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धन का अभाव
Jungle Story धन का अभाव:- चंपक वन में जंबो हाथी की किराने की दुकान थी। एक दिन अचानक दुकान में आग लग गई। सारा सामान जल गया। कुछ भी नहीं बचा। नगद रूपए भी जल गए। जंबो ने बहुत से जानवरों को उधार दे रखे थे और उनके नाम एक बही में लिख रखा था, वह बही खाता भी राख हो चुका था। (Jungle Stories | Stories)
अपनी दुकान की हालत देखकर जंबो बहुत रोया। वन के कुछ जानवरों ने उसे धीरज बंधाई और फिर से दुकान जमाने की सलाह दी।
जंबो के पास फूटी कौड़ी भी नहीं थी। तभी उसे उन ग्राहकों का ध्यान आया जिसे उसने उधार दिया था। जंबो उनके पास गया और पूरी बात बताते हुए उनसे अपने पैसे मांगे। उन्होंने जंबो से हिसाब पूछा तो उसने कहा, "हिसाब वाला बही खाता जल गया"।
"फिर तो हम कुछ नहीं कर सकते" उन्होंने एक ही उत्तर दिया "बिना हिसाब देखे हम पैसे कैसे दे सकते हैं"। जंबों समझ गया कि इनकी नीयत बदल गई है। सब पैसे पचाना चाहते हैं। वह बहुत दुखी हुआ और भारी कदमों से अपने घर लौट गया। (Jungle Stories | Stories)
जंबो की पत्नी द्वार पर खड़ी राह देख रही थी। "क्या हुआ, पैसे मिले?" उसने पूछा।
"नहीं" जंबो मायूसी से बोला, "मेरा ही पैसा मुझे वक्त पर नहीं दिया उन्होंने, सब बेईमान निकले"। (Jungle Stories | Stories)
"और दो उधार," जंबो की पत्नी चिढ़कर गुस्से से बोली, "किसने कहा था उधार देने को"। यह कहकर वह जंबो को खूब जलीकटी सुनाने लगी।
जंबो सुबह से भूखा था। उसने सोचा था कि घर पर रूखासूखा खाने को मिल जाएगा। लेकिन खाने के बदले उसे पत्नी की जलीकटी सुनने को मिल रही थी।
पत्नी की बातें सुनकर जंबो को गुस्सा आ गया। गुस्से में उसने पत्नी को बहुत बुरा भला कहा जिससे वह जोर जोर से...
पत्नी की बातें सुनकर जंबो को गुस्सा आ गया। गुस्से में उसने पत्नी को बहुत बुरा भला कहा जिससे वह जोर जोर से रोने लगी। रो रो कर उसने घर सिर पर उठा लिया। उसी समय राजा शेरसिंह के 2 सिपाही उधर से गुजर रहे थे। रोना सुनकर दोनों जंबो के घर के पास आए और उससे पूछा, "यह रो क्यों रही है? क्या तुमने इसको परेशान किया है? तुम्हें पता नहीं कि शेरसिंह के राज्य में किसी को परेशान करने वाले को दंड मिलता है?"
जंबो कुछ नहीं बोला। दोनो सिपाहियों ने जंबो को गिरफ्तार करके शेरसिंह के पास ले गए। (Jungle Stories | Stories)
अगले दिन जंबो को शेरसिंह के सामने पेश किया गया। दोनों सैनिकों ने जंबो का अपराध बताया।
शेरसिंह ने जंबो से पूछा “तुमने अपनी पत्नी को परेशान करने का अपराध क्यों किया?"
"महाराज, गुस्से में यह सब हो गया," जंबो ने धीमे स्वर में उत्तर दिया, दरअसल मैं बहुत खिन्न व दुखी था क्योंकि मेरे साथ बहुत बड़ा अन्याय व धोखा हुआ था"।
"किसने तुम्हारे साथ अन्याय व धोखा किया था?" शेरसिंह ने हैरानी से पूछा। (Jungle Stories | Stories)
जंबो ने अपनी दुकान में आग लगने से लेकर उधार के पैसे मांगने तक की सारी बातें शेरसिंह को बता दीं। शेरसिंह जंबो की बातें सुनकर कुछ सोचने लगे। फिर बोले "धन के अभाव के कारण तुमसे यह अपराध हुआ। अगर तुम्हारे पास कुछ धन रहता तो तुम उससे अपनी दुकान फिर से जमाने की कोशिश करते, है न?"
"हां महाराज"।
"फिर तुम्हें कोई दुख या तकलीफ नहीं होती। तुमसे यह अपराध भी नहीं होता"। एक पल रूककर शेरसिंह ने आगे कहा, सच में धन का अभाव किसी को भी खिन्न व दुखी कर देता है। पर तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हें धन दूंगा ताकि तुम अपनी दुकान फिर से जमा सको"।
"मुझे विश्वास है कि तुम खूब मेहनत करोगे और तरक्की करोगे। लेकिन एक बात हमेशा याद रखना किसी को भी उधार मते देना। और बुरे समय के लिए कुछ पैसे बचाकर बैंक में रखना। यही पैसा वक्त बेवकत काम देता है"।
जंबो शेरसिंह की जयजयकार करने लगा। शेरसिंह से मिले धन से जंबों ने अपनी दुकान फिर से जमा ली। अब वह पैसे बचाकर बैंक में रखने लगा। (Jungle Stories | Stories)
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