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वह मरूस्थल का जहाज नहीं हो सकती
मजेदार हिंदी कहानी: वह मरूस्थल का जहाज नहीं हो सकती:- रहमत की ऊंटनी उसके लिए मरूस्थल का जहाज थी। वह एक छोटा व्यापारी था जो राजस्थान के एक गांव में रहता था उस का कारोबार अच्छा चल रहा था और उसने कुछ धन भी इकट्ठा कर लिया था। (Stories | Fun Stories)
एक दिन उसके दरवाजे पर एक कार आकर रूकी एक पुरानी कार बेचने वाला व्यापारी उसके घर आया था उसे पता था कि रहमत के पास काफी धन है और वह उसे एक पुरानी कार बेचना चाहता था।
उसने रहमत को समझाया, “तुमने सारी जिन्दगी बहुत कड़ी मेहनत की है। अब समय आ गया है कि तुम बूढ़ी ऊंटनी की सवारी छोड़ो। तुम्हारा सफर बहुत ही थकाने वाला होता है। मैं तुम्हे आराम से सफर करने का एक अवसर देना चाहता हूं। मेरे साथ चलो और चलकर खुद देख लो”। (Stories | Fun Stories)
रहमत ने सोचा मुफ्त में कार की सैर करने में क्या हर्ज है। वह कार के सौदागर के साथ चला दिया और दोनों गांव के बाहर...
रहमत ने सोचा मुफ्त में कार की सैर करने में क्या हर्ज है। वह कार के सौदागर के साथ चला दिया और दोनों गांव के बाहर निकल पड़े। रहमत को गाड़ी पर जाता हुआ देखकर ऊंटनी बड़ी निराश और दुखी हुई। रहमत ने कभी कार में सवारी नहीं की थी।
एक बार वह बस में बैठा था पर भीड़ में उसका दम घुटता रहा। यहां गद्देदार सीट पर रहमत को लगा कि सचमुच उसे अपनी यात्रा का साधन बदल देना चाहिए।
मुझे कार की बात सोचनी ही चाहिए। इस उम्र में मुझे थोड़े आराम का हक है। कुछ दिन के लिए एक ड्राइवर रख लूंगा, फिर कार खुद चलाऊंगा। गावं के सारे लोगों पर रहमत की कार का कितना रौब पड़ेगा। सामान ले जाना भी सुविधा जनक हो जाएगा। मैं फिर दूर के गावों से भी व्यापार कर पाऊंगा। रहमत आने वाले दिनों के सुखद सपनों में खोया हुआ था कि कार एक दम रूक गई, बाहर निकल कर देखा कि कार के पहिये गहरी रेत में घंस गये हैं।
“मुझे शहर जाकर क्रेन लानी पड़ेगी, तभी गाड़ी बाहर निकल पायेगी, कार के व्यापारी ने कहा। “इसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी, मैं अभी जाकर अपनी ऊटंनी ले आऊंगा, वह खींच कर कार बाहर निकाल देगी”। रहमत ने कहा। (Stories | Fun Stories)
रहमत ने उत्तर की प्रतीक्षा नहीं की वह घर गया और कुछ समय बाद अपनी ऊंटनी पर चढ़ कर वहीं वापस आ गया। कार में रस्सी बांधी गयी और थोड़े प्रयासों के बाद ऊंटनी ने रस्सी खींचकर गाड़ी रेत से बाहर निकाल दी।
“आप ने कार में घुमाया, आप का धन्यवाद मैं अपनी ऊंटनी पर ही सवारी करना पसन्द करूंगा” रहमत ने अपना निर्णय कार के व्यापारी को सुना दिया।
व्यापारी निराश हुआ पर कुछ कहने की स्थिति में नहीं था।
सबसे ज्यादा खुशी रहमत की ऊंटनी को हो रही थी। उसे लगा कार के रूप आई सौतन अब कभी उसके जीवन में नहीं आ पायेगी। (Stories | Fun Stories)