जंगल का छोटा साहसी: मिक्की बंदर की कहानी
"जंगल का छोटा साहसी" कहानी में मिक्की नाम का एक नन्हा बंदर अपने दोस्तों—कालू, मिंटू, और रानी—के साथ जंगल में रहता है। मिक्की का सपना सूरज के पेड़ पर चढ़कर सूरज को पास से देखना है।
"जंगल का छोटा साहसी" कहानी में मिक्की नाम का एक नन्हा बंदर अपने दोस्तों—कालू, मिंटू, और रानी—के साथ जंगल में रहता है। मिक्की का सपना सूरज के पेड़ पर चढ़कर सूरज को पास से देखना है।
"दो बकरियों की कहानी" में मिनी और रानी नाम की दो बकरियाँ एक तंग पुल पर मिलती हैं, जहाँ दोनों के लिए गुज़रने की जगह नहीं है। दोनों में बहस हो जाती है कि कौन पीछे हटे। मिनी अपनी ताकत दिखाना चाहती है
"बुद्धिमान खरगोश" कहानी में एक खूंखार शेर जंगल के जानवरों को मारकर खाता था, लेकिन बुढ़ापे में कमज़ोर होकर मरे जानवरों का मांस खाने लगा। एक चतुर खरगोश ने शेर को साधु बनने की सलाह दी और फल खाने को कहा।
गंगा नदी के किनारे एक हरा-भरा जंगल था, जहाँ सभी जानवर खुशी-खुशी रहते थे। उस जंगल में दो पक्के दोस्त रहते थे—मोती नाम का मोर और चिंटू नाम का चीता। मोती अपने रंग-बिरंगे पंखों और खूबसूरत नृत्य के लिए मशहूर था।
एक घने जंगल में चिंटू नाम का एक नन्हा चीता रहता था। चिंटू बहुत तेज़ दौड़ता था, लेकिन उसे लगता था कि जंगल में उससे तेज़ कोई नहीं है। वह हमेशा अपनी तेज़ी का घमंड करता और अपने दोस्तों को चिढ़ाता।
कई साल पहले, नंदन वन के घने जंगलों के बीच एक सुंदर मीठे पानी का तालाब था। तालाब के चारों ओर हरी-भरी घास और रंग-बिरंगे फूल खिले थे। यह तालाब जंगल के सभी जानवरों के लिए जीवन का आधार था
एक बार की बात है, एक जंगल में सर्दी का मौसम अपने चरम पर था। हवा इतनी ठंडी थी कि पेड़ों की पत्तियाँ जम गई थीं, और कई जानवर ठंड की वजह से मर गए थे। जंगल में रहने वाले काँटेदार चूहों ने देखा कि हालात बहुत खराब हो रहे हैं।
गर्मी से परेशान मोंटी बंदर ने सूरज से गुस्से में उलझ कर उसे नाराज कर दिया। सूरज के छुपने से बारिश कई हफ्तों तक होती रही और जंगल में परेशानियाँ बढ़ गईं। बाद में मोंटी ने अपनी गलती मानी और माफी माँगी। सूरज ने उसे माफ कर दिया और फिर से चमक उठा।