Fun Story: भील सरदार की करामात

अकबर की सेना के साथ युद्ध करते समय महाराणा प्रताप बुरी तरह घायल हो गये थे। अरावली के गहरे वनों में झोपड़ी में महाराणा घावों के दर्द से कराह रहे थे। भील जाति का चिकित्सक गजराज सिंह उनकी चिकित्सा कर रहा था।

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भील सरदार की करामात

Fun Story भील सरदार की करामात:- अकबर की सेना के साथ युद्ध करते समय महाराणा प्रताप बुरी तरह घायल हो गये थे। अरावली के गहरे वनों में झोपड़ी में महाराणा घावों के दर्द से कराह रहे थे। भील जाति का चिकित्सक गजराज सिंह उनकी चिकित्सा कर रहा था। चारों तरफ भील सरदार उनकी पहरेदारी कर रहे थे। कदम कदम पर भाले तथा खडग लिये खड़े थे।उन सब के अलावा गुप्तचरों का भी एक जाल चारों तरफ फैला हुआ था। अकबर के दरबार में जो फैसला होता या जो आज्ञा निकाली जाती उसकी सूचना महाराणा के कानों तक पहुँच जाती। और यही नहीं उसकी प्रतिक्रिया भी तुरन्त हो जाती। (Fun Stories | Stories)

महाराणा घायल हो गये हैं और उनका स्वामी भक्त घोड़ा चेतक उन्हें हवा की गति से युद्ध क्षेत्र से बचा कर सुरक्षित स्थान पर ले गया है। उसकी सूचना अकबर को मिल चुकी है। मान सिंह आदि चाटुकार मौका ताक कर अकबर के कानों में प्रताप के खिलाफ विष घोलते रहते थे।

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अकबर दरबार से उठ कर अन्दर महलों में आराम करने गये ही थे कि दरबान ने आकर सूचना दी- 'आली ज़ा, राजा मान सिंह किसी जरूरी काम से हाजिर होकर कुछ अर्ज़ करना चाहते हैं।' राजा मान सिंह! कया खास बात है, जो अभी करनी ज़रूरी है खैर, उन्हें अन्दर ले आओ। (Fun Stories | Stories)

अकबर सोचने की मुद्रा में बोल उठे। कुछ देर बाद राजा मान सिंह ने अन्दर आकर झुक कर बड़े अदब से सलाम अर्ज़ किया और फिर कहने लगा- 'हुजूर के आराम में खलल डालने के लिये माफी चाहता हूँ। बात यह है कि प्रताप इस वक्‍त सख्त घायल हुआ पड़ा है। अगर इस वक्‍त चुपचाप हमला कर दिया जाए तो सारा मामला एक ही बार में हल हो जाएगा।' मान सिंह की बात सुनकर अकबर हैरान होकर उसकी तरफ देखता हुआ कहने लगा- 'गोया तुम उस घायल हुए बहादुर को भी चैन से रहने देना नहीं चाहते।'

मान सिंह फिर कुछ खिसिया कर कहने लगा- 'हुजूर युद्ध और प्रेम में सब कुछ जायज़ होता है। आपके हुक्म का सिर्फ इंतजार है। बाकी सारा काम तैयार है।' तो जैसी
तुम्हारी मर्जी। जाओ मुझे आराम करने दो कह कर अकबर उठ कर चला गया। (Fun Stories | Stories)

मान सिंह को एक प्रकार की इजाज़त तो मिल ही चुकी थी। उसने सेना का गठन किया और अरावली के उस भाग की ओर कूच किया जिस ओर महाराणा प्रताप एक जंगल में पड़े हुए थे।

मान सिंह जैसे ही शहनशाह अकबर से मिलने महल के अन्दर गया था उसी समय एक...

मान सिंह जैसे ही शहनशाह अकबर से मिलने महल के अन्दर गया था उसी समय एक गुप्तचर उनके साथ हो लिया था और पर्दे के पीछे से छिप कर उसने उन दोनों की सारी बात सुन ली थीं। राजा मान सिंह के सेना का गठन करने और प्रस्थान करने तक यह सूचना भील सरदारों तक पहुँच चुकी थी।

भील सरदार भी युद्ध के लिये अपनी सेना तैयार करने लगे थे। पर सबके मुख पर उदासी थी। उदासी का कारण यह नहीं था कि उनको युद्ध लड़ना पड़ रहा था, कारण यह था कि महाराणा घायल पड़े थे और युद्ध का समाचार पाते ही उनमें जोश भर जाता और घाव खुल जाते। इसी लिये इस बात के लिए पूर्ण गोपनीयता बरती गयी कि
महाराणा को युद्ध की सूचना तक न मिले पर यह बात असंभव थी। यही चिन्ता सबको खाए जा रही थी। (Fun Stories | Stories)

इसी समय एक बूढ़ा भील सरदार वहाँ आ पहुँचा और मुख्य-मुख्य सरदारों के कान में कुछ बात कह दी। बात सुनकर सबके मन में आशा की किरण फूट पड़ी। और सब
उसकी हाँ मे हाँ मिलाने लगे। गुप्तचरों द्वारा यह सूचना निरन्तर मिल रही है। कि सेना किस रास्ते से आ रही है। सेना मैदानी इलाका पार करके अरावली की घाटियों तक पहुँच  चुकी थी।

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उधर उस भील सरदार ने जो कानों कान कुछ लोगों में बात कही थी उसके परिणाम स्वरूप जिस ओर से फौज आ रही थी उस ओर लकड़ियों की एक पंक्ति बनाकर बड़े बड़े ढेर लगा दिये गये और उनमें जहरीले सांप मार मार कर मिलाया और बकरे और जंगली सूअरों के खुर मनों के हिसाब से डाल दिये गये। कुदरत ने भी साथ दिया और हवा उसी ओर चलने लगी जिधर से फौज आ रही थी। (Fun Stories | Stories)

बस फिर क्‍या था हवा की दिशा का लाभ उठाते हुए लकड़ियों को आग लगा दी गयी। लकड़ियों के जलने से खुर और साँप जलने लगे उनका विषैला धुआँ फौज की ओर हवा के वेग से जाने लगा। विषैला धुआँ लगने के कारण मुगल सैनिकों, घोडों तथा हाथियों की आँखे सूज गईं वे दर्द के मारे चीखने लगे। कुछ की तो आँखें ही अंधी हो गईं। हाथी घोड़े जो आगे बढ़ रहे थे, उल्टे भाग पड़े। धुएँ के बादल इतने गहरे तथा घने थे कि कुछ दिखता ही नहीं था हाथी घोड़े तथा पैदल फौज चीखती चिल्लाती भागने लगी। हाथी घोड़े अपनी ही फौज को रौंदते चले गये आन की आन में मैदान खाली हो गया हाथियों घोड़ों से रौदें गये लोगों की लाशों से घाटी भरी पड़ी थी।

वह भील सरदार और बाकी के लोग हँसी से खिले जा रहे थे। महाराणा ने ठीक होकर यह घटना सुनी तो उस भील सरदार को गले से लगा लिया। उधर अकबर ने यह सूचना पाकर मान सिंह की जो दुर्दशा की होगी उसका अनुमान आप स्वयं लगा सकते हैं। (Fun Stories | Stories)

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