नटखट सूरज और खोया खजाना

एक बार की बात है, शहर के एक छोटे से मोहल्ले में सूरज नाम का एक नटखट लड़का रहता था। उसकी शरारतों से पूरा मोहल्ला परेशान रहता था, लेकिन सब उसे बहुत प्यार भी करते थे।

New Update
Natkhat suraj aur khoya kahzana
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नटखट सूरज और खोया खजाना | Natkhat suraj aur khoya kahzana

एक बार की बात है, शहर के एक छोटे से मोहल्ले में सूरज नाम का एक नटखट लड़का रहता था। उसकी शरारतों से पूरा मोहल्ला परेशान रहता था, लेकिन सब उसे बहुत प्यार भी करते थे। एक दिन सूरज को अपने दादाजी की एक पुरानी डायरी मिली, जिसमें किसी "खोए खजाने" का जिक्र था। डायरी में लिखा था कि यह खजाना शहर के पुराने बगीचे में कहीं छिपा हुआ है। बस, सूरज को इस खजाने को ढूंढने का ख्याल आ गया।

सूरज की खोज का प्लान

सूरज ने अपने दोस्तों – चीकू, मोंटी और पिंकी – को भी इस योजना में शामिल कर लिया। उसने सबको बताया, "अगर हम यह खजाना ढूंढ लेते हैं, तो हम सब अमीर बन जाएंगे और मनपसंद आइसक्रीम और खिलौने खरीद सकेंगे।" सब बच्चे सूरज की बातों में आ गए और अगले ही दिन खजाना खोजने का प्लान बना डाला।

शरारती अंदाज में खोदा गड्ढा

अगले दिन सूरज और उसके दोस्त पुराने बगीचे में पहुंच गए। सूरज ने सबसे पहले एक जगह पर खुदाई शुरू कर दी। चीकू ने पूछा, "यहां क्यों खुदाई कर रहे हो, सूरज?" सूरज ने कहा, "मुझे बस एक अजीब सी आवाज सुनाई दी थी, यहीं खजाना होगा!"

लेकिन वो खुदाई करते-करते थक गए और कुछ भी नहीं मिला। अचानक एक बड़ा सा कीड़ा सूरज के हाथ पर चढ़ गया, जिससे वह चिल्लाने लगा, "बचाओ! खजाने की जगह ये कीड़े निकले!"

खजाना आखिर मिला या नहीं?

बच्चों ने एक अलग जगह पर खुदाई करने का फैसला किया। मोंटी ने सुझाव दिया, "चलो बगीचे में तालाब के पास खुदाई करते हैं। हमें कुछ बढ़िया मिल सकता है!" जैसे ही उन्होंने खुदाई शुरू की, उन्हें एक पुराना बक्सा मिला। बच्चे बहुत उत्साहित थे और चिल्लाए, "हमें खजाना मिल गया!" लेकिन जब उन्होंने बक्सा खोला, तो उन्हें अंदर केवल कुछ पुराने सिक्के और खाली कैंडी रैपर दिखाई दिए।

Natkhat suraj aur khoya kahzana

मजेदार मोड़

सूरज ने उदास होकर कहा, "यार, यह खजाना नहीं बल्कि एक पुरानी यादगार निकली।" पिंकी ने हंसते हुए कहा, "चलो, खजाना नहीं मिला तो क्या हुआ, कम से कम हमें एक मजेदार दिन तो मिला!"

सीख
बच्चों ने हंसते हुए कहा, "असल खजाना तो हमारी दोस्ती और ये मजेदार पल हैं।" सूरज की शरारतों के साथ यह एक दिन उनके लिए हमेशा की याद बन गया।

इस तरह, सूरज और उसके दोस्तों ने सीखा कि असली खजाना कोई वस्तु नहीं, बल्कि दोस्तों के साथ बिताए हंसी-खुशी के पल ही असली खजाना हैं।

ये मजेदार बाल कहानियां भी पढ़ें : 

 मजेदार कहानी : तुम कब बड़े होगे?

पुस्तकों से प्यार की एक मजेदार कहानी

स्कूल के रहस्यमय चोर का पर्दाफाश

Cricket story : वीनू को क्रिकेट का बुखार