खरगोश और गिलहरी की अनोखी यात्रा जंगल के किनारे, एक प्यारा खरगोश और एक चतुर गिलहरी रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे, लेकिन उनकी आदतें और पसंद एक-दूसरे से बिल्कुल अलग थीं। खरगोश बहुत तेज दौड़ता था By Lotpot 18 Nov 2024 in Jungle Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 खरगोश और गिलहरी की अनोखी यात्रा: जंगल के किनारे, एक प्यारा खरगोश और एक चतुर गिलहरी रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे, लेकिन उनकी आदतें और पसंद एक-दूसरे से बिल्कुल अलग थीं। खरगोश बहुत तेज दौड़ता था, जबकि गिलहरी पेड़ों पर चढ़ने और ऊँचाई से छलांग लगाने में माहिर थी। एक दिन, दोनों ने एक लंबी यात्रा पर जाने का फैसला किया। उनकी मंजिल थी जंगल के पार एक खूबसूरत फूलों की घाटी, जो अपनी रंग-बिरंगी तितलियों और सुगंधित फूलों के लिए मशहूर थी। यात्रा की योजना: खरगोश ने उत्साहित होकर कहा, "गिलहरी, मैं तेज दौड़ सकता हूँ, इसलिए हमें बहुत जल्दी मंजिल पर पहुँचने में कोई दिक्कत नहीं होगी।" गिलहरी मुस्कुराई और बोली, "यह सच है, खरगोश भाई, लेकिन जंगल में कई जगह पेड़ों पर चढ़ने और छलांग लगाने की जरूरत भी पड़ सकती है। इसलिए हमें एक-दूसरे की मदद करनी होगी।" खरगोश ने गिलहरी की बात मान ली और दोनों ने मिलकर यात्रा शुरू की। पहली चुनौती: नदी का किनारा थोड़ी दूर चलने के बाद, वे एक गहरी नदी के किनारे पहुँचे। खरगोश को तैरना नहीं आता था, और वह बहुत डर गया। गिलहरी ने मुस्कुराते हुए कहा, "चिंता मत करो, मेरे पास एक तरीका है। मैं पेड़ की डालियों का पुल बना सकती हूँ, जिससे तुम आराम से नदी पार कर सकते हो।" गिलहरी ने फटाफट पास के पेड़ों की डालियों को जोड़कर एक छोटा सा पुल बनाया। खरगोश ने उसे पार किया और खुशी से गिलहरी का धन्यवाद किया। उसने कहा, "अगर तुम नहीं होती, तो मैं यह नदी पार नहीं कर पाता।" दूसरी चुनौती: घनी झाड़ियों का रास्ता आगे बढ़ते हुए, वे एक घने झाड़ियों वाले इलाके में पहुँचे। खरगोश ने अपनी तेज दौड़ और ताकत से झाड़ियों को अलग कर दिया, जिससे गिलहरी आसानी से निकल सकी। गिलहरी ने कहा, "खरगोश भाई, तुम्हारी तेज रफ्तार और ताकत ने हमारी यात्रा को बहुत आसान बना दिया।" खरगोश मुस्कुराते हुए बोला, "हम एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, यही तो सच्ची दोस्ती है।" तीसरी चुनौती: ऊँचे पेड़ों का जंगल अब वे ऊँचे-ऊँचे पेड़ों वाले जंगल में पहुँचे। यहाँ का रास्ता बहुत कठिन था, क्योंकि नीचे बहुत घना जंगल था और ऊपर बहुत सारे तंग रास्ते थे। गिलहरी ने पेड़ों पर चढ़कर ऊपर से देखा और रास्ता बताया। उसने खरगोश को भी एक सुरक्षित रास्ते से आगे बढ़ने में मदद की। गिलहरी ने कहा, "मुझे ऊँचाई से सबकुछ साफ-साफ दिखता है। अब हमें बस मेरी दिशा में चलना है।" खरगोश ने उसकी बात मानी और दोनों ने मिलकर कठिन रास्ता पार किया। मंजिल पर पहुँचने का आनंद: आखिरकार, दोनों दोस्त फूलों की घाटी में पहुँचे। वहाँ रंग-बिरंगी तितलियाँ उड़ रही थीं और हर तरफ सुगंधित फूल खिले थे। दोनों ने मिलकर इस खूबसूरत जगह का आनंद लिया और खुश होकर कहा, "हमने मिलकर यह सफर पूरा किया, और यही सच्ची दोस्ती की ताकत है।" कहानी का सबक: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि दोस्ती में सहयोग और समझदारी सबसे जरूरी है। चाहे आप तेज दौड़ सकते हों या ऊँचाई पर चढ़ सकते हों, असली जीत तब होती है जब आप एक-दूसरे की मदद करके सफर को आसान बना लेते हैं। खरगोश की ताकत और गिलहरी की चतुराई ने मिलकर एक मुश्किल यात्रा को आसान बना दिया। ये जंगल कहानी भी पढ़ें : अहंकार और विनम्रता का संघर्ष: जंगल की कहानीजंगल कहानी : गहरे जंगल का जादूमज़ेदार कहानी - जंगल की रोमांचक दौड़Jungle Story : दोस्त की मदद #best hindi jungle story #choti jungle kahani #choti jungle story #Best Jungle Stories #Jungle #bachon ki jungle kahani #bachon ki hindi jungle kahani #Best Jungle Story #bachon ki choti kahani #choti majedar hindi kahani #bachon ki jungle kavita #choti hindi kahani #best jungle story in hindi You May Also like Read the Next Article