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सोने की मूर्ति
Jungle Story सोने की मूर्ति:- चंचल वन के शिव मन्दिर में कुछ दिन से लगातार चोरियां हो रहीं थीं। मन्दिर का पूरा चढ़ावा इस तरह से गायब हो जाता था कि मानो वहां कुछ था ही नहीं। चोर का अभी तक कुछ पता नहीं चल पा रहा था। इसलिए वन के सभी प्राणी बहुत चिंतित थे। महाराज शेर चिंघाड़ सिंह ने इस तरह लगातार चोरियों से दुखी होकर वन में एक सभा बुलाई जिसमें वन के सभी प्राणी शामिल थे। (Jungle Stories | Stories)
आखिर ये चोरियां कौन कर रहा है? महाराज ने दुखी स्वर में कहा। तभी गज्जू हाथी बड़े ऊँचे स्वर में बोला कि ऐसे चोर को बड़ी कड़ी सजा मिलनी चाहिए महाराज। फिर चिंकी मैना बोली कि अरे सजा क्या ऐसे चोर के तो हाथ-पांव तोड़ कर वन से बाहर कर देना चाहिए। जो मन्दिर में चोरी करता है। तभी टोनी गीदड़ बड़े इतराते हुए बोला कि हां-हां ये बिल्कुल ठीक कह रहे हैं महाराज। तब मोनू खरगोश ने कहा महाराज चोर चाहे जो भी हो वह हमारी आंखो में ज्यादा दिन तक धूल नहीं झोंक पाएगा। तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो मोनू, एक दिन तो वह चोर हमारे हाथ जरूर लगेगा, महाराज धीरज देते हुए बोले। सभा समाप्त हो गई लेकिन चोरियों का सिलसिला इसी तरह चलता रहा पर चोर का अभी तक कुछ पता नहीं चला। हर बार की तरह जब कल रात फिर चोरी हुई तब अगली सुबह मोनू खरगोश ने पूरे वन में शोर मचाना शुरू कर दिया। हाय मेरी सोने की मूर्ति चोरी हो गई रे। कल ही तो मैंने मन्दिर में चढ़ाई थी सोने की मूर्ति और कल रात को ही चोरी हो गयी। मोनू का शोर सुन महाराज और वन के सभी-प्राणी वहां आ पहुंचे। क्या हो गया मोनू? तुम इस तरह से चिल्ला-चिल्ला कर क्यों रो रहे हो?महाराज ने मोनू से पूछा। तो मोनू सुबक कर बोला क्या बताऊँ महाराज, कल रात ही मैंने एक सोने की मूर्ति मन्दिर में चढ़ाई थी और वह चोरी हो गई। तब सोनू हिरण बोला लेकिन तुम वह सोने की मूर्ति लाए कहाँ से? मोनू बड़ी गंभीरता से बोला, क्या बताऊं सोनू भाई मैंने अपनी कमाई से ही थोड़ा-थोड़ा धन इकट्ठा कर के वह मूर्ति बनवाई थी। तब महाराज बोले, लेकिन तुम्हें तो मालूम ही है कि मन्दिर में वैसे ही चोरियां हो रही हैं और ऊपर से वहां सोने को मूर्ति रख कर तुमने तो एक और समस्या हमारे सामने खड़ी कर दी है। (Jungle Stories | Stories)
अगर फिर भी तुम्हारी यही इच्छा थी तो तुम्हें वहां मूर्ति सबके सामने रखनी चाहिए थी। तब मोनू बोला, महाराज कल जब मैं मूर्ति लाने...
अगर फिर भी तुम्हारी यही इच्छा थी तो तुम्हें वहां मूर्ति सबके सामने रखनी चाहिए थी। तब मोनू बोला, महाराज कल जब मैं मूर्ति लाने शहर गया था तो वापस आते-आते मुझे रात के दस बज चुके थे। फिर मैंने सोचा कि मैं जब मूर्ति ले ही आया हूं तो क्यों ना इसे आज ही मन्दिर में रख दूं। कल सुबह इसके बारे में सबको बता दूंगा। लेकिन मुझे क्या पता था कि वह दुष्ट चोर भगवान की सोने की मूर्ति भी चुरा लेगा। तभी टोनी गीदड़ तनतना कर खड़ा हुआ और बोला, ये झूठ बोल रहा है महाराज। इसने कोई मूर्ति-वूर्ति मंदिर में नहीं रखी। बस बेकार में ही चिल्ला-चिल्ला कर सभी लोगों को परेशान कर रहा है यहां। मोनू बोला, नहीं महाराज मैं झूठ नहीं बिल्कुल सच बोल रहा हूं। तब टोनी बोला, मैं पूरे यकीन के साथ कह रहा हूं महाराज कि मोनू ने कोई सोने की मूर्ति मन्दिर में नहीं रखी। यह सुनकर महाराज बोले कि यह बात तुम इतने यकीन से कैसे कह रहे हो। क्या तुम वहां मौजूद थे टोनी? तब टोनी मुंह फेरते हुए बोला, मैं कुछ नहीं जानता, बस इतना जानता हूं कि तुम झूठ बोल रहे हो। (Jungle Stories | Stories)
इस पर महाराज गरज कर बोले, आखिर यह माजरा क्या है मोनू? तुम कुछ बताते क्यों नहीं। मोनू नीचे मुंह करके मुस्कुराने लगा और फिर बोला, महाराज क्या अभी आप कुछ समझे नहीं? तब महाराज बोले, क्या मतलब? मतलब यह कि टोनी जो बोल रहा है वो ही सच है, मोनू बोला। इस पर महाराज आश्चर्य से बोले, ये तुम क्या कह रहे हो मोनू? तब मोनू बोला, हां महाराज मैंने झूठ बोला कि मैंने मन्दिर में सोने की मूर्ति रखी और वह चोरी हो गई जबकि मेरे पास कोई ऐसी मूर्ति थी ही नहीं। इस पर महाराज गुस्से से बोले, मोनू तुमने हमसे झूठ बोला? हमे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी। तब मोनू साहस करके बोला, मैंने चोर को सामने लाने के लिए झूठ बोला था महाराज। कल मैंने फैसला कर लिया था कि मैं उस गुमनाम चोर का जरूर पता लगाऊंगा जो मन्दिर में चोरी करके सभी लोगों को परेशान कर रहा है। इसलिए मैं कल शाम को ही मंदिर के पास वाले खोखले पेड़ के अन्दर छुप कर बैठ गया ताकि मैं उस चोर को देख सकूं और मैंने आधी रात को देखा कि एक चोर चुपके से दबे पांव आया और मन्दिर का सारा चढ़ावा उठा कर चंपत हो गया- और वो चोर कोई और नहीं बल्कि मेरे झूठ को बार-बार साबित करने वाला ये टोनी गीदड़ था महाराज। इसे मालूम था कि मैंने कोई भी मूर्ति मन्दिर में रखी ही नहीं क्योंकि कल रात जब यह चोरी करने मन्दिर में गया तो रोज की तरह इसे सिवाय पैसे के वहां कुछ नहीं मिला।
इतना सुनते ही टोनी का चेहरा एकदम फक्क पड़ गया और वह भागने लगा तभी हाथी ने उसे अपनी सूंड में बुरी तरह लपेट लिया। मोनू अपनी बात पूरी करते हुए बोला, मैंने तो चोर को कल ही देख लिया था लेकिन मैं इसे सबके सामने लाना चाहता था इसीलिए मैंने यहां सोने की मूर्ति का झूठा नाटक किया। चोर को सामने पाकर सभी लोग खुश हुए और ताली बजने लगे। फिर मोनू खरगोश को कंधे पर बिठा कर नाचने लगे। महाराज शेर चिंघाड़ सिंह भी मोनू की इस बुद्धिमानी से बहुत खुश थे। टोनी गीदड़ को उसके किए की सजा दी गई। अब चंचल वन पहले की तरह फिर से खुशहाल था। (Jungle Stories | Stories)
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