Fun Story: युवा कलाकार की कहानी

मंगलवार और गुरुवार की दोपहर को नैंसी अपनी कला की कक्षा में जाती थी। वह उन दिनों की राह देखती थी जब वह पूरी दोपहर कलाकारी कर सकती थी। उसे चिकनी मिट्टी के खिलौने बनाना बहुत पसंद था।

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युवा कलाकार की कहानी

Fun Story युवा कलाकार की कहानी:- मंगलवार और गुरुवार की दोपहर को नैंसी अपनी कला की कक्षा में जाती थी। वह उन दिनों की राह देखती थी जब वह पूरी दोपहर कलाकारी कर सकती थी। उसे चिकनी मिट्टी के खिलौने बनाना बहुत पसंद था। पिछले महीने उसने मिट्टी के बर्तनों को गर्म ओवन में रखने की कला सीखी थी जिसे किल्न कहा जाता है, इससे खिलौने मजबूत बनते है। (Fun Stories | Stories) फिर जब मिट्टी के खिलौने सूख जाते थे, तो वे उन्हें अलग अलग रंगों से पेंट करती थी। गाढ़े रंग उसके पसंदीदा रंग थे लेकिन कभी- कभी वे अपने खिलौनों को मिट्टी के रंग जैसे ब्राउन या फिर गहरा हरे रंग से पेंट करती थी। सबसे अच्छी बात जो नैंसी को अपनी कला के बारे में अच्छी भावना देती थी वह यह थी कि जब उसका मिट्टी का खिलौना पूरा बन जाता था, तो उसे बहुत खुशी होती थी। और जब वह अपने मिट्टी के खिलौनो को अपने घरवालों को दिखाती थी तो उसे खुद की बनाई हुई चीज़ों को देखकर बहुत गर्व महसूस होता था। बुधवार की शाम को नैंसी कुछ अलग काम करती थी, जिसे करने में उसे मज़ा आता था। वह हर बुधवार की दोपहर को अपने स्कूल के अखबार के लिए आर्टिकल लिखती थी। (Fun Stories | Stories)

जब वह पहली बार स्कूल गई तो उसने आर्टिकल लिखा कि एक नए स्कूल में नए बच्चे को किस तरह का अहसास होता है...

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जब वह पहली बार स्कूल गई तो उसने आर्टिकल लिखा कि एक नए स्कूल में नए बच्चे को किस तरह का अहसास होता है। अखबार में उसका दूसरा लेख अपने स्कूल की अध्यापिका के बारे में था जिन्होंने किताब लिखना खत्म किया था। नैंसी ने अपनी अध्यापिका से पूछा कि एक लेखक बनकर कैसा महसूस होता है। और उसे अपनी अध्यापिका से जो जवाब मिला, उसे उसने अपने स्कूल के बच्चों के साथ लेख के जरिए बांटा। नैंसी ने अगला लेख लिखा कि स्कूल में एक लंबी ब्रेक के बजाए दो छोटी छोटी ब्रेक क्यों होनी चाहिए। उसके इस लेख को उसके कई दोस्तों ने पसंद किया। नैंसी की इस बात का सुझाव कई अध्यापिकाओं को भी पसंद आया। क्या आप यकीन करोगे स्कूल कि प्रिंसीपल ने बच्चों को स्कूल की असेंबली में आकर नैंसी के इस सुझाव पर वोट करने के लिए भी कहा। नैंसी के स्कूल की प्रिंसीपल यकीन रखती थी कि बच्चों से स्कूल को चलाने के लिए सुझाव लिए जाए। वोटिंग के दौरान हर इंसान स्कूल में अपना वोट देता था। हर अध्यापिका अपना एक वोट देती थी और साथ ही बच्चे अपना एक एक वोट देते थे। मिलकर स्कूल ने फैसला किया कि एक लंबी ब्रेक के बजाए स्कूल में दो छोटी छोटी ब्रेक होंगी। और यह सब इसलिए हुआ क्योंकि नैंसी ने स्कूल के अखबार में अपने लेख के जरिए यह सुझाव दिया था। (Fun Stories | Stories)

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जिस दिन स्कूल का अखबार आता था, उस दिन नैंसी अपने स्कूल के अखबार में अपना आर्टिकल देखती थी और उसके नीचे लिखे अपने नाम को देखकर बहुत खुश होती थी। हर महीने उसके लेख के नीचे नैंसी द्वारा लेख देखकर उसे बहुत खुशी मिलती थी। अपने स्कूल से घर जाते समय एक दिन नैंसी ने सोचा कि कला और लिखना एक दूसरे से कितना मिलते जुलते है। (Fun Stories | Stories) कला की कक्षा में वह अलग अलग चीज़ें बनाने के बारे में सोचती है और फिर समय लगाकर उस चीज़ को सही ढंग से बनाती है। और जब वह स्कूल अखबार के लिए लिखती है तो वह अलग अलग बातों को कहने के बारे में सोचती है, काफी समय सोचने के बाद वह सही से लिखती है। और जब वह काफी मेहनत के बाद एक अच्छा वाक्य लिखती है तो उसे ऐसा महसूस होता है कि उसने बहुत सुंदर कलाकारी की है। यह सोचते सोचते नैंसी दौड़कर अपने घर गई ताकि रात के खाने से पहले वह कुछ छोटा सा लेख लिख सके। उसके पास अगले महीने के अखबार के लिए कई सुझाव थे और वह चाहती थी कि बिना लिखे उसके दिमाग से कोई आइडिया निकल ना जाए इसलिए उसने दौड़कर घर जाकर अपने सभी सुझावों को कागज़ पर उतारा ताकि वह वक्त आने पर उन पर लेख लिखकर अपनी कलाकारी दिखा सके। (Fun Stories | Stories)

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