Moral Story: डाकू अंगुलिमाल और महात्मा बुद्ध

बहुत पुरानी बात है मगध राज्य में एक सोनापुर नाम का गाँव था। उस गाँव के लोग शाम होते ही अपने घरों में आ जाते थे। और सुबह होने से पहले कोई भी घर के बाहर कदम भी नहीं रखता था, इसका कारण डाकू अंगुलिमाल था।

New Update
Gautam Budha with Decoit

डाकू अंगुलिमाल और महात्मा बुद्ध

Moral Story डाकू अंगुलिमाल और महात्मा बुद्ध:- बहुत पुरानी बात है मगध राज्य में एक सोनापुर नाम का गाँव था। उस गाँव के लोग शाम होते ही अपने घरों में आ जाते थे। और सुबह होने से पहले कोई भी घर के बाहर कदम भी नहीं रखता था, इसका कारण डाकू अंगुलिमाल था। (Moral Stories | Stories)

डाकू अंगुलिमाल मगध के जंगलों की गुफा में रहता था। वह लोगों को लूटता था और जान से भी मार देता था। लोगों को डराने के लिए वह जिसे भी मारता उसकी एक ऊँगली काट लेता और उन उँगलियों की माला बनाकर पहनता। इसलिए उसका नाम अंगुलिमाल पड़ा। गाँव के सभी लोग परेशान थे कैसे इस डाकू के आतंक से छुटकारा मिले।

एक दिन गौतम बुद्ध उस गाँव में आये। गाँव के लोग उनकी आवभगत करने लगे। गौतम बुद्ध ने देखा कि गाँव के लोगों में किसी बात को लेकर दहशत फैली है। (Moral Stories | Stories)

तब गौतम बुद्ध ने गाँव वालों से इसका कारण पूछा- ये सुनते ही गाँव वालों ने अंगुलिमाल...

तब गौतम बुद्ध ने गाँव वालों से इसका कारण पूछा- ये सुनते ही गाँव वालों ने अंगुलिमाल के आतंक का पूरा किस्सा उन्हें सुनाया।
अगले ही दिन गौतम बुद्ध जंगल की तरफ निकल गये, गाँव वालों ने उन्हें बहुत रोका पर वो नहीं माने। बुद्ध को आते देख अंगुलिमाल हाथों में तलवार लेकर खड़ा हो गया, पर बुद्ध उसकी गुफा के सामने से निकल गए उन्होंने पलटकर भी नहीं देखा। अंगुलिमाल उनके पीछे दौड़ा, पर दिव्य प्रभाव के कारण वो बुद्ध को पकड़ नहीं पा रहा था। (Moral Stories | Stories)

थक हार कर उसने कहा- ‘‘रुको’’

बुद्ध रुक गए और मुस्कुराकर बोले- मैं तो कबका रुक गया पर तुम कब ये हिंसा रोकोगे। (Moral Stories | Stories)

अंगुलिमाल ने कहा- सन्यासी तुम्हें मुझसे डर नहीं लगता। सारा मगध मुझसे डरता है। तुम्हारे पास जो भी माल है निकाल दो वरना, जान से हाथ धो बैठोगे। मैं इस राज्य का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हूँ।

बुद्ध जरा भी नहीं घबराये और बोले- मैं ये कैसे मान लूँ कि तुम ही इस राज्य के सबसे शक्तिशाली इन्सान हो। तुम्हे ये साबित करके दिखाना होगा।

Gautam Budha with Decoit

अंगुलिमाल बोला बताओ- ‘‘कैसे साबित करना होगा?’’ (Moral Stories | Stories)

बुद्ध ने कहा- ‘‘तुम उस पेड़ से दस पत्तियां तोड़ कर लाओ’’।

अंगुलिमाल ने कहा- बस इतनी सी बात, ‘‘मैं तो पूरा पेड़ उखाड़ सकता हूँ’’।

अंगुलिमाल ने दस पत्तियां तोड़कर ला दीं। (Moral Stories | Stories)

बुद्ध ने कहा- ‘‘अब इन पत्तियों को वापस पेड़ पर जाकर लगा दो।’’

अंगुलिमाल ने हैरान होकर कहा- टूटे हुए पत्ते कहीं वापस लगते हैं क्या?

तो बुद्ध बोले, ‘‘जब तुम इतनी छोटी सी चीज को वापस नहीं जोड़ सकते तो तुम सबसे शक्तिशाली कैसे हुए?’’

यदि तुम किसी चीज को जोड़ नहीं सकते तो कम से कम उसे तोड़ो मत, यदि किसी को जीवन नहीं दे सकते तो उसे मृत्यु देने का भी तुम्हे कोई अधिकार नहीं है।

ये सुनकर अंगुलिमाल को अपनी गलती का एहसास हो गया। और वह बुद्ध का शिष्य बन गया। और उसी गाँव में रहकर लोगों की सेवा करने लगा। (Moral Stories | Stories)

आगे चलकर यही अंगुलिमाल बहुत बड़ा सन्यासी बना और अहिंसका के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी इन्सान कितना ही बुरा क्यों न हो, वह बदल सकता है। दोस्तों, अंगुलिमाल बुराई का एक प्रतीक है, और हम सबमें छोटे-बड़े रूप में कोई न कोई बुराई है। जरूरत इस बात की है कि हम अपने अन्दर की बुराइयों को पहचाने और उन्हें खत्म करें। (Moral Stories | Stories)

lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | short-stories | short-hindi-stories | hindi-short-stories | short-moral-stories | moral-stories-for-kids | moral-stories | hindi-stories | hindi-moral-stories | kids-moral-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-khaanii | chottii-khaaniyaan | chottii-hindii-khaanii | bccon-kii-naitik-khaaniyaan

यह भी पढ़ें:-

Moral Story: गधे का रास्ता

Moral Story: शिक्षा की शक्ति

Moral Story: इसे बेचना नहीं

Moral Story: विकल्प

#बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Moral Stories for Kids #Hindi Bal kahania #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories