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Fun Story : मीरा आलसी- मीरा एक आलसी लड़की थी। उसकी मां, गरीब थी, चाहती थी कि कपास में से धागा सूतना सीखे ताकि वह बाज़ार में उसे बेच सके। लेकिन मीरा इतनी आलसी थी कि वह ऐसा कभी नहीं करती थी। एक दिन मीरा की मां ने उसे बहुत डांटा। तब मीरा रोने लगी। उस समय उस राज्य की रानी ऐश्वर्या मीरा के घर के आगे से निकली। मीरा के रोने की आवाज़ सुनकर वह उसके घर गई। उसने मीरा की मां से पूछा, ‘यह लड़की क्यों रो रही है?’ मीरा की मां सच्चाई नहीं बताना चाहती थी। इसलिए उसने कहा, ‘यह लड़की हमेशा धागा बुनना चाहती थी। क्योंकि मैं गरीब हूं तो मैं इतना सारा कपास कहा से लाऊँगी।’ रानी ने मीरा की मां को बताया कि वह कौन है और उससे कहा, ‘मैं इस लड़की को अपने साथ ले जाती हूं। मेरे पास बहुत सारा कपास है।’
रानी मीरा को अपने महल में ले गई और उसे तीन बड़े बड़े कमरे कपास के दिखाए। उसने मीरा को कहा, ‘मुझे तुम बहुत पसंद आई हो। अगर तुम इस कपास से धागा बनाओगी तो मैं अपने बड़े बेटे की शादी तुमसे करवा दूंगी।
मीरा ने तीन दिन तक कुछ नहीं किया और सिर्फ रोती रही और कपास को देखती रही। तीसरे दिन रानी आई और उसने पूछा कि क्या हो रहा है। मीरा ने उसे बताया, ‘रानी मां, मुझे अपने घर की बहुत याद आ रही है। मैं हमेशा अपनी मां को याद करती रहती हूं।’ रानी ने उसे सहारा दिया और उसे धागा बुनने के लिए कहा। मीरा को नहीं पता था कि उसे क्या करना है। वह खिड़की से बाहर देख रही थी। तीन बूढ़ी महिलाएं, जिसमें एक का पैर चपटा था, दूसरी के होंठ लटके हुए थे और तीसरी की उंगलियां खराब थी, उसके पास आई। उन्होने मीरा से पूछा कि वह उदास क्यों है। मीरा ने उन्हें अपनी समस्या के बारे में बताया। तीनों महिलाएं उसकी मदद करने के लिए मान गई लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी। तीनों महिलाओं ने कहा, ‘अगर तुम्हारी शादी राजकुमार से होती है तो तुम हमें अपनी शादी पर बुलाओगी। तुम रानी से कहोगी कि हम तुम्हारी रिश्तेदार है। तुम हमारे साथ एक ही जगह खाना खाओगी।’ मीरा ने उनकी सभी शर्ते मान ली।
तीनों महिलाओं ने अपना काम शुरू कर दिया। जिस महिला का पैर खराब था उसने अपने पैर से कपास को साफ कर दिया। लटके होंठ वाली महिला ने कपास को गीला करके उसका धागा बनाया। खराब हाथ वाली महिला ने धागे को अपनी उंगलियों से बुनना शुरू कर दिया। जल्द ही उन्होंने पूरे कपास को बुन दिया। मीरा गई और रानी ऐश्वर्या को बताया कि काम पूरा हो गया। रानी बहुत खुश हो गई और उसने मीरा की अपने बेटे के साथ शादी के इंतज़ाम किए। मीरा ने उन तीनों महिलाओं को बुलाया और रानी और राजकुमार से उनको अपने रिश्तेदार के नाते मिलवाया। रानी ने उन महिलाओं का स्वागत किया और उन्हें सम्मान दिया। वह बहुत खुश हो गई। जब वह महिलाएं जाने लगी तो उन्होंने मीरा को अपना वादा पूरा करने के लिए धन्यवाद दिया।
मीरा ने उनसे कहा कि वह कभी किसी से सच ना बोले कि यह धागा उन्होंने सूता था। मीरा की इस बात को राजकुमार सुन लेता है और वह मीरा से काफी नाराज़ हो जाता है। मीरा को अपनी गलती का अहसास होता है और वह उन तीनों महिलाओं से धागा बनाना सीखती है। मीरा की कड़ी मेहनत और गलती का अहसास देखते हुए राजकुमार उसे माफ कर देता है और वह खुशी खुशी रहते है।
उपदेश- हमें आलस छोड़कर काम को सीखना चाहिए। काम के सफल होने पर हमें असली खुशी मिलती है।
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