Fun Story: नकली हार

राजा चंद्रपाल सिंह राज दरबार में चिंतित बैठे थे। राज्य में चोरी-डकैती का नामोनिशान तक नहीं था। लेकिन इधर कुछ दिनों से उन्हें राज्य में बराबर चोरी होने की खबरें मिल रही थीं।

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नकली हार

Fun Story नकली हार:- राजा चंद्रपाल सिंह राज दरबार में चिंतित बैठे थे। राज्य में चोरी-डकैती का नामोनिशान तक नहीं था। लेकिन इधर कुछ दिनों से उन्हें राज्य में बराबर चोरी होने की खबरें मिल रही थीं। हालांकि उन्होंने चोरों को पकड़ने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन चोरी की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही थी।

राजा चंद्रपाल सिंह ने पूरे राज्य मे घोषणा की, कि जो भी व्यक्ति चोरों को पकड़ कर राजा के पास लायेगा, उसे ढेरों पुरस्कार तथा गुजारे के लिए एक छोटा सा राज्य दिया जायेगा। (Fun Stories | Stories)

घोषणा के दूसरे दिन ही एक व्यक्ति दरबार में उपस्थित हुआ। राजा को आदर सहित सलाम करके वह बोला-महाराज। मैंने सुना है कि आप चोरों को पकड़ कर राज्य में लाने वाले व्यक्ति को एक छोटा सा राज्य और ढेरों पुरस्कार देंगे।

हाँ, ये सच है... राजा चंद्रपाल सिंह ने कहा। वे ध्यान से उस व्यक्ति को देखने लगे। (Fun Stories | Stories)

महाराज! मैं चोरों को पकड़वा सकता हूँ उस व्यक्ति ने कहा। 

तुम? आश्चर्य से राजा चंद्रपाल सिंह ने उसकी ओर देखा। (Fun Stories | Stories)

हाँ महाराज! लेकिन मै जैसा कहूँ, आपको वैसा ही करना होगा, उस व्यक्ति ने कहा।

किसान ने मंत्री के कान में अपनी पूरी योजना समझा दी। कुछ देर ठहरने के बाद वह किसान अपने घर चला गया। (Fun Stories | Stories)

किसान के जाने के एक सप्ताह बाद ही पूरे राज्य में हल्ला मच गया...

किसान के जाने के एक सप्ताह बाद ही पूरे राज्य में हल्ला मच गया। राजा चंद्रपाल सिंह का बहुमूल्य हार गायब हो गया है राज ज्योतिषी का कहना है कि राजा उस हार के बिना जीवित नहीं रह सकते। जो भी व्यक्ति राजा के गले का कीमती हार चुराने वाले चोर को पकड़ कर लायेगा। राजा उसे अपने राज्य में ऊँचा पद और ढेरों पुरस्कार देंगे। (Fun Stories | Stories)

यह घोषणा सुनकर राज्य का प्रत्येक नागरिक ऊँचे पद और पुरस्कार के लोभ में चोरों को पकड़वाने के लिए जी जान से जुट गया। जगह जगह पहरे का कड़ा प्रबंध हो गया।

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पहरे का कड़ा प्रबंध हो जाने के कारण चोरों को चोरी करना मुश्किल हो गया। वे जंगल में छिप गये। चोरों की टोली जंगल जंगल टहल कर लोगों की नजरों से अपना बचाव कर रही थी। (Fun Stories | Stories)

इधर अपनी योजना के अनुसार किसान राजा का नकली हार लिए हुए इधर उधर जंगलों में दिन-रात चोरों की खोज में घूमता फिर रहा था।

एक दिन किसान एक पेड़ के नीचे लेटा हुआ आराम कर रहा था कि इतने में उसे आदमियों के आने का संकेत मिला। वह जल्दी से उठ बैठा। जल्दी से वह उसी पेड़ पर चढ़कर पेड़ के पत्तों के बीच छिप गया। (Fun Stories | Stories)

किसान ने पेड़ पर से देखा कि आने वाले सात आदमी थे। एक आदमी ने खाने पीने का सामान निकाला और सभी के आगे बराबर बराबर रख दिया।

खाना खा लेने के बाद सभी ने हाथ-मुँह धोए और उसके बाद वे आराम करने लगे। आराम करने वाले सभी आदमियों ने बातचीत शुरू की। कुछ देर बाद एक आदमी ने कहा। यार, सुना है कि राजा का हार चोरी हो गया है अगर मिल जाता तो कितना अच्छा होता। (Fun Stories | Stories)

दूसरे आदमी ने कहा, क्या बतायें यार राज्य में चारों तरफ कड़ा पहरा लग गया है। अब चोरी करना भी असंभव हो गया है।

पेड़ पर बैठे किसान के कान खड़े हो गये। वह समझ गया कि ये सातों आदमी चोर हैं। वह कुछ देर तक सोचता रहा। दिमाग में तरकीब आते ही वह मुस्कुरा उठा। (Fun Stories | Stories)

पेड़ के नीचे लेटे हुए आदमी सोने की तैयारी कर ही रहे थे कि उन्हें खड़खड़ाहट की आवाज सुनाई पड़ी। सभी चोर चौंककर अगल बगल देखने लगे। एक चोर की निगाह पेड़ पर पहुँच गई, उसने पेड़ पर बैठे किसान की ओर इशारा किया। सभी चोरों ने किसान को धमकाया, कौन हो? तुम उतर आओ, नहीं तो हम तुम्हें मार डालेंगे।

जान बूझकर डरता हुआ किसान पेड़ से नीचे उतरा, उसने चोरों के सरदार के पैर पकड़ लिये और रोता हुआ बोला। सरकार मुझे जान से मत मारिये, मेरे पास राजा का कीमती हार है, जिसे मैंने राजा के महल से चुराया था। आप उसे ले लीजिए और मुझे छोड़ दीजिए। यह कहकर उसने हार निकाल दिया। (Fun Stories | Stories)

अरे वाह, तुझे छोड़ दें और हम इतने बड़े फायदे से बचे रह जायें! चोरों का सरदार हंसा।

सरदार, ये चोरी डकैती का काम अच्छा नहीं है। इसमें न तो इज्जत है और न चैन। इसे राजा के हवाले करके हम चैन की बंसी बजायेंगे। एक चोर ने कहा।

सभी चोरों ने हाँ में हाँ मिलाई। सभी ने मिलकर किसान को रस्सी से बांधा और राजा के दरबार में पहुँचे। (Fun Stories | Stories)

चोरों का सरदार गर्व से बोला। महाराज! हम लोग राज्य में चोरी करने वाले चोर को आपके हार सहित ले आये हैं। अब आप इसे इच्छानुसार दंड दीजिए।

लेकिन इसका क्या सबूत है कि तुमने इसे पकड़ा है? राजा चंद्रपाल सिंह से पूछा।

सबूत यह हार है महाराज यह कहकर चोरों के सरदार ने किसान के पास से मिलने वाला हार अपने जेब से निकाल कर झट से राजा चंद्रपाल सिंह की ओर बढ़ा दिया।
हार हाथ में आते ही राजा चंद्रपाल ने समझ लिया कि सातों व्यक्ति ही चोर हैं बस क्या था। सिपाहियों पकड़ लो इन बदमाशों को यही राज्य में चोरी-डाका करने वाले बदमाश हैं। इनको कारागार में डाल दो। (Fun Stories | Stories)

दरबारी गण हैरान थे। राजा की आज्ञा सुनते ही सिपाहियों ने सभी चोरों को बंदी बना लिया।

सभी दरबारियों के पूछने पर राजा चंद्रपाल सिंह ने बताया कि किसान की योजना यही थी। वास्तव में किसान के पास जो हार था वह नकली था, असली हार सरकारी खजाने में छिपाकर रख दिया गया था। चोरों ने उस हार को असली हार समझ लिया था और पुरस्कार तथा राज्य के लोभ में किसान को चोर समझ कर पकड़ लाये थे।
राजा चंद्रपाल सिंह ने किसान को खूब ढेर सारे पुरस्कार दिए और एक छोटा सा राज्य देकर उसे आदर सहित विदा किया। प्रजा पहले की तरह ही फिर से चैन की बंसी बजाने लगी। (Fun Stories | Stories)

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