Fun Story: जब पापा ने बनाए मटर वाले चावल

हमेशा ही मम्मी और रसोई का नाता रहा है। मैंने आज तक पापा को रसोई से पानी का गिलास खुद लेकर पीते नहीं देखा। पापा सरकारी अफसर हैं इसलिए दफ्तर के साथ साथ घर पर भी खूब रौब चलाते हैं।

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जब पापा ने बनाए मटर वाले चावल

Fun Story जब पापा ने बनाए मटर वाले चावल:- हमेशा ही मम्मी और रसोई का नाता रहा है। मैंने आज तक पापा को रसोई से पानी का गिलास खुद लेकर पीते नहीं देखा। पापा सरकारी अफसर हैं इसलिए दफ्तर के साथ साथ घर पर भी खूब रौब चलाते हैं। ओह क्षमा करें! असल में, बात बताने के चक्कर मैं यही बताना भूल गई कि मैं हूं मणि। सातवीं क्लास में पढती हूं और छोटे से शहर में रहती हूं। (Fun Stories | Stories)

हां तो मैं बता रही थी कि मम्मी सारा दिन घर पर ही रहती हैं। दिन हो या रात सारा समय काम ही काम। हाँ भाई! नौकरों से काम लेना कोई आसान काम है क्या, हाँ अरे भई आप तो कुछ समझते ही नहीं हैं। अब जब पापा सरकारी दफ्तर में काम करते हैं तो नौकर चाकर भी होंगें न हमारे घर पर। हां तो मैं क्या बता रही थी, मैं बता रही थी कि पिछ्ले कुछ दिनो से पापा खाने में कोई ना कोई नुक्स निकाल रहे थे। इसीलिए मम्मी ने रसोइए की छुट्टी कर के रसोई की कमान खुद संभाल ली थी।

पर पापा को इसमे भी तसल्ली नही हुई। नुक्स निकालने का काम तो चलता ही रहा और साथ में एक बात और जुड़ गई कि मेरी माता जी खाना ऐसे बनाती थीं मेरी माता जी खाना वैसे बनाती थीं। ये सुनकर मम्मी को कभी कभार गुस्सा आ जाता जो अक्सर मेरे ऊपर ही निकलता। हा हा हा!! खैर समय ऐसे ही प्यार और लड़ाई झगड़े में बीतता रहा। (Fun Stories | Stories)

शनिवार को पापा यह कह कर सोए कि वो कल सुबह नाश्ते में बासी पराठा और मेथी आलू ही खाएगें। मुझे पता है कि मम्मी ने बहुत दिल से बनाया। पर वो भी पापा को पसंद नही आया।

उसी समय पापा ने एलान कर दिया कि वो दोपहर को खुद ही मटर वाले चावल बनाएंगे। मम्मी के चेहरे पर अजीब सी परेशानी और मैं हैरान। पापा और खाना। मुझे समझ नही आ रहा था। (Fun Stories | Stories)

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दोपहर के एक बजे मम्मी ने जबरदस्ती टीवी पर क्रिकट मैच देखते हुए पापा को उठाया कि भूख लग रही है...

दोपहर के एक बजे मम्मी ने जबरदस्ती टीवी पर क्रिकट मैच देखते हुए पापा को उठाया कि भूख लग रही है, खाना बनाओ। मैच बहुत मजेदार चल रहा था। पापा अनमने भाव से उठे। मम्मी ने चावल पहले ही भिगो दिए थे इस पर पापा ने गुस्सा किया माता जी तो पहले कभी नही भिगोती थीं, अब तो खराब ही बनेंगे। फिर पापा ने कुकर माँगा। मम्मी के कहने पर कि पतीले मे ज्यादा खिले- खिले बनेंगे पर पापा तो पापा ठहरे। जो बोल दिया सो बोल दिया। वैसे आप यह मत समझना कि मैं मम्मी की चमची हूँ। मैं सच बात का ही साथ देती हूँ। फिर पापा ने देसी घी लिया और खूब सारा उसमे डाल दिया ताकि मटर अच्छी तरह भुन जाए इतने में मैच में छक्का लगा जल्दी जल्दी मैच देखने के चक्कर मे उन्होंने मसाला भी अंदाजे से डाल दिया। (Fun Stories | Stories)

मैं और मम्मी चुपचाप पापा का काम देखते रहे। मम्मी तो चुपचाप गर्दन हिलाती रहीं और मैं वहां स्लैब पर बैठी पापा का लाईव टेलीकास्ट देख रही थी। सच! मुझे बहुत मजा आ रहा था। उधर पापा ने मैच देखने के चक्कर में मटर में भी नुक्स निकालने शुरु कर दिए कि मटर तो मीठी है ही नहीं चावल कैसे अच्छा बनेगा। मैच मे फिर एक खिलाड़ी आउट हो गया। तभी दरवाजे पर घंटी बजी। मम्मी बाहर जाने को हुई तो पापा ने मना कर दिया कि पहले मसाला भुनने दो फिर जाना। मैं उतर के जाने को हुई तो मुझे भी डांट पड़ गई कि बार बार आने जाने से उनका ध्यान हट रहा है। तभी फिर एक खिलाड़ी आउट हो गया। बाहर फिर से घटीं बजी। उधर पापा से कुकर का ढक्कन बन्द ही नहीं हो रहा था पापा बोले कि कुकर ही खराब है। मम्मी ने गर्दन मटकाते अगले ही पल उसे बन्द कर दिया। इस पर भी पापा बोलने से नहीं चूके कि उफ आज कल के ये बर्तन और मम्मी के पल्लू से हाथ पोंछ कर बैठक मे चले गए। दोबारा घंटी बजने पर मैं बाहर भागी। (Fun Stories | Stories)

अरे!!! सामने दादी खड़ी थीं। उन्होंने बताया कि शहर आने का एकदम से प्रोग्राम बना और वो आ गई। सुबह ही मटर वाले चावल बनाए थे तो वो भी ले आई। दादी ने पानी पीया ही था कि कुकर की सीटी भी बज गई। पापा ने एलान कर दिया था कि कुकर वो ही खोलेंगे दादी की मौजूदगी मे उसे खोला गया। पर यह समझ ही नहीं आ रहा था कि यह चावल है या खिचड़ी। मटर वाले चावलों का पूरी तरह से हलवा बन चुका था।

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पापा मैच देखते हुए धनिए की चटनी के साथ मजे से दादी वाले चावल खा रहे थे और हम, मटर वाली खिचड़ी। नाक मुहं बना कर। इसी बीच में भारत मैच जीत गया। पर पापा खुश होकर बोले कि रात को वो आलू के पराठे बना कर खिलाएंगे। यह सुनते ही मैं और मम्मी कान पर हाथ रख कर जोर से चिल्लाए नहीं। अब और नही। यह सब देख कर दादी ठहाका लगा कर हँस दी और वो किस्सा सुनाने लगी जब मेरे दादा जी ने पहली और शायद आखिरी बार गुड़ के चावल बनाए थे। (Fun Stories | Stories)

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