चालाक बंदर और नारियल - एक घना जंगल था, जहाँ अलग-अलग तरह के जानवर रहते थे। उसी जंगल में मोनू नाम का एक चालाक बंदर भी रहता था। मोनू अपनी शरारतों और चतुराई के लिए पूरे जंगल में मशहूर था। एक दिन जंगल के बीचो-बीच एक किसान आया और नारियल के पेड़ के पास बैठकर सुस्ताने लगा। उसके पास नारियल से भरी हुई एक बड़ी टोकरी थी। किसान ने सोचा, "थोड़ी देर आराम कर लूं, फिर गाँव जाकर इन नारियल को बेच दूंगा।" मोनू बंदर पास के पेड़ पर बैठा सबकुछ देख रहा था। उसकी आँखें टोकरी पर टिक गईं। वह सोचने लगा, "अगर ये सारे नारियल मुझे मिल जाएं, तो मजा आ जाए!" चालाकी की शुरुआत मोनू ने किसान से कहा, "अरे भैया! इतनी गर्मी में क्यों बैठे हो? जरा पानी पी लो। पास ही झरना है, वहाँ जाओ।" किसान ने सिर उठाया और इधर-उधर देखा। उसे कुछ समझ नहीं आया। उसने सोचा, "शायद मेरी थकान की वजह से मुझे आवाज सुनाई दी।" किसान झरने पर पानी पीने गया, और यही मौका मोनू के लिए सुनहरा था। बंदर की शरारत मोनू तुरंत टोकरी के पास कूदा और नारियल निकालकर एक-एक करके पेड़ पर ले गया। किसान जब वापस आया, तो उसने देखा कि उसकी टोकरी खाली थी। वह गुस्से में इधर-उधर देखने लगा और चिल्लाया, "अरे! मेरे नारियल कौन ले गया?" मोनू का मजाक मोनू ने पेड़ से झाँककर कहा, "अरे भैया, नारियल तो अब मेरे हो गए। अगर चाहिए, तो मेरी शर्त माननी पड़ेगी।" किसान ने चिल्लाते हुए पूछा, "कौन सी शर्त?" मोनू हँसते हुए बोला, "मुझे अपनी टोकरी से दो केले दे दो, और मैं तुम्हारे सारे नारियल वापस कर दूंगा।" किसान ने सोचा, "यह तो आसान शर्त है।" उसने टोकरी से केले निकाले और मोनू को दे दिए। अंत में मोनू ने केले खाए और हँसते हुए बोला, "लो भैया, तुम्हारे नारियल। अब ध्यान रखना कि अगले बार कोई चालाक बंदर तुम्हें न लूटे।" किसान ने राहत की सांस ली और अपनी टोकरी में नारियल वापस रखकर गाँव की ओर चला गया। सीख: कहानी सिखाती है कि चतुराई का इस्तेमाल समझदारी और सही उद्देश्य के लिए करना चाहिए। साथ ही, दूसरों की मेहनत की कद्र करनी चाहिए। शरारतें मजेदार हो सकती हैं, लेकिन उनकी हद पार करना गलत है। यह भी पढ़ें:- Jungle Story: सोने की मूर्ति Jungle Story: कू कू कोयल Jungle Story: राजा की युक्ति Jungle Story: तीन तितलियां