धूर्तता से दोस्ती तक – सियार की सच्ची कहानी
बच्चों, क्या आपने कभी किसी को इतना चालाक देखा है कि वो अपनी बातों से दूसरों को बेवकूफ बना ले? लेकिन क्या वो चालाकी हमेशा काम आती है? नहीं न? चलिए, इस कहानी में जानिए क्यों नहीं!
बच्चों, क्या आपने कभी किसी को इतना चालाक देखा है कि वो अपनी बातों से दूसरों को बेवकूफ बना ले? लेकिन क्या वो चालाकी हमेशा काम आती है? नहीं न? चलिए, इस कहानी में जानिए क्यों नहीं!
यह कहानी कोई आम "बिल्ली-चूहे की दुश्मनी" वाली नहीं है। यह एक अनोखी, दिल को छूने वाली जंगल की कहानी (Jungle children's story in Hindi) है, जहाँ चतुराई, समझदारी और थोड़ी-सी दोस्ती ने दुश्मनी को भी दोस्ती में बदल दिया।
बच्चों, आपने यह तो सुना ही होगा — “एकता में बल होता है।” लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर जंगल के जानवरों में एकता न हो, तो क्या होगा? इस जंगल की अनोखी कहानी हम जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे जानवरों ने मिलकर एक बड़े खतरे को मात दी
क्या आपने कभी सोचा है कि हर किसी की अपनी पहचान होती है? और जब हम बिना समझे किसी की नकल (copying) करते हैं, तो उसका अजीब और मज़ेदार परिणाम भी हो सकता है।
बहुत समय पहले की बात है, जब जंगलों में जानवर अपने-अपने तरीकों से जीवन जीते थे। यह कहानी है एक चतुर खरगोश (chatur khargosh story) की, जिसने अपनी बुद्धिमत्ता से न सिर्फ खुद को बल्कि पूरे जंगल को बचाया।
जंगल में रहने वाले जानवरों की अपनी-अपनी खूबियां थीं। कोई तेज था, कोई ताकतवर, तो कोई बहुत चतुर। लेकिन अगर सबसे चालाक जानवर की बात करें, तो वह था सियार।
जंगल में कई प्रकार के जानवर और पक्षी रहते थे, लेकिन सबसे शक्तिशाली और तेज़ उड़ान भरने वाला पक्षी था बाज (Baz ki Kahani)। अपनी ऊँचाई से शिकार करने की क्षमता के कारण बाज खुद को सबसे बड़ा और ताकतवर मानता था।