जंगल कहानी : गोरे काले का भेदभाव जंगल कहानी (Jungle Story) गोरे काले का भेदभाव: - एक मकान में एक नीम का पेड़ था। जिस पर एक कौआ रहता था। वह बड़ा दयालु प्रवृति का था। उसी मकान में ही एक कबूतर ने घोंसला बना रखा था। दोनों में कोई मित्रता नहीं थी। कौए ने कई बार कबूतर से दोस्ती करने का प्रयत्न किया। By Lotpot 10 Oct 2023 | Updated On 12 Oct 2023 17:45 IST in Jungle Stories Moral Stories New Update जंगल कहानी (Jungle Story) गोरे काले का भेदभाव: - एक मकान में एक नीम का पेड़ था। जिस पर एक कौआ रहता था। वह बड़ा दयालु प्रवृति का था। उसी मकान में ही एक कबूतर ने घोंसला बना रखा था। दोनों में कोई मित्रता नहीं थी। कौए ने कई बार कबूतर से दोस्ती करने का प्रयत्न किया। लेकिन हमेशा कबूतर ने यह कहकर टाल दिया कि देखो। मैं कितना गोरा हूँ और तुम हो एकदम काले। अपनी दोस्ती कैसे हो सकती है भला। बेचारा कौआ मन मसोस कर रह जाता, लेकिन कबूतर की बात का कभी बुरा नहीं मानता था। एक दिन की बात है कि कबूतर अपने घोंसले के बाहर बैठा सुस्ता रहा था कि अचानक एक चील ने आकर उसे झपट्टा मारा। कबूतर किसी तरह से चील से तो बच गया लेकिन घायल होकर बेहोश हो गया। कौआ पेड़ पर बैठा यह सब देख रहा था। उससे रहा नहीं गया। उसने कबूतर की बड़ी सेवा की। धीरे धीरे कबूतर की बेहोशी दूर हो गई। कबूतर एकदम स्वस्थ्य हो गया। बेहोशी दूर होते ही जैसे ही उसने आँखें खोलीं। अपने पास कौए को देखकर उसने अपनी आँखे बंद कर ली और ऐसा नाटक करने लगा जैसे मर गया हो। उसकी यह दशा देखकर कौए ने धीरे से कहा। भैय्या डरो मत, अब तुम बिल्कुल स्वस्थ हो, मैं तुम्हारा दोस्त हूँ दुश्मन नहीं। तुम कई दिनों से बीमार पड़े थे। मैंने ही तुम्हारी देखभाल की है।कबूतर बोला- तुमने मेरी देखभाल क्यों की, मुझे मर जाने दिया होता। तुम काले हो, मैं एकदम गोरा चिट्टा। अपना साथ कैसे हो सकता है भला।हाँ, लेकिन तुमने यह सब मेरे लिए क्यों किया? कबूतर ने टेढ़ी आँख करते हुए कौए से कहा। कौए ने उत्तर दिया, इसलिए कि मैं तुम्हें अपना दोस्त बनाना चाहता हूँ। काले गोरे का भेदभाव मिटाना चाहता हूँ। कौए ने कबूतर को समझाते हुए कहा। भैय्या बात यह है कि हमारा रंग अलग अलग है। जाति, धर्म सब अलग अलग है, लेकिन हमारा दोनों का दिल तो एक ही तरह धड़कता है, खून का रंग एक जैसा है। तुम्हारे अन्दर भी जो सब कुछ है वह सब कुछ मेरे अन्दर भी है। मेरे मित्र, तुम इस बात को थोड़ी बुद्धि से काम लो। तब जाकर तुम मेरी बात को समझ पाओगे। फिर तुम्हें यह काले गोरे का भेदभाव नहीं दिखेगा।कौए की यह बात सुनकर गोरे कबूतर का सिर शर्म से झुक गया और उसने कौए को गले से लगा किया। और पढ़ें : बाल कहानी : जाॅनी और परी बाल कहानी : मूर्खता की सजा लोटपोट जंगल कहानी : अपनेपन की छाँव Like us : Facebook Page #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article