हिंदी प्रेरक कहानी: संतोष धन

हमारी इच्छाएं असीमित हैं किन्तु हमारे साधन सीमित हैं। हमारे पास कितना भी धन हो जाये, हमारी कुछ इच्छाएं सदैव पूरी होने से वचिंत रहेंगी। जब तक हम अपने वर्तमान से संतुष्ट होना नहीं सीखते हम दुखी रहेंगे।

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संतोष धन

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हिंदी प्रेरक कहानी: संतोष धन:- हमारी इच्छाएं असीमित हैं किन्तु हमारे साधन सीमित हैं। हमारे पास कितना भी धन हो जाये, हमारी कुछ इच्छाएं सदैव पूरी होने से वचिंत रहेंगी। जब तक हम अपने वर्तमान से संतुष्ट होना नहीं सीखते हम दुखी रहेंगे। नसरू भी इसी प्रकार का एक असंतुष्ट व्यक्ति था। उसके पास एक छोटा घर था। किन्तु उसका परिवार बहुत बड़ा था। पत्नी और तीन बच्चों के अतिरिक्त उसके परिवार में उसकी सास भी थी। उसने कुछ मुर्गियां पाली हुई थीं। और घर से बाहर सवारी के लिये एक गधा भी था। दूध के लिये उसने एक बकरी भी पाली हुई थी।

अपने घर की भीड़ से नसरू बहुत दुखी था। वह गांव के एक बुद्धिमान व्यक्ति के पास सलाह लेने गया। बुद्धिमान व्यक्ति ने...

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अपने घर की भीड़ से नसरू बहुत दुखी था। वह गांव के एक बुद्धिमान व्यक्ति के पास सलाह लेने गया। बुद्धिमान व्यक्ति ने सलाह दी, “मुर्गियों का दड़बा घर के अंदर रखो” पर इससे तो मेरी मुसीबत और बढ़ जाएगी, वहां तो पहले ही जगह बहुत कम है। नसरू ने आपत्ति जताते हुये कहा, पर बुद्धिमान व्यक्ति की सलाह पर नसरू मान गया अगले दिन नसरू फिर गया और कहने लगा, “अब तो हालत और भी बुरी हो गयी है” बुद्धिमान व्यक्ति ने सलाह दी “गधे को घर के अन्दर बांधो” नसरू ने आपत्ति की पर बुद्धिमान व्यक्ति की ज़िद पर वह मान गया। 

अगले दिन फिर नसरू ने जाकर कहा, “अब तो घर में चलने के लिये भी जगह नहीं बची है” बुद्धिमान व्यक्ति ने एक बार फिर सलाह दी, “अब बकरी भी घर के भीतर बांधना शुरू कर दो”। नसरू को बहुत क्रोध आ रहा था पर वह चुप रहा। बुद्धिमान व्यक्ति का मान रखने के लिए एक बार फिर उसने उसकी सलाह मान ली।

अगले दिन नसरू रोता हुआ गया और कहने लगा, “मैंने आप की हर सलाह मानी पर अब तो मेरा जीवन पूरी तरह नर्क हो गया है”।

बुद्धिमान व्यक्ति ने नसरू को तसल्ली देते हुये कहा “दोनों जानवरों को बाहर बांध दो और कल आकर मुझसे मिलो,” नसरू ने वैसा ही किया। बकरी, गधा और मुर्गियां सभी घर से बाहर कर दी। 

अगले दिन नसरू बुद्धिमान व्यक्ति के पास गया और कहने लगा, “आपकी सलाह बहुत अच्छी रही। आप सच मुच बुद्धिमान हैं। अब घर में सभी सुखी हैं। हर एक के लिये घर में काफी जगह हो गयी है क्योंकि सबने समझ लिया कि अगर मुर्गियां, बकरी और गधा घर के अंदर आ गए तो जीना दूभर हो जाएगा”। नसरू और उस घर का कोई भी व्यक्ति अब भीड़ भाड़ या कम जगह की शिकायत नहीं करता।

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