Jungle Story: कुएं का मेंढक दो टैडपोल एक कुएं में बड़ी मस्ती से घूम रहे थे। दोनों अपनी पूंछ हिलाते और बाकी मेंढकों को अपना खेल दिखाते। उनकी शैतानियाँ देखकर एक वयस्क मेंढक बोला, “जितनी पूंछ हिलानी है हिला लो, कुछ दिन बाद ये गायब हो जायेगी।’’ By Lotpot 10 Feb 2024 in Stories Jungle Stories New Update कुएं का मेंढक Jungle Story कुएं का मेंढक:- दो टैडपोल एक कुएं में बड़ी मस्ती से घूम रहे थे। दोनों अपनी पूंछ हिलाते और बाकी मेंढकों को अपना खेल दिखाते। उनकी शैतानियाँ देखकर एक वयस्क मेंढक बोला, “जितनी पूंछ हिलानी है हिला लो, कुछ दिन बाद ये गायब हो जायेगी।’’ (Jungle Stories | Stories) ‘‘हा-हा-हा’’, ये सुनकर बाकी मेंढक हंसने लगे। दोनों टैडपोल फौरन अपनी माँ के पास गए और उस मेंढक की बात बताते हुए बोले, “माँ, क्या सचमुच हमारी पूंछ गायब हो जायेगी?’’ (Jungle Stories | Stories) ‘‘हाँ!’’, माँ बोली, ‘‘यही प्रकृति का नियम है, जब हम पैदा होते हैं तो हमारी छोटी सी पूंछ होती है पर समय के साथ हम विकसित हो जाते हैं, ये पूंछ गायब हो जाती है और हमारे पैर निकल आते हैं, तब हम कुएं के बाहर भी जा सकते हैं, लम्बी छलांगे मार सकते हैं और स्वादिष्ट कीड़े-मकौड़े खा सकते हैं।’’ माँ की बात सुनकर पहले टैडपोल ने मन ही मन सोचा, ‘‘इससे पहले की पूंछ गायब हो... माँ की बात सुनकर पहले टैडपोल ने मन ही मन सोचा, ‘‘इससे पहले की पूंछ गायब हो मैं और मस्ती कर लेता हूँ, तालाब के कई चक्कर लगा लेता हूँ और एक से बढ़कर एक करतब दिखाता हूँ। और ऐसा सोच कर वह दोबारा मस्ती से घूमने लगा। (Jungle Stories | Stories) वहीं दूसरे टैडपोल ने सोचा, ‘‘जब ये पूंछ एक दिन गायब ही हो जानी है तो इससे खेलने और मौज-मस्ती करने से क्या फायदा, जब पैर निकलेंगे तब मौज की जायेगी।” और वह कुएं के एक हिस्से में गुमसुम सा रहने लगा। फिर एक दिन वो भी आया जब दोनों टैडपोल मेंढक में विकसित हो गए। दोनों काफी खुश थे और फैसला किया कि वे तालाब से निकल कर बगीचे में सैर करने जायेंगे। पहला मेंढक किनारे पे पहुंचा और तेजी से छलांग लगा कर बाहर निकल गया। वहीं दूसरा मेंढक छलांग लगाने की कोशिश करता पर लगा ही नहीं पाता। मानो उसके पैरों में जान ही ना हो। (Jungle Stories | Stories) वह घबराया हुआ वापस अपनी माँ के पास पहुंचा और घबराते हुए बोला, ‘‘मेरे पैर काम क्यों नहीं कर रहे। मेरा भाई तो बड़े आराम से छलांग लगा कर बाहर निकल गया पर मैं ऐसा क्यों नहीं कर पा रहा?’’ माँ बोली, ‘‘बेटे, ये तुम्हारी वजह से ही हुआ है, तुमने ये सोचकर की एक दिन पूंछ चली ही जानी है उसका इस्तेमाल ही बंद कर दिया और चुपचाप कोने में पड़े रहने लगे। मेरे समझाने पर भी तुम नहीं माने और इसी वजह से तुम्हारा शरीर कमजोर हो गया, जिन अंगो का विकास ठीक से होना चाहिए था वो नहीं हो पाया और अब जिन पैरों का तुम इतने दिनों से इंतजार कर रहे थे वे भी बेकार निकल गए। मुझे अफसोस है पर अब तुम्हे अपनी पूरी जिन्दगी कुएं का मेंढक बन कर ही बितानी होगी।’’ (Jungle Stories | Stories) lotpot-e-comics | bal kahani | bal-kahaniyan | hindi-bal-kahaniyan | short-stories | short-hindi-stories | hindi-short-stories | hindi-stories | jungle-stories | kids-jungle-stories | hindi-jungle-stories | kids-hindi-jungle-stories | kids-hindi-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-khaaniyaan | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-khaanii | chottii-khaaniyaan | chottii-hindii-khaanii | bccon-kii-jngl-khaanii यह भी पढ़ें:- Jungle Story: बुद्धि में बल Jungle Story: नमकहरामी महापाप है Jungle Story: दुख की आवश्यकता जंगल कहानी: पक्के दोस्त #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Jungle Stories #Jungle Stories #Kids Stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #kids Jungle Stories #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #kids hindi jungle Stories #बच्चों की जंगल कहानी #Hindi Bal Kahaniyan You May Also like Read the Next Article