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संसार का मधुरतम संगीत
सीख देती मजेदार कहानी: संसार का मधुरतम संगीत:- फारस के बादशाह अब्बास एक बुद्धिमान और हंसमुख व्यक्ति था। पहेलियों ओर बुझारतों में बात किया करता था। उसका मंत्री मिरजा जकी उसकी बातें खूब समझता था। एक दिन बादशाह अब्बास अपने मंत्रियों के साथ बैठा जिंदगी की समस्याओं के बारे में विचार-विनिमय कर रहा था।
बादशाह अब्बास का संगीत पर सवाल
सहसा उसने मंत्रियों से पूछा, "संसार का मधुरतम संगीत किस चीज का है?"
एक मंत्री ने कहा, "बांसुरी का"। नहीं, दूसरे ने कहा, "सितार का संगीत कानों को सबसे अधिक भाता है"। तीसरे ने कहा, "मेरे विचार में वाइलन का राग सबसे अधिक मधुर होता है"। इसी प्रकार एक लंबा विवाद चल पड़ा। इस सारे विवाद के बीच मिरजा जकी चुपचाप रहा। कई दिन बीत गए।
मिरजा जकी की भव्य दावत
उसके पश्चात मिरजा जकी ने एक भव्य दावत का आयोजन किया। उसमें बादशाह अब्बास के अतिरिक्त अन्य बहुत से मंत्री, अमीर और सम्मानित व्यक्ति भी आमंत्रित थे। उन मेहमानों के मनोविनोद के लिए प्रसिद्ध संगीतकारों को भी आमंत्रित किया गया था। मेहमान भी मौजूद थे। संगीतकार भी और उनके संगीत के वाद्ययंत्र भी, किन्तु मेजें खाली थीं। उन पर खाना नहीं था। वह लोग, जो पूर्वी परंपराओं से परिचित हैं, जानते हैं कि पूर्व में मेहमानों के लिए सदा नाना प्रकार के भोजन परोसे जाते हैं और भोजन इतनी मात्रा में बनाया जाता है कि मेहमानों के पेट भरने के बाद भी बच जाता है।
बर्तन की आवाज़ का मधुरतम संगीत
मेजों से खाना गायब था, किन्तु मेहमान लज्जा के कारण कुछ पूछ नही सकते थे। रात के बारह बज गए। मेहमानों का भूख से बुरा हाल था, किंतु होठ मौन थे। अंत में मिरजा जकी ने अपने रसोइए को इशारा किया और वह भोजन का एक बड़ा बर्तन लेकर उपस्थित हुआ। फिर उसने बड़े चम्मच से बर्तन को बजाया।
सब मेहमानों के चेहरों पर रौनक आ गई। वे खिल उठे। ऐन उस समय बादशाह अब्बास ने कहा, "एक भूखे इंसान के कानों में बर्तनों की आवाज, यह संसार का मधुरतम राग है।
कहानी से सीख:भूख के समय साधारण चीज़ें भी अनमोल हो जाती हैं। यह कहानी सिखाती है कि वास्तविक खुशी और संतोष के लिए हमें बाहरी चीज़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण अपनी प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं को समझना चाहिए।