Jungle Story: मीठे हो गए अंगूर लोमी लोमड़ी भूख से व्याकुल थी और कुछ खाने की तलाश में जंगल में यहाँ वहाँ घूम रही थी। बहुत देर से उसे भूख बुरी तरह सता रही थी। लोमी ने चाहा कि कहीं से खाने की कोई चीज़ मिल जाए। By Lotpot 29 Dec 2023 in Stories Jungle Stories New Update मीठे हो गए अंगूर Jungle Story मीठे हो गए अंगूर:- लोमी लोमड़ी भूख से व्याकुल थी और कुछ खाने की तलाश में जंगल में यहाँ वहाँ घूम रही थी। बहुत देर से उसे भूख बुरी तरह सता रही थी। लोमी ने चाहा कि कहीं से खाने की कोई चीज़ मिल जाए इसीलिए वह इधर उधर घूमने लगी परन्तु उसे कहीं भी खाना नहीं मिला। लोमी भटकती हुई जंगल में मौजूद नदी के किनारे पहुँच गई, जहां पास में अंगूर का एक बड़ा बगीचा था। (Jungle Stories | Stories) बगीचे में बहुत अच्छे-अच्छे और रसीले अंगूर के गुच्छे लटक रहे थे। अंगूर देखकर लोमी लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया, वह अंगूरों को खाने के लिए मचल उठी लेकिन एक दिक्कत थी अंगूर बहुत ऊँचाई पर थे, अंगूरों को देखकर लोमी लोमड़ी की भूख और जाग गई थी, इसलिए वह अंगूरों तक पहुंचने के लिए कूदने लगी लेकिन अफसोस, कई कोशिश करने के बाद भी वह अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई। (Jungle Stories | Stories) आखिर थक हारकर लोमी लोमड़ी खड़ी खड़ी सोचने लगी कि अंगूरों तक कैसे पहुँचा जाये... आखिर थक हारकर लोमी लोमड़ी खड़ी खड़ी सोचने लगी कि अंगूरों तक कैसे पहुँचा जाये? अभी वह सोच ही रही थी कि एक तरफ से चलता हुआ एक हिरण उसके पास आ पहुंचा उसने लोमी से पूछा “तुम्हें भूख लगी है ना?” “हाँ, लेकिन तुम्हें कैसे पता चला?” लोमड़ी ने हैरानी से हिरण से पूछा। (Jungle Stories | Stories) “तुम्हें अंगूरों की ओर उछलते देखा तो समझ गया”। “हाँ, सचमुच मुझे भूख लगी है। यह अंगूर खाने को मेरा मन कर रहा है। लेकिन अंगूर बहुत ऊपर है”। (Jungle Stories | Stories) “मेरा भी यही हाल है मैं भी इन अंगूरों को खाना चाहता हूँ लेकिन उन तक पहुँच नहीं पा रहा हूँ, मैंने इन अंगूरों को पाने की बहुत कोशिश की है लेकिन सारी कोशिशें बेकार गई, इसलिए मेरी मानो तो तुम भी बेकार की कोशिशें मत करो और चुपचाप घर चली जाओ। तुम्हारी दादी ने भी तुम्हारी तरह अंगूरों तक पहुँचने का प्रयत्न करके देखा था, किन्तु वह उन तक पहुँच न पाई थी। इसलिए यों कहकर चली गई थी कि अंगूर खट्टे हैं”। हिरण ने लोमड़ी से कहा। लोमड़ी बोली “बात तो तुम ठीक कह रहे हो दोस्त मुझे भी अपनी दादी की तरह अंगूरों की तरफ से निराश होकर लौटना पड़ेगा एक मिनट! तुम भी अंगूर खाना चाहते हो ना?” “हाँ” हिरन बोला “लेकिन मैं भी अंगूर तक कहां पहुँच पा रहा हूँ” (Jungle Stories | Stories) “अकेले ना तुम अंगूरों तक पहुँच पा रहे हो ना मैं, लेकिन अगर हम दोनों एक साथ कोशिश करें तो इन अंगूरों को पा सकते हैं!” “कैसे?” (Jungle Stories | Stories) “तुम अंगूरों के गुच्छे के नीचे खड़े हो जाओ मैं बतलाती हूँ क्या करना है?” कहकर लोमी लोमड़ी ने हिरण को अंगूर के गुच्छों के नीचे खड़ा किया और उछलकर उसकी पीठ पर चढ़ गई। अब उसके हाथ तो क्या मुँह भी गुच्छे तक पहुँचने लगा। वह मजे से अंगूर खाने लगी। उसने बहुत सारे अंगूर के गुच्छे तोड़कर हिरण के पास भी फेंक दिए, हिरण भी मीठे अंगूरों का भरपूर आनंद लेते हुए बोला “ये अंगूर तो बहुत मीठे हैं!” “होंगे क्यों नहीं हमने इन्हें मेहनत और दिमाग का इस्तेमाल करके हासिल किया है ऐसे फल हमेशा मीठे ही होते हैं!” लोमी लोमड़ी एक और अंगूर के गुच्छे को अपने मुंह में रखती हुई बोली! (Jungle Stories | Stories) lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | short-hindi-stories | hindi-short-stories | short-stories | kids-jungle-stories | hindi-jungle-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | baal-khaanii | hindii-baal-khaanii | हिंदी कहानी | chottii-hindii-khaanii यह भी पढ़ें:- Jungle Story: पढ़ा लिखा कुत्ता Jungle Story: साहस की शक्ति Jungle Story: शेर का हिस्सा Jungle Story: तुम्हारा भी लाभ, मेरा भी लाभ #बाल कहानी #लोटपोट #हिंदी कहानी #Lotpot #Bal kahani #Hindi Jungle Stories #Hindi Bal kahania #Kids Stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #kids Jungle Stories #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories You May Also like Read the Next Article