Jungle Story: सफलता का रहस्य भोलू बंदर चीकू वन में रहता था। जब वह कुछ बड़ा हुआ तो उसने सोचा कि क्यों न कुछ काम-धाम किया जाये भोलू काम की तलाश में घर से निकल पड़ा। सुबह से शाम तक वह मारा-मारा फिरता रहा कहीं पर भी उसे काम नहीं मिला। By Lotpot 22 Mar 2024 in Stories Jungle Stories New Update सफलता का रहस्य Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Jungle Story सफलता का रहस्य:- भोलू बंदर चीकू वन में रहता था। जब वह कुछ बड़ा हुआ तो उसने सोचा कि क्यों न कुछ काम-धाम किया जाये भोलू काम की तलाश में घर से निकल पड़ा। सुबह से शाम तक वह मारा-मारा फिरता रहा कहीं पर भी उसे काम नहीं मिला। (Jungle Stories | Stories) जंगल के निवासी या तो अपना काम स्वयं कर लेते थे या फिर उन लोगों ने कंप्यूटर लगा रखे थे। वे सारा काम चुटकियों में कर देते। छोटा-मोटा काम भोलू को पसंद नहीं आया। हारकर वह घर लौट आया। निठल्ला बैठे रहना भोलू को पसंद न था, वह नहीं चाहता था कि वह घर वालों पर बोझ बनकर रहे। बहुत सोचने पर उसने निश्चय किया कि वह स्वयं कोई छोटा-मोटा व्यवसाय करेगा। कुछ पूंजी उसके पास थी, बाकी रूपये उसने घर वालों से उधार ले लिए। अब उसके पास पूरे 10,000 रूपये जमा हो गये। (Jungle Stories | Stories) भोलू ने उन रूपयों से कुछ मिठाईयां खरीदीं और उन्हें बेचने के लिए एक जगह पर ठेला लगा कर खड़ा हो गया... भोलू ने उन रूपयों से कुछ मिठाईयां खरीदीं और उन्हें बेचने के लिए एक जगह पर ठेला लगा कर खड़ा हो गया। भोलू सोच रहा था कि शाम तक सारी मिठाईयाँ बिक जायेंगी। उन पैसों से उधार चुका कर वह फिर से मिठाईयां खरीद लेगा, इस तरह फिर से उन्हें बेचकर थोड़ा मुनाफा कमा लेगा। पर भोलू का अनुमान गलत निकला। सुबह से लेकर शाम हो गई पर एक भी ग्राहक मिठाई खरीदने नहीं आया। खड़े-खड़े भोलू की टांगे दुखने लगी थीं। ठेले पर रखी मिठाईयां खराब होने लगी थीं। भोलू को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उसके यहां ग्राहक आ क्यों नही रहे। (Jungle Stories | Stories) जबकि सड़क के उस तरफ भीकू ने फलों का ठेला लगा रखा था। सेब, केले, अनार, मौसमी सभी फल शाम होने तक सारे बिक गये और भीकू मुनाफा कमा कर अपने घर चला गया। उधर भोलू ने अपनी मिठाईयां खराब होते देखीं तो मजबूरन उसे वह औने-पौने दामों में बेचना पड़ा, जो खराब हो गई, उन्हें फेंककर भोलू बुझे मन से घर की तरफ चल पड़ा। व्यापार में शुरू में ही काफी नुकसान हो जाने की वजह से भोलू उदास हो गया। उसे यूं मुंह लटका कर जाते देख झपटू सियार ने उसे आवाज दी। (Jungle Stories | Stories) "क्या बात है भई, तुम्हारा मुंह उतरा हुआ क्यूं है?'' उसने पूछा। “क्या बताऊं झपटू भाई, मेरी तो किस्मत ही खराब है" कहकर भोलू ने अपनी व्यथा बताई। झपटू एक नंबर का धूर्त था। वह समझ गया कि भोलू को आसानी से बेबकूफ बनाया जा है। उसने अपनी जुबान में मिसरी घोलकर मीठी-मीठी बातों के जाल में भोलू को फंसाते हुए पूछा "अच्छा यह बता, तू किस दिशा में मुंह करके खड़ा हुआ मिठाई बेच रहा था?" 'अ..वो..उत्तर दिशा की तरफ!' भोलू ने सोचकर बताया। (Jungle Stories | Stories) “तब तो घाटा होना ही था। तुझे उत्तर की तरफ नहीं, पूरब को तरफ मुंह करके खड़ा होना था।" झपटू बोला उसने बातों ही बातों में भोलू को व्यापार में लाभ के लिए पूजा-पाठ करने के लिए राजी कर लिया। असल में झपटू की निगाह भोलू की जेब में पड़े रूपयों पर थी। वह उन्हें हड़प करने के लिए सारा प्रपंच रच रहा था। तभी मीकू खरगोश ने भोलू को झपटू के साथ जाते देख लिया वह देखते ही समझ गया कि जरूर भोलू दुष्ट झपटू के जाल में फंस गया है। (Jungle Stories | Stories) मीकू खरगोश भोलू का दोस्त था। भोलू ने एक बार उसकी जान भी बचाई थी। मीकू उसका यह एहसान अभी भूला न था। भोलू, तू यहां घूम रहा है! वहां तेरी मां का एक्सीडेंट हो गया। वह घायल होकर तुझे पुकार रही है। मीकू ने भोलू से कहा। “क्या? कहां है मेरी मां? चल बता!" भोलू घबराये स्वर में बोला और मीकू के साथ हो लिया। झपदू शिकार हाथ से निकल जाने के कारण हांथ मलता रह गया। “आओ दोस्त, यहां बैठते हैं।" एक पेड़ की छांव में रूककर मीकू ने कहा। (Jungle Stories | Stories) “पर मेरी मां, वो एक्सीडेंट--” “वो सब झूठ था। तेरी मां को कुछ नहीं हुआ वो तो मैंने तुझे उस बदमाश के चंगुल से छुड़ाने के लिए झूठमूठ कहा था। मीकू ने भेद खोला। "यह तूने क्या गजब कर डाला? वह बेचारा तो मेरी किस्मत का दरवाजा खोलने जा रहा था और तूने सब गड़बड़ कर दी।" भोलू नाराज होता हुआ बोला। "वह तुझे बेवकूफ बनाकर रूपये ऐंठने की फिराक में था। मैं उसे जानता हूं वह एक नंबर का धूर्त और धोखेबाज है।" मीकू ने समझाते हुए कहा। भोलू थोड़ा सामान्य हुआ। मीकू के पूछने पर उसने अपनी परेशानी बताई। (Jungle Stories | Stories) “दोस्त, व्यापार में समझदारी और सूझबूझ की जरूरत पड़ती है। तुम्हारी मिठाईयां नहीं बिकी पर भीखू के सारे फल बिक गये। इसकी वजह किस्मत नहीं कुछ और है।" मीकू ने कहा। “क्या मतलब?" जिस ज़गह तुमने मिठाई का ठेला लगाया वहां पास ही में अस्पताल है। वहां आने-जाने वाले मरीजों के लिए फल ही खरीदेंगे मिठाई नहीं। यही कारण है कि तुम्हारा माल नहीं बिका पर भीकू का बिक गया। मीकू ने समझाया तो भोलू की समझ में कुछ कुछ आ गया। (Jungle Stories | Stories) सर्दी के मौसम मे बर्फ बेचने का धंधा करोगे तो नुकसान उठाओगे। समझदारी इसी में है कि आवश्यकता और मांग के अनुरूप व्यापार किया जाये रही बात किस्मत की तो उसे पलटना झपटू जैस धूर्त क वश में नहीं बल्कि खुद तुम्हारे हाथ में है, मेहनत और-सूझबूझ के बल पर! मीकू बोला। भोलू की समझ में बात आ चुकी थी। उसने मीकू की बातों पर अमल करते हुए दुगने आत्मविश्वास के साथ फिर से व्यापार प्रारंभ किया। इस बार उसे असफलता का मुंह नहीं देखना पड़ा। (Jungle Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | kids hindi short stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | kids hindi jungle Stories | kids hindi stories | kids Jungle Stories | hindi stories | Jungle Stories | Kids Stories | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की जंगल कहानी यह भी पढ़ें:- Jungle Story: कू कू कोयल Jungle Story: काबीलियत Jungle Story: हंस और तोता Jungle Story: सौन्दर्य प्रतियोगिता #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Bal Kahani #Jungle Stories #Kids Stories #lotpot E-Comics #kids Jungle Stories #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #kids hindi jungle Stories #बच्चों की जंगल कहानी #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ You May Also like Read the Next Article