Jungle Story: शेर फल क्यों नहीं खाता है? मबावा नाम का एक सियार था, एक दिन उसने फलों से लदे पेड़ को खोज निकाला। उसने पेड़ से गिरे पके रसीले फल इकठ्ठे किये और बस उनका स्वाद लेकर खाने बैठा ही था कि उसे दूर से आती शेर की दहाड़ सुनाई दी। By Lotpot 29 Jan 2024 in Stories Jungle Stories New Update शेर फल क्यों नहीं खाता है? Jungle Story शेर फल क्यों नहीं खाता है:- मबावा नाम का एक सियार था, एक दिन उसने फलों से लदे पेड़ को खोज निकाला। उसने पेड़ से गिरे पके रसीले फल इकठ्ठे किये और बस उनका स्वाद लेकर खाने बैठा ही था कि उसे दूर से आती शेर की दहाड़ सुनाई दी। उस चतुर सियार ने सोचा कि - ‘लगता है शेर भूखा है, ऐसा न हो कि वह इधर ही चला आए और ये मीठे फल मुझसे छीन कर खा जाए।’ वह चिन्तित हो गया कि सभी जानते हैं कि शेर तो जंगल का राजा है, और राजा होने के नाते उसकी भूख बहुत ज्यादा है। और वह सबके खाने को छीन कर खाने को अपना अधिकार समझता है। उससे ना करने की किसी की हिम्मत तक नहीं होती। (Jungle Stories | Stories) शेर की दहाड़ अब पास से आती सुनाई दी, लेकिन अब तक चतुर सियार ने शेर से रसभरे मीठे फलों को बचाने की तरकीब खोज निकाली थी। जैसे जैसे शेर पास आ रहा था मबावा ने जल्दी जल्दी फलों के ढेर को खाना शुरु कर दिया, उसे पता चल गया कि शेर उसे लालचियों की तरह जल्दी जल्दी खाते हुए देख रहा है, तब अचानक वह जमीन गिर पड़ा और छटपटाने लगा और कराहने लगा फिर छटपटा कर मृत जानवर की तरह शांत और स्थिर हो गया, आखें भी उसने एक जगह टिका दीं। (Jungle Stories | Stories) शेर ने सोचा कि जरूर ये फल जहरीले होंगे तभी ये बेवकूफ सियार इन्हें खाकर मर गया है... शेर ने सोचा कि जरूर ये फल जहरीले होंगे तभी ये बेवकूफ सियार इन्हें खाकर मर गया है। शेर अपने रास्ते लौट गया। उसके नजरों से खूब दूर चले जाने के बाद मबावा उठा, उसने बचे हुए रसीले फल खाये और उसे याद आया कि पास ही नाले के पास एक दूसरे सियार का कंकाल पड़ा है। वह उसे उठा लाया और फलों के छिलकों के पास उसे पटक दिया, ठीक वहाँ जहाँ उसने अपने मरे हुए होने का नाटक किया था। अपनी तरकीब पर खुश होता हुआ सियार अपनी गुफा में लौट गया। (Jungle Stories | Stories) जब कुछ सप्ताह बाद शेर फल के पेड़ के पास से गुजरा तो पेड़ उसी तरह लाल रसीले फलों से लदा था, उसकी भूख जग आई वह कुछ कदम बढा पर वह ठिठक गया वहाँ बेचारे लालची सियार का कंकाल पड़ा था। उसे गिद्ध नोच रहे थे। उसे याद आ गया कि ओह यह तो मबावा का कंकाल है वही यहाँ लालची की तरह इन फलों को हबड़ हबड़ खा रहा था, फिर छटपटा कर गिर गया था। उसने कसम खाई कि वह अब कभी किसी पेड़ का फल नहीं खाएगा। तब का दिन है और आज का दिन है शेर ने पेड़ क्या किसी पेड़ के फल खाने से तौबा कर ली। इससे सियार और अन्य झाड़ियों में रहने वाले छोटे छोटे जानवरों को बड़ी खुशी हुई कि राजा होने के नाते शेर कम से कम उनके खाने पर अब हाथ नहीं साफ कर पाएगा। अब उन्हें अपने फल शेर के साथ नहीं बाँटने अब वे जितना जी चाहें उतने फल खा सकते हैं। (Jungle Stories | Stories) lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | short-stories | short-hindi-stories | hindi-short-stories | hindi-stories | jungle-stories | kids-jungle-stories | hindi-jungle-stories | kids-hindi-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-khaanii | chottii-khaaniyaan | chottii-hindii-khaanii | jngl-kii-mzedaar-khaanii | jngl-khaaniyaan यह भी पढ़ें:- Jungle Story: शत्रु की सलाह Jungle Story: गीदड़ व लोमड़ी का बदला Jungle Story: पढ़ा लिखा कुत्ता Jungle Story: लेने के देने पड़े #lotpot E-Comics #छोटी कहानी #छोटी कहानियाँ #Short Hindi Stories #जंगल की मज़ेदार कहानी #लोटपोट #बाल कहानी #जंगल कहानियां #हिंदी बाल कहानी #Hindi Bal kahania #Jungle Stories #hindi stories #Hindi Jungle Stories #kids Jungle Stories #Kids Stories #hindi short Stories #short stories #kids hindi stories #Bal kahani #लोटपोट इ-कॉमिक्स #छोटी हिंदी कहानी #Lotpot You May Also like Read the Next Article