Fun Story: चाॅकलेट चोर ‘‘भैया आपने मेरी चाॅकलेट ली?’’ अपने बैग की जेब को खाली पाकर किरन ने बगल में बैठे वरूण से पूछा। वरूण उस समय सवाल लगाने में व्यस्त था। उसने किरन की आवाज को अनसुना कर दिया। By Lotpot 27 Jan 2024 in Stories Fun Stories New Update चाॅकलेट चोर Fun Story चाॅकलेट चोर:- ‘‘भैया आपने मेरी चाॅकलेट ली?’’ अपने बैग की जेब को खाली पाकर किरन ने बगल में बैठे वरूण से पूछा। वरूण उस समय सवाल लगाने में व्यस्त था। उसने किरन की आवाज को अनसुना कर दिया। किरन इस बार वरूण के पास जा पहुंची और उसे हिलाते हुए बोली, ‘‘भैया, आपने मेरी चाॅकलेट क्यों ली? मुझे मेरी चाॅकलेट वापस करिए।’’ (Fun Stories | Stories) ‘‘चाॅकलेट?’’ वरूण एकदम से चौंका, ‘‘कौन सी चाॅकलेट?’’ ‘‘यहां मेरे बैग में रखी हुई थी, आपने ही निकाली है।’’ (Fun Stories | Stories) ‘‘देखो किरन, मुझे परेशान मत करो। मैं तुम्हारी चाॅकलेट-वाकलेट नहीं जानता।’’ ‘‘मैं नहीं जानती, आप मेरी चाॅकलेट वापस करिए।’’ कहते हुए किरन तेज आवाज में रोने लगी। यह देखकर वरूण घबरा गया। वह उसे चुप कराने लगा। तभी चाचा जी वहां आ गये। किरन चाचा जी को देखते ही उनसे लिपट गयी और सुबकते हुए बोली, ‘‘चाचा जी, भैया ने मेरी चाॅकलेट ले ली।’’ (Fun Stories | Stories) नहीं चाचा जी, यह झूठ बोल रही है। मैंने इसकी चाॅकलेट छुई तक नहीं... ‘‘नहीं चाचा जी, यह झूठ बोल रही है। मैंने इसकी चाॅकलेट छुई तक नहीं।’’ वरूण ने तुरंत सफाई पेश की। चाचा जी ने वरूण की तरफ घूर कर देखा, ‘‘तुम मेरे कमरे में आओ, अभी पता लग जाता है कि तुम झूठ बोल रहे हो या सच?’’ कहते हुए वे किरन को साथ लेकर अपने कमरे की ओर चल पड़े। वरूण भी चुपचाप उनके पीछे हो लिया। (Fun Stories | Stories) चाचा जी के कमरे में एक बड़ी सी चटाई बिछी हुई थी। चटाई पर एक यंत्र रखा हुआ था। यंत्र के आस-पास तमाम तरह के गमले रखे हुए थे। चाचा जी चटाई पर बैठते हुए बोले, ‘‘तुम लोगों ने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु का नाम सुना है?’’ ‘‘हां, जिन्होंने यह खोज की थी कि पेड़ों में भी जीवन होता है।’’ वरूण ने जवाब दिया। (Fun Stories | Stories) ‘‘शाबास।’’ चाचा जी बोले, ‘‘अच्छा, क्या तुम उस यंत्र का नाम बता सकते हो?’’ ‘‘क्रेस्कोग्राफ।’’ अपनी चाॅकलेट खोने की बात भूलकर किरन चहकी। ‘‘शाबास बेटी।’’ चाचा जी ने उसके सिर पर हाथ फेरा, ‘‘बसु की उस खोज से प्रेरित होकर न्यूयार्क के बैक्सटर नामक वैज्ञानिक ने ‘पाॅलीग्राफ’ यंत्र बनाया।’’ ‘‘चाचाजी उस यंत्र से क्या होता था?’’ ये प्रश्न वरूण का था। (Fun Stories | Stories) ‘‘उस यंत्र की सहायता से बैक्सटर ने दिखाया कि पेड़-पौधे भी सुख और दुःख का अनुभव करते हैं। वे दूसरों के मन की बात को समझते हैं। और अगर कोई उनके सामने झूठ बोले, तो वे उसकी चोरी भी पकड़ लेते हैं।’’ ‘‘वो कैसे चाचा जी?’’ किरन से रहा न गया। ‘‘ये यंत्र जो तुम लोग सामने देख रहे हो, ये पाॅलीग्राफ है। इसे जब हम किसी पौधे से जोड़ते हैं, तो ये अपने ग्राफ पर पौधे की प्रतिक्रिया को व्यक्त करता है।’’ कहने के साथ चाचा जी पाॅलीग्राफ को एक गमले में लगे पौधे से जोड़ने लगे। उसके बाद उन्होंने दोनों को यह भी बताया कि ग्राफ पर बने चिन्हों को किस प्रकार से पढ़ा जाता है। (Fun Stories | Stories) सारी बात समझाने के बाद चाचा जी वरूण से बोले, ‘‘हां वरूण, क्या तुमने किरन की चाॅकलेट ली है?’’ ‘‘नहीं चाचा जी, मैंने किरन की चाॅकलेट छुई तक नहीं।’’ वरूण ने गम्भीरता से जवाब दिया। चाचा जी और किरन की नजर पाॅलीग्राफ पर ही थी। आश्चर्य उसने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। यह देखकर वरूण चहक उठा, ‘‘देखा चाचा जी, पाॅलीग्राफ ने कुछ नहीं कहा। अब तो आपको मेरी बात पर यकीन हो गया?’’ (Fun Stories | Stories) ‘‘हां, तुम तो वाकई सच बोल रहे हो।’’ चाचा जी मुस्कराए। ‘‘पर चाचा जी, फिर मेरी चाॅकलेट कहां गयी?’’ किरन परेशान हो उठी। तीनों लोग सोच में पड़ गये। किसी की कुछ समझ में नहीं आ रहा था। तभी उनका पालतू कुत्ता टाॅमी वहां आ गया। टाॅमी को देखकर वरूण को मजाक सूझा। वह टाॅमी से बोला, ‘‘टाॅमी, तुमने किरन की चाॅकलेट तो नहीं चुराई?’’ (Fun Stories | Stories) वरूण की बात सुनकर टाॅमी जोर-जोर से भौंकने लगा। जैसे चोरी का इल्जाम उसे बहुत बुरा लगा हो। अचानक पाॅलीग्राफ में हलचल हुई। वह अपने ग्राफ पर कोई संकेत अंकित करने लगा। सभी लोगों की नजरें ग्राफ की तरफ घूम गयीं। पाॅलीग्राफ का संकेत पढ़कर चाचा जी का चेहरा खिल उठा। वे बोले, ‘‘किरन, तुम्हारा चोर पकड़ा गया।’’ ‘‘कौन है चोर?’’ किरन और वरूण दोनों एक साथ बोले। ‘‘पाॅलीग्राफ के अनुसार तुम्हारा चोर टाॅमी है। ये देखो, इसके पंजे में लगी हुई चाॅकलेट और इसके मुंह से आती हुई चाॅकलेट की गंध इसकी गवाह है।’’ चाचा जी ने अपनी जासूसी क्षमता का परिचय दिया। (Fun Stories | Stories) किरन ने ध्यान से देखा। टाॅमी के दाएं पंजे में थोड़ी सी चाॅकलेट लगी हुई थी। यह देखकर किरन मुस्कुराई और टाॅमी के कान उमेठते हुए बोली, ‘‘अच्छा, तो अब तुम चोरी भी करने लगे?’’ जवाब में टाॅमी ने अपना सिर किरन के पैरों पर रख दिया और कूं-कूं करने लगा। जैसे कह रहा हो कि इस बार मुझे माफ कर दो,आगे से मैं ऐसी गलती नहीं करूंगा। (Fun Stories | Stories) lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | short-stories | short-hindi-stories | hindi-short-stories | fun-stories | hindi-stories | hindi-kids-stories | kids-fun-stories | hindi-fun-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-khaanii | chottii-khaaniyaan | chottii-hindii-khaanii यह भी पढ़ें:- Fun Story: लोहा खा गया घुन Fun Story: खुला आज़ाद शेर Fun Story: हाथी का वज़न Fun Story: नन्हें पटाखे #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi Kids Stories #Hindi Bal kahania #Kids Stories #Kids Fun Stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी 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