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असली दोस्त
Fun Story असली दोस्त:- गर्मियों की छुट्टियां अभी शुरू ही हुई हैं और 10 वर्षीय ईशा सोच रही थी कि इस बार वह छुट्टियों में क्या करेगी। उसे देखकर सूरज मुस्कुरा रहा था, पेड़ों की पत्तियां एक दूसरे से राज़ बांट रही थी, जो एक दूसरे से बातें कर रहे थे ताकि वह उसे सुन सकें। ईशा बादलों की तरफ देखते हुए सोच रही थी कि इस बार वह क्या करे। उसने सोचा, ‘अगर मेरे पास पर होते तो मैं उड़ जाती और पंछियों की तरह बादलों में उड़ती।’ (Fun Stories | Stories)
तभी ईशा को उसके ख्वाब से बाहर निकालती हुई रसोई से उसकी मां की आवाज़ सुनाई दी, ‘ईशा, तुमने अपनी पैकिंग पूरी कर ली? तुम दोबारा लेट हो जाओगी और मुझे नहीं लगता कि तुम ट्रेन को छोड़ना चाहोगी।’
‘जी मां, मैं तैयार हूं। मैं आ गई।’ (Fun Stories | Stories)
‘ठीक है बेटा, चलो फिर चलें। हमें जल्दी चलना चाहिए।’
एक घंटे बाद, ट्रेन रफ्तार से उसकी दादी के घर जाने लगी। ईशा को ट्रेन से सफर करना हमेशा अच्छा लगता था क्योंकि वह अपनी सीट की खिड़की से बाहर की सुंदरता को देख सकती थी। समय निकल गया और वह जल्द ही अपनी दादी के घर पहुंच गई। (Fun Stories | Stories)
काफी लंबे गले मिलने के बाद और अपने स्कूल की ढेर सारी बातें करने के बाद, वह जंगल की तरफ गई। उसके साथ उसके मित्र अरुण, दानिश और किटू थे।
दानिश ने कहा, ‘हमने तुम्हें बहुत मिस किया ईशा। तुम्हारा साथ वापिस पाकर बहुत खुशी हो रही है। यहां तक की जंगलों ने भी तुम्हें मिस किया। सुनो वह तुम्हें वापिस देखकर कितने खुश हैं और तुम्हारा स्वागत कर रहे हैं।’ (Fun Stories | Stories)
ईशा ने कहा, ‘यह इसलिए क्योंकि इन्हें पता है कि मुझे यह कितने पसंद हैं और मैं अपने दोस्तों से कितना प्यार करती हूं।’
तभी किटू ने कहा, ‘आओ, हमारे पास तुम्हारे लिए एक सरप्राइज़ है। हम तुम्हें अपनी नई खोज दिखाना चाहते हैं।’
‘यह काफी मोहक लग रहा है। चलो चलें।’ (Fun Stories | Stories)
वह सब चलने लगे और घने जंगल में पहुंच गए। वह ऐसी जगह पहुंच गए जहां पर पेड़ की डालियों में से छनती हुई...
वह सब चलने लगे और घने जंगल में पहुंच गए। वह ऐसी जगह पहुंच गए जहां पर पेड़ की डालियों में से छनती हुई सूरज की किरणें भी आनी बंद हो गईं और अंधेरा छा गया। यह काफी डरावना और साथ ही काफी उत्सुक करने वाला था। वह किसी ऐसी घाटी पर पहुंच गए थे जिसके बारे में उन्होंने सिर्फ किताबों में पड़ा था। वहां हर चीज़ खामोश थी, यहां तक की वहां पर हवा की आवाज़ भी नहीं थी और पंछी भी इस जगह पर आना नहीं चाहते थे। उनके सामने एक काला गहरा गड्ढा था।
ईशा का चेहरा चमक उठा, ‘यह एक गुफा है।’
‘हम यहां कई बार आ चुके हैं और हमें पता था कि यह तुम्हें पसंद आएगा। यह हमारा नया बसेरा है।’
ईशा ने बुरे भाव से पूछा, ‘क्या यह सुरक्षित है?’
अरुण ने कहा, ‘यह बिलकुल ठीक है। आओ देखो।’ (Fun Stories | Stories)
उस पल अचानक वहां पर पेड़ से पत्ती गिरी और वहां से अप्राकृतिक तरीके से पत्ती गायब हो गई। यह एक बुरा प्रतीक था। ईशा ने यह देखा, उसने जंगल की आवाज़ सुनी। उसने देखा कि सूरज अपनी किरणें अब उस तक नहीं पहुंचा रहा है लेकिन फिर भी उसने इन सभी चिन्हों को गंभीरता से नहीं लिया।
बल्कि उसने तय किया कि वह गुफा के अंदर जाकर गुफा को देखेगी।
उसके दोस्तों ने उसका साथ दिया। (Fun Stories | Stories)
जैसे ही ईशा ने गुफा में पहला कदम बढ़ाया, एक ठंडी थरथराहट हुई जो हर तरफ फैल गई। अंधेरा बढ़ता गया। ईशा का धैर्य धीरे धीरे पिघल रहा था।
उसने कहा, ‘क्या किसी के पास फ्लैश बल्ब है?’ (Fun Stories | Stories)
अरुण ने अपना फ्लैश बल्ब जलाते हुए कहा, ‘हां मेरे पास है।’
उस पल ईशा ने दीवार पर अजीब से चित्र और कलाकृति देखीं जो किसी विचित्र जीव का शिकार दिखा रही थी।
ईशा ने कहा, ‘यह बहुत खराब है।’ (Fun Stories | Stories)
दानिश ने हंसते हुए कहा, ‘ईशा, तुम बच्चों की तरह मत बोलो। ऐसा कुछ नहीं है जिससे डरा जाए।’ उस समय उन्हें अपने पीछे से एक दहाड़ने की आवाज़ सुनाई दी। जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो गुफा के द्वार पर एक बड़ा भालू खड़ा था। बच्चे डर गए और चिल्लाने लगे।
दानिश ने एक दूसरा रास्ता दिखाते हुए कहा, ‘हमें जल्दी यहां से भागना चाहिए। मुझै इस द्वार का दूसरा रास्ता पता है। मेरे पीछे आओ।’ वह सभी भागने लगे लेकिन अरुण गिर गया और उसकी ऐड़ी में चोट लग गई। वह चिल्लाया, ‘दोस्तों, मेरी मदद करो।’ लेकिन तब तक दानिश, किटू जा चुके थे। हालांकि उन्होंने अरुण की आवाज़ सुनी थी लेकिन फिर भी वह भागते रहे। (Fun Stories | Stories)
ईशा ने अपने मित्र को खतरे में देखा और वह पीछे मुड़ी ताकि वह अपने मित्र की मदद कर सके और उसे चला सके लेकिन अरुण चल नहीं पा रहा था। वह अपने डर को पूरी तरह भूल गई थी।
अरुण ने कहा, ‘देखो, मेरी जेब में कुछ कागज़ और माचिस की तीलियां है। इन्हें जलाकर आग जलाओ। इससे भालू डर जाएगा।’
ईशा ने कहा, ‘हमारे पास आग जलाने का समय नहीं है, भालू बहुत पास है। हमें खुद को मरा हुआ साबित करना होगा। इस तरह वह हमें नहीं मारेगा।’ (Fun Stories | Stories)
वह दोनों ने खुद को मरा हुआ पेश किया और जब भालू उनके पास आया। उसने कुछ पलों के लिए उन्हें सूंघा और सूंघकर गुफा की गहराई में चला गया। फिर अरुण ने चैन की सांस लेते हुए कहा, ‘वाह ईशा, तुम्हारी राय बहुत आसान थी। तुम्हारी राय ने हमारी जान बचा ली।’
ईशा ने अपने मित्र की मदद की कि वह गुफा से बाहर आ सके और जल्द ही वह खतरे से बाहर थे। अरुण को उसका पैर सही करने के लिए ईलाज दिया गया और ईशा ने किटू और दानिश को ढूंढने की कोशिश की लेकिन वह कहीं नहीं मिले।
बाद में अरुण ईशा का धन्यवाद करने उसके घर गया। (Fun Stories | Stories)
अरुण ने ईशा से कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मैं तुम्हारी मदद के बिना क्या करता। हर किसी ने सोचा कि तुम डरपोक हो। लेकिन तुमने साबित किया कि असली डरपोक कौन है। तुम मेरे साथ वहां खड़ी रही जबकि बाकी सभी वहां से भाग गए। मैं तुम्हारा जितना शुक्रिया करूं उतना कम है। तुमने खुद को मेरा असली मित्र साबित किया।’
ईशा ने कहा, ‘मैंने वही किया जो मेरे दिल ने मुझसे कहा। तुम मेरे मित्र हो। मैं अपने मित्र को कैसे खतरे में छोड़ सकती थी? जब मैंने तुम्हें खतरे में देखा, एक अजीब सी शक्ति मेरे अंदर आई और मेरा डर गायब हो गया।’
अरुण ने कहा, ‘एक सच्चा मित्र ही दूसरे मित्र की सहायता करता है।’ (Fun Stories | Stories)
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