नन्हा खरगोश और उसकी दौड़ प्रतियोगिता- एक बार की बात है, हरे-भरे जंगल में एक छोटा सा खरगोश, जिसका नाम चीकू था, अपने माता-पिता के साथ रहता था। चीकू बहुत आलसी था। वह हमेशा अपनी मम्मी-पापा के कहने पर भी काम करने से कतराता। हर बार मम्मी उसे समझातीं,मम्मी: "चीकू बेटा, मेहनत करने से ही जिंदगी में खुशी और सफलता मिलती है।"लेकिन चीकू को खेलना और सोना ज्यादा पसंद था। जंगल में हुई दौड़ प्रतियोगिता एक दिन जंगल के राजा शेर ने घोषणा की,शेर: "जंगल में दौड़ प्रतियोगिता होगी। जो भी जीतकर आएगा, उसे एक महीने तक खाने के लिए ताजे फल और सब्जियां मिलेंगी।" सभी जानवर इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित थे। चीकू के दोस्तों ने भी उसे भाग लेने के लिए कहा।लोमड़ी: "चीकू, तुम भी भाग लो। तुम्हारे पास दौड़ने की ताकत है।"लेकिन चीकू ने आलस भरी आवाज में कहा,चीकू: "अरे, मैं क्यों मेहनत करूं? मुझे आराम करना ज्यादा अच्छा लगता है।" चीकू ने कैसे बदली अपनी सोच? दौड़ की तैयारी में सभी जानवर दिन-रात मेहनत कर रहे थे। चीकू के पापा ने उसे समझाया,पापा: "बेटा, मेहनत किए बिना कुछ नहीं मिलता। अगर तुम कोशिश करोगे, तो तुम्हें न केवल इनाम मिलेगा बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।" यह सुनकर चीकू को महसूस हुआ कि उसे भी कुछ करना चाहिए। अगले दिन उसने दौड़ की तैयारी शुरू कर दी। वह हर सुबह जल्दी उठकर दौड़ने की प्रैक्टिस करने लगा। प्रतियोगिता का दिन प्रतियोगिता का दिन आ गया। सभी जानवर तैयार थे। दौड़ शुरू हुई और चीकू ने पूरी ताकत से दौड़ना शुरू किया। उसकी प्रैक्टिस और मेहनत काम आई, और वह पहला स्थान जीत गया। शेर ने उसे पुरस्कार देते हुए कहा, शेर: "तुमने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से हर चीज हासिल की जा सकती है।" चीकू के मम्मी-पापा ने भी गर्व से कहा,मम्मी: "देखा बेटा, मेहनत का फल कितना मीठा होता है।" कहानी से सीख यह कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है। आलस छोड़कर अगर हम कोशिश करें, तो सफलता जरूर मिलती है। यह भी पढ़ें:- Jungle Story: सोने की मूर्ति Jungle Story: कू कू कोयल Jungle Story: राजा की युक्ति Jungle Story: तीन तितलियां