैं और गामा भी बाहर ही जा रहे हैं।
नटखट नीटू, टीटा और रोबो बाहर कुछ खाने के लिए निकलते हैं और रास्ते में बादल आने लगते हैं, जिनको देख कर टीटा बोलता है कि देखा भाई नीटू मैंने बोला था न की छतरी ले लो बारिश होने वाली है अब हम लोगों को भीगना पड़ेगा।
दिसंबर का महीना चल रहा था, ठंड भी तेज़ हो रही थी। मोटू और पतलू दोनों पार्क से धुप सेंक कर आ रहे थे मगर रास्ते में उनको कुछ बच्चे मिलते हैं और वे सारे रो रहे थे। मोटू जल्दी से उन बच्चों के पास जाता है।
दशहरा बीत गया था और दिवाली आने वाली थी मोटू और पतलू दोनों इस बात से परेशान थे कि हर बार दिवाली पर सिर्फ पैसे खर्च होते हैं आते कहीं से नहीं हैं। अभी मोटू पतलू बात ही कर रहे थे कि घसीटा वहां आ गया।