Motivational Story: घाव-घाव में फर्क एक सेनापति था, नाम था दुर्जन सिंह सेनापति दुर्जन सिंह बहुत वीर और साहसी व्यक्ति थे। युद्ध क्षेत्र में शत्रुओं को पछाड़ने के लिए वे स्वंय हाथ में भाला और धनुष बाण लेकर कूद पड़ते थे। By Lotpot 21 Dec 2023 in Stories Motivational Stories New Update घाव घाव में फर्क Motivational Story घाव-घाव में फर्क:- एक सेनापति था, नाम था दुर्जन सिंह सेनापति दुर्जन सिंह बहुत वीर और साहसी व्यक्ति थे। युद्ध क्षेत्र में शत्रुओं को पछाड़ने के लिए वे स्वंय हाथ में भाला और धनुष बाण लेकर कूद पड़ते थे। उनकी वीरता पर उनकी प्रजा और उनके राजा दोनों को ही गर्व था। (Motivational Stories | Stories) एक दिन की बात है, सुबह-सुबह दुर्जन सिंह अभी सो कर उठे ही थे। कि राजा का एक दूत आ पहुँचा। राजा ने उन्हें किसी विषय पर सलाह लेने के लिए बुलाया था। राजा का बुलावा पाते ही दुर्जन सिंह सब काम धाम छोड़कर राज दरबार में जाने की तैयारी में जुट गए। जल्दी-जल्दी मंजन दातुन किया और नाई को बुलवा कर दाढ़ी बनवाने बैठ गए। (Motivational Stories | Stories) दुर्जन सिंह का नाई बहुत कुशल व्यक्ति था लेकिन था बहुत बातूनी। दाढ़ी बनाते समय भी वह बात करने से बाज़ नहीं आता था आदत के मुताबिक वह दुर्जन सिंह से इधर-उधर की बातें करता रहा। इसी बातचीत के दौरान पता नहीं कैसे उस्तरा गलत चल गया। दुर्जन सिंह की कनपटी से खून बहने लगा। (Motivational Stories | Stories) खून देखते ही दुर्जन सिंह आग बबूला हो उठे। नाई की भी सिट्टी-पिट्टी गुम... खून देखते ही दुर्जन सिंह आग बबूला हो उठे। नाई की भी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी। दुर्जन सिंह ने कहा, ‘मूर्ख नाई’ तुझे दाढी बनाने की भी तमीज नहीं है। ओेह कितनी पीड़ा हो रही है। इतना कह कर दुर्जन सिंह बहते हूए खुन को पोंछ कर दवा लगाने लगे। (Motivational Stories | Stories) नाई जो अभी तक डर के कारण कुछ बोल नहीं रहा था बड़ा चकित हुआ। वह सोच रहा था इतना वीर और साहसी सेनापति जो युद्ध क्षेत्र में सैकड़ों घावों को हसंते-हसंते झेल जाता है इस छोटे से घाव से इतना घबरा गया। वह बड़ी देर तक सोचता रहा। आखिर उससे जब न रहा गया तो वह बोला, ‘‘महाराज युद्ध में तो आप जाने कितने घाव सह लेते हैं। लेकिन आज....।’ नाई इतना ही कह पाया था कि दुर्जन सिंह आग बबूला हो उठे। और अन्दर गए और भाला उठा लाए। (Motivational Stories | Stories) भाला देख कर नाई समझ गया कि अब खैर नहीं। वह हाथ जोड़ कर क्षमा मांगने लगा। दुर्जन सिंह ने कहा, ‘मूर्ख नाई, तू मेरी वीरता पर शक कर रहा है। मैं तुझे अभी बताता हूँ। इतना कह कर दुर्जन सिंह ने नाई के पैर पर अपना पैर रखा और भाला उठा कर पैर पर पटक कर छलनी कर दिया। खून की धारा फूट पड़ी। भाला दुर्जन सिंह के पैर में धसता हुआ नाई के पैर तक जा पहुँचा। भाले की नोक नाई के पैर से छूते ही वह चिलाने लगा। (Motivational Stories | Stories) दुर्जन सिंह ने पैर से भाला निकालते हुए कहा, मूर्ख नाई तुझे मेरी वीरता पर शक था। अब तेरे शक का समाधान हो गया। घाव-घाव में फर्क होता है। उस्तरे से लगा एक घाव युद्ध क्षेत्र में लगे सैकड़ों घाव से बढ़ कर है। युद्ध क्षेत्र में अपने को भूल जाता हूँ। मुझे याद रहता है तो अपना देश और अपनी जनता। (Motivational Stories | Stories) अब नाई की समझ मे सारी बात आ गयी। उसने दुर्जन सिंह से क्षमा मांग ली। दुर्जन सिंह का क्रोध भी शान्त हो गया। (Motivational Stories | Stories) lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | hindi-kids-stories | kids-motivational-stories | hindi-motivational-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-hindii-khaanii यह भी पढ़ें:- Motivational Story: सतर्क निगाह ने किया कमाल Motivational Story: लड़की और पौधा Motivational Story: जुड़वा भाई Motivational Story: दिमाग लगाया त्योहार मनाया #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi Kids Stories #Hindi Bal kahania #Kids Stories #kids motivational stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #Hindi Motivational Stories You May Also like Read the Next Article