मिठाई का डिब्बा: एक मजेदार कहानी

एक छोटे से गाँव में एक बहुत ही मस्तमौला लड़का रहता था, जिसका नाम चिंटू था। चिंटू को मिठाइयाँ खाने का बहुत शौक था। उसकी मम्मी हमेशा कहतीं, "चिंटू, इतनी मिठाई खाएगा तो तुम्हारे दांत खराब हो जाएंगे!"

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मिठाई का डिब्बा: एक मजेदार कहानी :- एक छोटे से गाँव में एक बहुत ही मस्तमौला लड़का रहता था, जिसका नाम चिंटू था। चिंटू को मिठाइयाँ खाने का बहुत शौक था। उसकी मम्मी हमेशा कहतीं, "चिंटू, इतनी मिठाई खाएगा तो तुम्हारे दांत खराब हो जाएंगे!" लेकिन चिंटू का जवाब हमेशा यही होता, "मम्मी, दांत खराब होने से पहले मिठाई खत्म हो जाएगी!"

एक दिन चिंटू के घर उसकी मौसी आईं। उनके साथ एक बड़ा सा डिब्बा भी था। चिंटू ने उत्सुक होकर पूछा, "मौसी, यह डिब्बा क्या है?"
मौसी ने मुस्कुराते हुए कहा, "यह मिठाई का डिब्बा है, लेकिन इसे खोलने के लिए तुम्हें एक पहेली सुलझानी होगी।"
चिंटू बोला, "अच्छा! पहेली सुनाओ, मैं तुरंत सुलझा दूंगा।"
मौसी ने कहा, "ठीक है सुनो: वह क्या चीज है जो ऊपर जाती है, लेकिन नीचे नहीं आती?"

चिंटू ने सोचा, "हम्म... यह तो मुश्किल है।" उसने अपने दोस्त मोटू को बुलाया, जो गाँव का सबसे चतुर लड़का माना जाता था। मोटू ने कहा, "चिंटू, यह तो आसान है। यह उम्र है!"
चिंटू ने तुरंत मौसी को जवाब दिया, "मौसी, यह उम्र है!"
मौसी ने कहा, "शाबाश! लो, यह मिठाई का डिब्बा तुम्हारा हुआ।"

चिंटू ने डिब्बा खोला तो उसमें से रंग-बिरंगी मिठाइयाँ निकलीं। वह खुशी से झूम उठा। लेकिन तभी उसके दूसरे दोस्त पिंकू ने कहा, "चिंटू, यह मिठाई हम सबको बांटो नहीं तो हम तुम्हारी मम्मी को बता देंगे!"
चिंटू ने डरते हुए कहा, "ठीक है, लेकिन पहले एक शर्त। हम सब मिलकर एक खेल खेलेंगे। जो हारेगा, वह मिठाई नहीं खाएगा।"
सबने हामी भर दी।

खेल शुरू हुआ। चिंटू ने कहा, "हम सबको एक-एक करके कोई मजेदार चेहरा बनाना है। जिसका चेहरा सबसे ज्यादा हंसी पैदा करेगा, वह जीतेगा।"
मोटू ने अपनी जीभ बाहर निकाली और आँखें घुमाईं। सब हंस पड़े। पिंकू ने अपने कान खींचे और मुंह बनाया। सबको और भी जोरदार हंसी आई। लेकिन जब चिंटू की बारी आई, तो उसने अपने दोनों गाल फुलाए और नाक को ऊपर करके बोला, "मैं एक गुब्बारा हूँ!"
सब इतना हंसे कि उनके पेट में दर्द होने लगा। चिंटू जीत गया।

अब मिठाई बांटने का समय आया। चिंटू ने सबको मिठाई दी और कहा, "याद रखो, मिठाई खाना अच्छा है, लेकिन उससे भी अच्छा है इसे दोस्तों के साथ बांटना।"
मोटू ने कहा, "चिंटू, तुमने आज हमें एक बड़ी सीख दी। अब से हम सब मिलकर मिठाई खाएंगे और खुश रहेंगे।"

तभी चिंटू की मम्मी आईं और बोलीं, "चिंटू, तुमने आज बहुत अच्छा किया। लेकिन याद रखो, मिठाई के बाद दांत साफ करना न भूलना!"
चिंटू ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां मम्मी, अब से मैं हर मिठाई के बाद दांत साफ करूंगा। वैसे भी, दांत खराब हो गए तो मिठाई कौन खाएगा?"

सब हंस पड़े और मिठाई का डिब्बा खाली हो गया। उस दिन के बाद से चिंटू ने न केवल मिठाई खाना सीखा, बल्कि उसे दोस्तों के साथ बांटना भी सीखा।


कहानी का सार:

यह कहानी बच्चों को मिठाई खाने के साथ-साथ उसे दोस्तों के साथ बांटने का महत्व सिखाती है। साथ ही, इसमें हंसी-मजाक और पहेलियों के जरिए बच्चों का मनोरंजन भी किया गया है।

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