/lotpot/media/media_files/CxOt4R9GSdEC3yRhYr9t.jpg)
पायजामे का भूत
Fun Story पायजामे का भूत:- बहुत समय की बात है एक जंगल में एक छोटा सा गांव था। गांव में ब्रह्म दत्त नाम का एक आदमी रहता था। उसके घर के पिछवाड़े एक पहाड़ी थी। ब्रह्म दत्त का कृष्णा दत्त नाम का एक लड़का था। लड़का घर का सारा काम काज करता तो था ही इसके साथ ही वह थोड़ा-बहुत पढ़ा-लिखा भी था। इसलिए सारे गांव भर में ही नहीं आस-पड़ोस के गांवों में भी उसका आदर था। इसके साथ ही वह सुन्दर भी था। ब्रह्म दत्त को अपने बेटे से प्रेम होना स्वाभाविक तो था ही। अब उसकी शादी की चर्चा चलने लगी थी। (Fun Stories | Stories)
पड़ोस के एक गांव श्रीपुर के निवासी पं. दीनबन्धु की लड़की सुनयना से उसकी सगाई निश्चित हो गई। लड़की भी काफी सुन्दर थी। शादी का दिन आया सभी रिश्तेदार न्यौता पा कर आने लगे। रोज़ रात को काफी देर से खाना बनता। सभी लोग बैठे-बैठे बातें करते रहते। कोई कहानी सुनाता, कोई गप्प हांकता। कोई आपबीती सुनाता। इसी तरह समय हो जाता। सब लोग पंक्ति में बैठ जाते और फिर अपने-अपने बिस्तर बिछा कर सो जाते। (Fun Stories | Stories)
एक दिन खाने का इंतज़ार हो रहा था। सभी लोग अपनी-अपनी सुनाने के लिये बेकाबू हो रहे थे...
एक दिन खाने का इंतज़ार हो रहा था। सभी लोग अपनी-अपनी सुनाने के लिये बेकाबू हो रहे थे। बात से बात निकलती गई और बात चलती-चलती भूत-प्रेतों तक आ पहुंची। बस फिर क्या था। जिस किसी को भी वहाँ भूत-प्रेतों की कोई कथा याद आती वो सुनाने में बारबार यह कोशिश करता कि वह इस ढंग से हावभाव के साथ अपनी बात सुनाए कि वह बिलकुल सच और प्रत्यक्ष मालूम हो। उस कलापूर्ण कथा वाचन से भय सा भी उत्पत्र होने लगता। (Fun Stories | Stories)
भूतों की कथा चल रही थी, सब लोग बड़े ध्यान से सुन रहे थे। और शब्दों के साथ कल्पना भी कर रहे थे। कि वह भूत ऐसा होगा, इस प्रकार की भयानकता होगी, कि अचानक उन में से एक आदमी की नज़र पीछे की पहाड़ी पर गई। पहाड़ी पर चन्द्रमा की निर्मल चांदनी में दो बड़ी-बड़ी टांगों की परछाई सारी पहाड़ी पर फैली हुई थी। वे दो टांगें इस प्रकार हिल रहीं थीं जैसे वे चलती हुई आगे को आ रही हैं। (Fun Stories | Stories)
वह पहले तो अकेला ही देखता रहा। पर उसे समझ न आया कि यह क्या खेल है। आगे चल रही भूतों की कथा ने मन में और संशय और भय उत्पत्र किया। उसने हाथ का इशारा करते हुए उन में से एक को वे दो बड़ी-बड़ी टांगें दिखाई। बस फिर क्या था। सबका ध्यान उस ओर चला गया। उसे देखकर सबको हैरानी हुई और सबने यही समझा कि यह कोई भूतों का खेल है। (Fun Stories | Stories)
यह विचार आते ही औरतें अपने अपने बच्चों को संभालने लगीं। वे उन्हें उठा कर अन्दर भाग गईं। आगे बढ़ने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी। बार-बार पहाड़ी पर देखते तो बराबर दो लम्बी-लम्बी टांगो की परछाई हिलती हुई दिखाई देती। कुछ लोगों के मन में कौतूहल था। कुछ के मन में भय था। कुछ तो डर के मारे काँपने ही लगे, कुछ परम्परा अनुसार राम नाम की शरण लेने लगे। इतने में सबने इकट्ठे मिल कर छत पर जाके देखने की योजना बनाई। सबने लाठियाँ, कुलहाड़ियाँ पकड़ लीं और हो हल्ला करते हुए छत पर चढ़ने लगे। दिल बड़ा करके जब सभी लोग ऊपर पहुँचे तो देखकर सबकी हंसी छूट गई। (Fun Stories | Stories)
अपने आप में एक दूसरे को देखकर बार-बार हंसने लगे। नीचे से लोग पूछते अरे भाई क्यों हंस रहे हो क्या तुम्हें भूत चिपट गया है। पर वे बताते हुए भी शर्मा रहे थे। असल में वह एक चूड़ीदार पायजामा था और धीमी-धीमी हवा में वही हिल रहा था। चाँदनी में उसी की परछाई पहाड़ी पर आ रही थी। जिसे वे लोग भूत समझ बैठे थे।
जब बाकी लोगों को असलियत पता चली तो वे भी हंसने लगे। (Fun Stories | Stories)
lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | kids-fun-stories | hindi-fun-stories | hindi-stories | hindi-kids-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-hindii-khaanii