/lotpot/media/media_files/FtgxJqKTWd8Hm1nqJdC8.jpg)
चोरी की खीर
बच्चों की मजेदार हिंदी कहानी: चोरी की खीर:- श्रीपुर नामक कस्बे में भोला नाम का एक युवक रहता था। बचपन से ही वह कामचोर एवं काहिल स्वभाव का था। घर परिवार के दैनिक कार्यों से उसका कोई वास्ता न होता था। खा-पीकर वह दिन रात अपने आवारा दोस्तों के साथ मटरगश्ती किया करता था। घर के लोग उसकी इन हरकतों से तंग आ गये थे। उसके माता-पिता हमेशा उसे डांट फटकार सुनाया करते परन्तु उसमें कोई परिर्वतन न आया। (Fun Stories | Stories)
एक दिन की बात है, बरसात के दिन थे कई दिनों से लगातार बारिश की झड़ी लगी हुई थी। भोला की मां ने उसे जंगल से ईंधन लाने के लिए कहा। परन्तु भला भोला यह सब क्यों करता? उसे तो समय पर पके पकाये भोजन का स्वाद लेने एवं लम्बी तानकर सोने की लत जो लग गई थी। उस दिन घर के लोगों ने उसे खाना पीना नहीं दिया एवं घर से भगा दिया।
भोला गांव के बाहर नदी किनारे एक उजाड़ मकबरे के अन्दर जाकर बैठ गया। वह प्रतीक्षा करता रहा कि शायद मां...
भोला गांव के बाहर नदी किनारे एक उजाड़ मकबरे के अन्दर जाकर बैठ गया। वह प्रतीक्षा करता रहा कि शायद मां छोटे भाई को उसे वापस बुलाने को भेजे। परन्तु घर से शाम तक कोई न आया। भूखा प्यासा भोला बेचैन होने लगा। रात घिर आई थी। तभी मध्य रात्रि के बीच चार चोर उस मकबरे पर पहुंचे। वह उजाड़ मकबरा उन चोरों का अड्डा था। वे यहां आकर चोरी का प्रोग्राम बनाते एवं लौटते वक्त में हाथ लगे माल का वहीं बंटवारा करते थे। अपने अड्डे में एक अजनबी को देखकर वे चौंक गए। उसके सरदार ने भोला से कड़क कर पूछा- "तुम कौन हो एवं यहां इतनी रात को क्या कर रहे हो?" भोला ने कहा- "तुम्हारा नया साथी”। (Fun Stories | Stories)
चोरों ने उसे मक्के की रोटी एवं सरसों का साग खाने को दिया। भूखा भोला खाने पर टूट पड़ा। खा-पीकर वह चोरों से बोला- "दोस्त चिन्ता न करो मुझे इलाके के सारे मालदार लोगों का पता मालूम है। एक से एक बढ़िया घर में ले चलूंगा। उस रात भोला उन्हें लेकर एक पंडित के घर में घुसा। चोर तो घर का माल भत्त्ता चुराने में व्यस्त हो गए, भोला को पंडित जी का शंख हाथ लग गया। उसने उसे मुंह से लगाकर जोरों से फूंका।
आधी रात को अचानक शंख की आवाज से पंडित जी का पूरा परिवार जाग गया। वे लोग लाठी लेकर चोरों पर टूट पड़े। चोर माल छोड़कर जान बचा कर भागे। भोला भी दूसरे रास्ते से शंख पटककर भाग खड़ा हुआ। मकबरे पर पहुंचने पर चोरों ने उसे काफी भला-बुरा कहा। (Fun Stories | Stories)
दूसरी रात चारों चोर फिर भोला के साथ चोरी करने निकले। इस बार भोला उन्हें एक मोची के पास ले गया। चोर अपने काम में लग गये। इधर भोला की नजर दीवार पर टंगे ढोल पर जा पड़ी। वह उसे उतार कर मस्ती में नाच नाच कर बजाने लगा। ढोल की आवाज से गृहस्वामी की नींद टूट गई। उसने एक मोटा सा लट्ठ लेकर चोरों को खदेड़ना शुरू कर दिया। चोर इस बार भी बिना चोरी किए भागने पर मजबूर हो गए। अड्डे पर पहुंच कर उन्होंने भोला को काफी लताड़ा एवं चेताया कि अबकि बार ऐसा पागलपन करोगे तब मारकर कुंए में फेंक देंगे।
तीसरी रात की बात है। इस बार भोला उन्हें लेकर एक धनी ग्वाले के घर घुसा। दरवाजें पर दर्जनों भैंसें बंधी हुईं थीं। चोर घर का माल असदाद एवं नकदी ढूंढने लगे। भोला एक कमरे में पहुंचा। उस कमरे में एक बूढ़ी औरत खाट पर सोई हुई खुर्र..खुर्र... कर खर्राटे ले रही थी। मटके में काफी सारा दूध रखा हुआ था। कोठरी से अरबी चावल की सुगन्ध निकल रही थी। भोला की इच्छा खीर बनाने की हो गई। (Fun Stories | Stories)
उसने उसी जगह चुल्हा सुलगाकर खीर बनाना शुरू कर दिया। तभी वह बुढ़िया के खर्राटों की आवाज से चौंक गया। उसे लगा मानों बुढ़िया उससे खीर मांगे रही है। उसने बुढ़िया को सुनाकर कहा- "दादी जरा सब्र से काम लो मैं अकेला ही इतना सारा थोड़े ही खा जाऊँगा तुमको भी दूंगा"। परन्तु बुढ़िया तो मुंह खोलने की बजाय अपने पोपले मुंह से खर्राटे लेती रही। भोला ने फिर कहा- "अरे कहा न रूको हम खीर लेकर भाग थोड़े रहे हैं, तुमको खिलाकर ही जायेंगे"। खीर उबलने लगी। उसकी सुगंध से भोला के मुंह से लार टपकने लगी थी। इधर बुढ़िया खर्राटे लिए जा रही थी।
उसने फिर बुढ़िया को समझाते हुए कहा- "क्यों बच्चों जैसी जिद कर रही हो? खीर अभी गर्म है, जरा उसे ठंडी तो होने दो"। परन्तु बुढ़िया का खर्राटा फ्रन्टियर मेल की तरह रूकने का नाम ही न ले रहा था। अंत में खिसियाकर भोला ने एक चम्मच गर्म खीर बुढ़िया के खुले हुए मुंह में डाल दीया। जलन एवं पीड़ा से बुढ़िया जोरों से चिल्लाने लगी। उसकी चिल्लाहट सुनकर उसके पाँचों बेटे मोटा लट्ठ लेकर चोरों पर टूट पड़े। चोर तो जान बचाकर नौ दो ग्यारह हो गए परन्तु इस बार भोला पकड़ा गया। बुढ़िया के बेटों ने उसकी मरम्मत करनी शुरू कर दी। अभी दो चार हाथ ही लगे थे कि भोला उनके पैरों पर गिर कर माफी मांगने लगा। उसने रो-रो कर अपनी सारी कहानी उनसे कह सुनायी। भोला की भोली बातों को सुनकर बुढ़िया के बेटे हंसने लगे। उन्होंने उसे माफ कर दिया। भोला के कारण ही तो चोर उनके घर को नहीं लूट सके थे। (Fun Stories | Stories)
lotpot | lotpot E-Comics | Best Hindi Bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | Bal Kahani | Bal Kahaniyan | hindi comics for kids | Mazedar Hindi Kahani | Hindi kahaniyan | Hindi Kahani | kids short stories | kids hindi short stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | short stories for kids | kids hindi fun stories | hindi fun stories for kids | kids fun stories in hindi | Kids Fun Stories | Kids Stories | Hindi Kids Stories | Fun Stories for Kids | Fun Stories | hindi stories | hindi stories for kids | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानी | बाल कहानियाँ | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बच्चों की हिंदी कहानियाँ | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की मज़ेदार कहानी