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जंगल का राज़- गहरे जंगल के अंदर, एक बहुत बड़ा और रहस्यमय इलाका था, जिसे सभी जानवर "काले पेड़ों का जंगल" कहते थे। इस जंगल में कोई भी जानवर आसानी से नहीं जाता था, क्योंकि वहां के काले पेड़ डरावने लगते थे। लेकिन एक दिन, जंगल के सबसे छोटे बंदर गोलू (Golu Monkey) ने सोचा कि उसे इस जंगल का रहस्य जानना चाहिए।
गोलू की हिम्मत
गोलू एक नटखट और बहादुर बंदर था। उसे नए-नए जगहों पर घूमना और खोज करना बहुत पसंद था। उसने अपने दोस्तों से कहा, "मैं काले पेड़ों के जंगल का रहस्य जानने जा रहा हूँ।" उसके दोस्त, तोता मिट्ठू और खरगोश चीकू, डर से कांपते हुए बोले, "नहीं गोलू! वहां जाना खतरनाक है। वहां कभी कोई वापस नहीं आता!"
लेकिन गोलू ने किसी की नहीं सुनी और अकेले ही जंगल की तरफ बढ़ चला।
काले पेड़ों का जंगल
जैसे ही गोलू काले पेड़ों के जंगल में पहुँचा, उसे एक अजीब-सी ठंडी हवा महसूस हुई। वहां की पेड़ की छाया से सबकुछ काला और धुंधला लग रहा था। गोलू थोड़ा डर तो रहा था, लेकिन उसकी जिज्ञासा उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही थी। वह धीरे-धीरे आगे बढ़ा और तभी उसे एक अजीब आवाज सुनाई दी।
"कौन है वहाँ?" एक गहरी, गूंजती हुई आवाज आई।
गोलू ने हिम्मत जुटाकर कहा, "मैं गोलू हूँ, बंदरों का सबसे छोटा और सबसे बहादुर। मैं इस जंगल का रहस्य जानने आया हूँ।"
नई दोस्ती की शुरुआत
आवाज के पीछे से एक बड़ी छाया आई। वह एक विशाल भालू था, जिसका नाम था भूरा। भूरा दिखने में डरावना था, लेकिन उसकी आंखों में उदासी थी। उसने गोलू से कहा, "तुम्हें डर नहीं लगा मुझसे?"
गोलू ने मुस्कुराते हुए कहा, "शुरू में लगा था, लेकिन अब नहीं। तुम तो बहुत अच्छे लग रहे हो। लेकिन तुम यहां अकेले क्यों हो?"
भूरा भालू ने एक गहरी सांस ली और कहा, "मैं इस जंगल का रक्षक हूँ। मुझे सभी जानवर डरते हैं और मुझसे दूर भागते हैं। कोई भी मुझसे दोस्ती नहीं करना चाहता।"
गोलू की समझदारी
गोलू को भूरा की बात सुनकर दुख हुआ। उसने कहा, "तुम्हें अपने बारे में किसी को बताने का मौका ही नहीं मिला, इसलिए सभी तुमसे डरते हैं। अगर तुम बाहर आकर जानवरों से मिलोगे और उन्हें अपनी कहानी बताओगे, तो सभी तुम्हारे दोस्त बन सकते हैं।"
भूरा को गोलू की बात समझ में आई। उसने गोलू का हाथ पकड़ा और दोनों मिलकर जंगल के बाहर गए। जब अन्य जानवरों ने भूरा को आते देखा, तो वे डर गए, लेकिन गोलू ने उन्हें समझाया, "भूरा भालू हमारा दोस्त है। वह हमें कभी नुकसान नहीं पहुँचाएगा। वह तो बस हमारे साथ दोस्ती करना चाहता है।"
जंगल में खुशी
धीरे-धीरे, सभी जानवरों ने भूरा को अपना लिया। भूरा अब अकेला नहीं था, बल्कि जंगल का एक प्यारा और दयालु सदस्य बन चुका था। गोलू और भूरा की दोस्ती पूरे जंगल में मशहूर हो गई। गोलू ने साबित कर दिया कि अगर हम किसी को समझने का मौका दें, तो हम नए और अच्छे दोस्त बना सकते हैं।
कहानी का सबक
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों को उनकी बाहरी दिखावट से नहीं आंकना चाहिए। हमें उनकी असली भावना और स्वभाव को समझने का प्रयास करना चाहिए। सच्ची दोस्ती वही है, जो डर को मिटाकर नए रिश्तों की शुरुआत करे।
"गहरे जंगल का राज़" अब जंगल का सबसे प्यारा और खास राज़ बन चुका था – यह राज़ था दोस्ती का जादू।