Jungle Story: सबक

मच्छर का परिवार बहुत परेशान था। दिन पर दिन महंगाई बढ़ती जा रही थी और परिवार के सब प्राणी अब तक बेरोज़गार थे। आखिर मांग मांग कर कब तक गाड़ी खिचती। फिर कोई कब तक किसी को देता रहेगा।

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Jungle Story सबक:- मच्छर का परिवार बहुत परेशान था। दिन पर दिन महंगाई बढ़ती जा रही थी और परिवार के सब प्राणी अब तक बेरोज़गार थे। आखिर मांग मांग कर कब तक गाड़ी खिचती। फिर कोई कब तक किसी को देता रहेगा। (Jungle Stories | Stories)

मच्छरी ने अपने पति को सलाह दी कि ‘क्यों न कोई धंधा चालू कर दिया जाए, बैठे बैठे कौन खिलाएगा। बच्चे भी बड़े हो रहे हैं। दस बच्चों को मिलाकर हम बारह लोग हैं, काम करेंगे तो घर के सब लोग ही व्यापार संभाल लेंगे और नौकरों की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी।’

‘सलाह तो तुम्हारी उचित है परंतु कौन-सा काम करें, काम में पूंजी लगती है जो हमारे पास है नहीं’- मच्छर बोला। (Jungle Stories | Stories)

ऐसे बहुत से काम हैं जिसमें थोड़ी-सी पूंजी में ही काम चल जाता है। क्यों न हम पान की दुकान...

‘ऐसे बहुत से काम हैं जिसमें थोड़ी-सी पूंजी में ही काम चल जाता है। क्यों न हम पान की दुकान खोल लें। पूंजी भी नहीं लगेगी। सुबह थोक सामान ले आएंगे और शाम को बिक्री में से उधारी चुका देंगे।’- मच्छरी ने तरीका सुझाया।

‘मगर क्या गारंटी की दुकान चल ही जाएगी?’ - मच्छर बोला।

हम लोग पान के साथ तंबाकू, गुटका इत्यादि सब सामान रखेंगे, इन वस्तुओं की बहुत डिमांड है, बिक्री तो होगी ही।’- मच्छरी बोली। (Jungle Stories | Stories)

‘बात तो सही कह रही हो। कल से दुकान प्रारंभ कर देते हैं।’ इतना कहकर वह बाज़ार से दुकान का सब सामान आवश्यकतानुसार ले आया। दुकान चालू कर दी गई। वह और उसकी पत्नी दुकान पर बैठते। बच्चे भी बैठने लगे। बढ़िया पान लगाते, तंबाकू और गुटखों के पैकेट बनते और देखते ही देखते दुकान का सारा सामान बिक जाता। मजे से खर्च चलने लगा।

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एक दिन मच्छर ने महसूस किया कि उसके बच्चे दिन भर खांसते रहते हैं और कमजोर होते जा रहे हैं। उसने कारण जानने की कोशिश की तो मालूम पड़ा कि बच्चे जब भी दुकान पर बैठते हैं, लगातार तंबाकू और गुटखा खाते रहते हैं। मच्छर परेशान हो गया। बच्चों को समझाया कि बेटे यह तंबाकू बहुत हानिकारक होती है, अधिक खाने से जान भी जा सकती है। किंतु बच्चे नहीं माने। (Jungle Stories | Stories)

ग्राहक आते खुद तो पान तंबाकू खाते ही, मच्छर पुत्रों को भी प्रेरित करते। आखिरकार एक एक कर मच्छर के दसों पुत्र स्वर्गवासी हो गए। मच्छर को अपनी गलती का पछतावा हुआ और उसने दुकान बंद कर दी।

मच्छर को अहसास हुआ कि तंबाकू सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी हानिकारक है। लेकिन जब तक उसे अपनी गलती का अहसास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी। (Jungle Stories | Stories)

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