Jungle Story: बदलाव किसी जंगल में एक पेड़ था। पेड़ का तना काफी चौड़ा था। पेड़ के तने में एक जगह खोखली थी, जिसमें पिंकू खरगोश अपने-परिवार के साथ रहता था। चूंकि पेड़ काफी पुराना था और उस पर पत्ते भी कम ही थे। By Lotpot 26 Mar 2024 in Stories Jungle Stories New Update बदलाव Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Jungle Story बदलाव:- किसी जंगल में एक पेड़ था। पेड़ का तना काफी चौड़ा था। पेड़ के तने में एक जगह खोखली थी, जिसमें पिंकू खरगोश अपने-परिवार के साथ रहता था। चूंकि पेड़ काफी पुराना था और उस पर पत्ते भी कम ही थे, इस कारण से पेड़ पर इक्के-दुक्के पक्षियों के ही घर थे। पेड़ पर रहने वाले जानवर शांतिपूर्वक प्रेम से रहते हुए जीवन व्यतीत कर रहे थे। (Jungle Stories | Stories) तभी कहीं से कालू कौआ आकर उस पेड़ पर रहने आया। पहले जिस पेड़ पर कालू अपने परिवार के साथ रहता था वहां के जानवरों ने कालू से तंग आकर उसे वहां से भगा दिया। कालू अक्सर वहां के जानवरों को सताता, उन्हें बे बात परेशान करता। उसकी हरकतों से दुखी होकर उन लोगों ने हारकर कालू से कहा कि वह या तो अपना व्यवहार ठीक कर ले अन्यथा वे उसे पेड़ पर रहने नहीं देंगे। कालू न बदला तो उन्होंने कालू को उस जगह से कहीं अन्यत्र जाने को कहा। कालू ने पेड़ तो बदल दिया पर अपनी आदतें न बदली। वह वैसी ही हरकतें नई जगह आकर भी करने लगा। एक दिन पिंकू खरगोश का पूरा परिवार खोखे के भीतर सो रहा था। तभी कालू को खुराफात सूझी। उसने जानबूझ कर अपनी डाल पर से पानी का गिलास उल्टा कर दिया। उसके घोंसले के ठीक नीचे पिंकू का घर था। कालू का गिराया पानी सीधा उसके घर में आकर गिरा तो पिंकू और उसके बच्चे पूरी तरह भीग गये। मारे ठंड के वे सब थर-थर कांपने लगे। पिंकू बाहर आया तो उसे समझते देर न लगी कि यह कालू की हरकत है। (Jungle Stories | Stories) “तुमने ऐसा क्यूं किया?" पिंकू ने पूछा। मैने जानबूझकर थोड़े ही किया है, गिलास हाथ से फिसल गया था! कालू ने उत्तर दिया। अब तो यह रोज का नियम हो गया। कालू किसी न किसी बहाने से पिंकू और उसके बच्चों को तंग करता। एक दिन पिंकू के बेटे का जन्मदिन था। पिंकू ने खीर बनाई थी। जब वे खीर खाने बैठे तो ऊपर से कालू ने मौका ताड़कर हड्डी का टुकड़ा गिरा दिया जो सीधा जाकर खीर के भगौने में गिरा। पूरी खीर खराब हो गई। पिंकू को बड़ा गुस्सा आया। उसने कालू से विरोध प्रकट किया तो कालू उल्टा चढ़ बैठा। (Jungle Stories | Stories) “तुम्हें तो मुझसे लड़ने का बहाना चाहिए, भला मैं क्यों अपना भोजन गिराऊंगा?" कालू कौए ने हंसते हुए कहा। बेचारा पिंकू मन मसोस कर रह गया। वह बेकार के झगड़े में पड़ना नही चाहता था। कालू की शौतानियां दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी। तंग आकर पिंक ने अपने परिवार सहित वह जगह छोड़ दी और किसी दूसरी जगह जाकर रहने लगा। (Jungle Stories | Stories) उस दिन कालू बड़ा खुश हुआ। पर उसकी खुशी दूसरे दिन गायब हो गई। हुआ यूं कि पिंकू द्वारा छोड़ी गई जगह को खाली पड़ा देखकर कहीं से... उस दिन कालू बड़ा खुश हुआ। पर उसकी खुशी दूसरे दिन गायब हो गई। हुआ यूं कि पिंकू द्वारा छोड़ी गई जगह को खाली पड़ा देखकर कहीं से एक काला सांप उसमें आकर रहने लगा। सांप कया आकर रहा कालू की तो सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। सांप मौका मिलते ही कभी उसके अंडे चट कर जाता तो कभी नन्हे बच्चों को निगल जाता। अपने अंडों और बच्चों को काल के जाल में समाते देख कालू बड़ा दुखी होता। सांप के आगे उसका बस चलता था। (Jungle Stories | Stories) उधर सांप आये दिन कालू के बच्चे चट करने लगा। कालू अब पछता रहा था कि वह न यहां से पिंकु को परेशान करके जाने को मजबूर करता न यह दुष्ट यहां आकर रहता। वह खुद भी दूसरी जगह जा नहीं सकता था। क्योंकि उसकी हरकतें किसी से छुपी न थीं। वे कालू को अपने पड़ोस में बसने का मौका देकर मुसीबत मोल लेना नहीं चाहते थे। कालू को समस्या का हल सूझ नहीं रहा था। उसका खाना-पीना सब हराम हो चुका था। वह दिन रात बस दुष्ट सांप से पीछा छुड़ाने के उपाय के बारे में ही सोचता रहता। उसे कोई रास्ता नजर न आया तो वह सीधा पिंकू खरगोश की तलाश करता हुआ उसके वहां जा पहुंचा। कालू सीधा पिंकू के पैरों पर जा गिरा और अपनी हरकतों के लिए गिड़गिड़ा कर माफी मांगने लगा। पिंकू उसको मुसीबत में घिरा देखकर पिघल गया। उसने कालू को धैर्य रखने की सलाह देते हुए पूरी बात बताने को कहा। “अब तुम ही मुझे उस दुष्ट सांप से छुटकारा दिलाने का कोई रास्ता निकालो मित्र, मैं तुम्हारा यह एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगा!" कालू ने विनती भरे स्वर में कहा। पिंकू को अपने प्रति किया गया कालू का बुरा व्यवहार याद था फिर भी उसने संकट में पड़े कालू की मदद करने का निश्चय कर लिया। (Jungle Stories | Stories) सोमू नेवला उसका खास दोस्त था। वे दोनों सुख-दुख में एक दूसरे में काम आते थे। पिंकू ने उससे मदद मांगी तो वह तैयार हो गया। योजना के मुताबिक सोमू नेवला चुपके से जाकर कालू के घोंसले में छिपकर बैठ गया। उधर वह सांप आदत के मुताबिक कालू के बच्चों को चट करने पहुंचा तो सोमू ने उसेदबोच लिया। सोमू के आक्रमण से सांप घबरा गया। काफी देर तक दोनों में लड़ाई होती रही। आखिर में लहुलुहान होकर सांप ने वहां से भागकर अपनी जान बचाने में भलाई समझी। 'अब यह दुष्ट यहां कभी नहीं आयेगा!' सोमू ने कहा तो पिंकू ने मदद के लिए अपने दोस्त का शुक्रिया अदा किया। कालू ने विनम्र शब्दों में पिंकू से आग्रह किया कि वह वापस अपने इसी घर में आकर रहे। पिंकू वहां लौट आया। कालू अब बदल चुका था। अब से वे दोनों गहरे दोस्त बन गये और अच्छे पड़ोसियों की तरह सुखपूर्वक वहां रहने लगे। कालू के स्वभाव में आये इस बदलाव से सभी खुश थे। कालू ने मिलकर रहने का संकल्प लिया और बुरी आदतें छोड़ दीं। (Jungle Stories | Stories) lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | kids hindi short stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | kids hindi jungle Stories | kids hindi stories | kids Jungle Stories | Kids Stories | hindi stories | Jungle Stories | hindi stories for kids | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की जंगल कहानी यह भी पढ़ें:- Jungle Story: बांसुरी की धुन Jungle Story: समय की बर्बादी Jungle Story: स्कूल का रिजल्ट Jungle Story: दुख की आवश्यकता #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Bal Kahani #Jungle Stories #Kids Stories #lotpot E-Comics #kids Jungle Stories #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #hindi stories for kids #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #kids hindi jungle Stories #बच्चों की जंगल कहानी #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ You May Also like Read the Next Article