मज़ेदार कहानी -मेहनत की चमक
सेठानी जी को अपनी रसोई से बहुत प्रेम था। वहाँ काम में आने वाली सभी वस्तुओं को जमा करना उनकी आदत बन गई थी। जहाँ कहीं भी रसोईघर में काम आने वाली कोई भी वस्तु मिल जाती, वे उसे ले आतीं।
सेठानी जी को अपनी रसोई से बहुत प्रेम था। वहाँ काम में आने वाली सभी वस्तुओं को जमा करना उनकी आदत बन गई थी। जहाँ कहीं भी रसोईघर में काम आने वाली कोई भी वस्तु मिल जाती, वे उसे ले आतीं।
उस रोज टिमटु जासूस रात को बहुत देर से सोया था, इसलिए सुबह के आठ बजने पर भी उसकी नींद नहीं खुल रही थी। सूरज सिर पर चढ़ आया था, लेकिन टिमटु खर्राटे ले रहा था। उधर उसका साथी मिमटु जासूस आकर बाहर लगी घंटी पर अपना गुस्सा उतार रहा था।
गांव के किनारे एक बड़ा सा घर था, जिसमें रामू नाम का एक आदमी रहता था। रामू मेहनती था, लेकिन उसकी भूख इतनी बड़ी थी कि गांव भर में उसकी भूख के चर्चे होते थे। रामू जब भी खाना खाने बैठता, लोग कहते,
बहुत समय पहले की बात है, एक व्यापारी राम अपने सामान को बाजार ले जाने के लिए अपने गधे का उपयोग करता था। गधा आलसी था और काम करने से हमेशा बचने की कोशिश करता।
Web Stories मुंबई शहर की चहल-पहल भरी गलियों में, रोहन नाम का एक नटखट लड़का रहता था। वह हमेशा अपने दोस्तों के साथ नई शरारतें करने के लिए मशहूर था
मुंबई शहर की चहल-पहल भरी गलियों में, रोहन नाम का एक नटखट लड़का रहता था। वह हमेशा अपने दोस्तों के साथ नई शरारतें करने के लिए मशहूर था। लेकिन इस बार उसकी शरारत कुछ ज्यादा ही बड़ी थी।
गौरव एक होशियार और जिज्ञासु लड़का था, लेकिन उसे होमवर्क करना बिलकुल पसंद नहीं था। स्कूल से आते ही उसका मन टीवी देखने या वीडियो गेम खेलने में लग जाता। हर दिन उसकी मम्मी उसे डांटतीं,