Fun Story: भेड़चाल दीपक रोज़ शाम को अपने घर से कुछ दूर एक मैदान में फुटबाल खेलने जाता था। उस दिन उसकी बुआ का लड़का पिंकू भी आया हुआ था। वह भी दीपक के साथ जाने की ज़िद करने लगा तो दीपक उसे भी अपने साथ ले गया। By Lotpot 18 Jan 2024 in Stories Fun Stories New Update भेड़चाल Fun Story भेड़चाल:- दीपक रोज़ शाम को अपने घर से कुछ दूर एक मैदान में फुटबाल खेलने जाता था। उस दिन उसकी बुआ का लड़का पिंकू भी आया हुआ था। वह भी दीपक के साथ जाने की ज़िद करने लगा तो दीपक उसे भी अपने साथ ले गया। मैदान में दीपक अपने दोस्तों के साथ फुटबाल खेल रहा था और पिंकू दूर बैठा खेल देख रहा था। वह अभी फुटबाल खेलने के लिए छोटा था। (Fun Stories | Stories) लगभग घंटा भर खेलने के बाद एक लड़के को प्यास लगी। वह पानी पीने मैदान के बाहर गया तो उसे देखकर दूसरे को भी प्यास लगी। फिर तीसरे को भी और फिर एक-एक करके सभी लड़के पानी पीने बाहर जाने लगे। “चल पिंकू, हो चुका अब यहां खेल, यहां तो भेड़चाल है। एक जो काम करेगा वही सब करेंगे।' कहकर दीपक पिंकू को लेकर घर वापस चल दिया। “भैया,यह भेड़चाल क्या होती है?” पिंकू ने भोलेपन से पूछा। (Fun Stories | Stories) "भेड़चाल? चल आज तुझे भेड़चाल का तमाशा दिखाता हूं। “दीपक के मन में शरारत सूझ रही थी। अब तक वे सड़क पर आ चुके थे। यह सड़क बहुत अधिक चौड़ी नहीं थी फिर भी इस पर काफी लोग व वाहन आते जाते थे। दीपक ने पिंकू के कान में कहा, “पिंकू, तू भी मेरी तरह सड़क के किनारे इस पेड़ की पत्तियों में झांककर खूब ध्यान से देखना। फिर देखना भेड़चाल का मजा।'' (Fun Stories | Stories) पिंकू और दीपक दोनों ऊपर मुंह उठाकर सड़क के किनारे वाले पीपल के बड़े से पेड़ की डालियों की ओर देखने... पिंकू और दीपक दोनों ऊपर मुंह उठाकर सड़क के किनारे वाले पीपल के बड़े से पेड़ की डालियों की ओर देखने लगे। पेड़ काफी घना था। उसकी डालियां पूरी सड़क के ऊपर तक फैली हुई थीं। दोनों बच्चे सड़क के बीच में खड़े थे। तभी उधर से दो देहाती आदमी निकले। उन्होंने दो लड़कों को ऊपर की ओर ध्यान से देखते हुए देखा तो दोनों भी रूक कर ऊपर देखने लगे। तभी वहां एक दूधवाला अपनी साइकिल लेकर निकला। उसने चार लोगों को ऊपर ताकते देखा तो उसने भी अपनी साइकिल रोक दी और पूछने लगा, ''क्या देखते हो भैया?" (Fun Stories | Stories) तुम खुद ही देख लो न। हमसे क्या पूछते हो। दीपक ने उत्तर दिया तो दूधवाला भी ऊपर मुंह उठाकर खड़ा हो गया और पेड़ की पत्तियों में झांकने की कोशिश करने लगा। हालांकि किसी को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। फिर भी सब वही खोज रहे थे, जो उन्हें दिखाई नहीं दे रहा था। इस बीच उधर से तीन-चार बच्चे व दो औरतें और निकलीं। वे भी इतने लोगों को ऊपर ताकते देखकर रूक गई और ऊपर देखने लगीं। अब सड़क पर निकलने के लिए कम जगह रह गई थी। इस बीच एक रिक्शा वाला उधर से निकला। उसने अपनी रिक्शा तिरछी कर के कुछ इस तरह रोका कि सड़क पर से जाने का रास्ता बिल्कुल बंद हो गया। रास्ता बंद होते ही पीछे तीन-चार स्कूटर भीड़ से पूछने लगे कि क्या बात है और सब को ऊपर ताकता देखकर ऊपर देखने लगे। (Fun Stories | Stories) दीपक पिंकू के कान में बोला, अब यहां से खिसकने में ही अपनी भलाई है। इन सब को ढूंढ़ने दो कि पेड़ पर क्या है। और वे दोनों चुपचाप गायब हो गए। उधर सड़क पर एक के बाद एक स्कूटर, आटोरिक्शा, तथा कारें रूकती जा रही थीं। काफी लंबी कतारें बन चुकी थी। कुछ लोगों ने पहले निकलने की जल्दी में अपनी सवारियों को तिरछा करके इस तरह फंसा दिया था कि रास्ता बुरी तरह बंद हो गया था। पीछे इतनी भीड़ जमा होती जा रही थी कि तिरछी गाड़ियों को पीछे को करके सीधा भी नहीं किया जा सकता था। दफ्तर बंद होने का समय हो गया था, इसलिए भीड़ तेजी से बढ़ती जा रही थी। (Fun Stories | Stories) सभी की जुबान पर एक ही प्रश्न था, 'क्या हुआ? दीपक और पिंकू तो वहां से जा चुके थे जो वास्तविकता बता पाते। दूधवाला बोला, “पता नहीं क्या था, न जाने कोई बंदर का बच्चा था पेड़ पर कि और कुछ। कुछ दिखाई भी तो नहीं दे रहा।" (Fun Stories | Stories) भीड़ में कोई अपनी सवारी पीछे करके आगे पूछने गया कि क्या बात है? गाड़ियों का आना-जाना क्यों बंद है? उसने उड़ती-उड़ती खबर सुनी। भीड़ के शोरगुल में “बंदर का" तो उसने नहीं सुना केवल 'बच्चा' सुनकर वापस लौट गया। फिर तो उसने सभी पीछे वालों को यही बताया कि कोई बच्चा शायद पेड़ पर फंस गया है। उसी चक्कर में गाड़ियों का आना-जाना ही बंद है। जब इतनी भीड़ जमा थी तो उनमें कुछ कहा-सुनी व धक्केबाजी होना तो मामूली बात थी। झगड़ा बढ़ा तो किसी ने पुलिस को फोन कर दिया। दीपक की मां बहुत देर से दीपक के पिता की प्रतिक्षा कर रहीं थीं। रोज़ वह छः बजे तक आ जाते थे पर आज साढे सात बजे तक नहीं लौटे थे। दफ्तर फोन करके पूछा तो पता चला कि यहां से कब के जा चुके हैं। अब तो चिंता के मारे मां का बुरा हाल था। (Fun Stories | Stories) लगभग आठ बजे दीपक के पिता बहुत थके व पसीने से तर घर में घुसे। मां ने देरी का कारण पूछा तो बोले, “पता नही क्या हुआ? लोग कह रहे थे कि कोई बच्चा पेड़ पर चढ़ा था, शायद पतंग के चक्कर में। वह उतर नहीं पाया, वहीं फंस गया। उसी के चक्कर में यातायात बंद हो गया। लड़ाई-झगड़ा भी हो गया। यातायात पुलिस ने आकर बड़ी मुश्किल से काफी देर में रास्ता साफ कराया, तब मैं आ पाया हूं। और मजे की बात यह है कि पेड़ पर कुछ भी नहीं मिला। समझ में नहीं आता ये सब हुआ कैसे? “मै बताऊं मामाजी, यह तो भेड़चाल के कारण हुआ है। पिंकू बोला (Fun Stories | Stories) “भेड़चाल?'' दीपक के पिता हैरान थे। “हां मामाजी, यह तो भैया ने मुझे भेड़चाल दिखाने के लिए किया था। हंसते हुए पिंकू ने पूरी बात बता दी।" तब दीपक के पिता ने दीपक को समझाया, बेटे तुम्हारा तो पांच मिनट का मनोरंजन हो गया। पर जानते हो इससे हजारों लोगों का कितना कीमती समय बर्बाद हुआ। “मुझे माफ कर दीजिए, पापा, आज के बाद ऐसा मज़ाक नहीं करूंगा, “दीपक ने कहा।" (Fun Stories | Stories) छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की मज़ेदार कहानी | बाल कहानी | हिंदी बाल कहानी | लोटपोट इ-कॉमिक्स | लोटपोट | Kids Fun Stories | kids hindi stories | Kids Stories | Hindi fun stories | hindi stories | hindi short Stories | Short Hindi Stories | short stories | Bal kahani | Hindi Bal kahania | lotpot E-Comics यह भी पढ़ें:- Fun Story: भील सरदार की करामात Fun Story: छोटा कारोबार Fun Story: हाथी और दर्जी Fun Story: बीरबल की पेंटिंग #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi Bal kahania #Kids Stories #Kids Fun Stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Fun Stories #Hindi fun stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #बच्चों की मज़ेदार कहानी You May Also like Read the Next Article