Moral Story: संगति का फल सुन्दर वन में चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। मौसम कुछ ऐसा था कि कब आंधी आ जाये, इसका कोई ठिकाना नहीं था। मौसम के बदलते रूख से वन के पशु-पक्षी बेचैनी का अनुभव कर रहे थे उसी वन के निवासी एक मादा तोते ने दो अंडे दिये। By Lotpot 19 Feb 2024 in Stories Moral Stories New Update संगति का फल Moral Story संगति का फल:- सुन्दर वन में चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। मौसम कुछ ऐसा था कि कब आंधी आ जाये, इसका कोई ठिकाना नहीं था। मौसम के बदलते रूख से वन के पशु-पक्षी बेचैनी का अनुभव कर रहे थे उसी वन के निवासी एक मादा तोते ने दो अंडे दिये। कुछ दिनों बाद उन अंड़ों से दो बच्चे निकले। अभी उनके पंख जमे भी नहीं थे कि बड़ी जोरों की आंधी आयी, पेड़ की जिस डाल पर वे रहते थे, वह आंधी का जोर सहन नहीं कर पायी और टूट गई। सौभाग्य से दोनों बच्चे बच गये लेकिन बिछड़ गये। उनमें से एक पास के ही आश्रम में जा पहुंचा जबकि दूसरे को आंधी के तेज झोंको ने चोरों के बीच पहुंचा दिया। (Moral Stories | Stories) वे दोनों ही अपने-अपने स्थान पर पलने लगे। कुछ दिनों के बाद एक दिन उस राज्य का राजा शिकार करने के लिये उस जंगल में आ पहुंचा। एक हिरन का पीछा करते-करते राजा अपने मंत्री के साथ उस वन में स्थित चोरो के खण्डहर में आ गये। अब तक राजा थक चुका था तो सामने पानी देखकर उसने अपनी प्यास बुझाई और वहीं रूककर आराम करने लगा। कुछ ही दूर पर एक पेड़ के नीचे एक आदमी बैठा हुआ था, उस पेड़ पर बैठा एक तोता जिसने... कुछ ही दूर पर एक पेड़ के नीचे एक आदमी बैठा हुआ था, उस पेड़ पर बैठा एक तोता जिसने राजा को देखा था, उस व्यक्ति से कहने लगा कि इधर क्या कर रहे हो, उधर एक पेड़ के नीचे एक धनी व्यक्ति बैठा हुआ है जो हीरे-मोती के गहने, मुकुट आदि पहने हुये है, जल्दी करो उसे मार कर घनी झाड़ियों में फेंक दो और उसका धन लूट लो।’ (Moral Stories | Stories) वह आदमी राजा को पहचानता था। डर कर बोला, ‘चुप यह मामूली आदमी नहीं है। राजा है राजा, उसको छेड़ना खतरे से खाली नहीं है’ तोते की बात राजा और मंत्री दोनों ही सुन रहे थे। कुछ देर आराम करने के बाद वे दोनों ही आगे बढ़ गये। उन्हें जाता देखकर वह तोता चिल्लाने लगा, ‘दौड़ो-दौड़ो.. तीर धनुष लेकर पीछा करो, दोनों मालदार आदमी भागने न पाये।’ वह तोता चिल्ला-चिल्ला कर वन के ऊपर उड़ने लगा। तबतक राजा और मंत्री बहुत आगे निकल गये। चलते-चलते वे उस आश्रम में पहुंच गये जहां दूसरा तोता पल रहा था। जब राजा और मंत्री आश्रम में पहुंचे तो वहां कोई नहीं था, केवल तोता ही था। राजा को देखकर वह बोला ‘इस आश्रम का अहोभाग्य आज हमारे राजा पधारे हैं। इस तपोवन में आपका स्वागत है, ऋषि मुनि वन में फल-फूल लाने गये हैं।’ (Moral Stories | Stories) राजा और मंत्री तोते की मधुर वाणी को सुनकर मुग्ध हो गये। दुष्ट तोते की धृष्टता भी उन्हें याद आ आई। राजा ने धीरे से मंत्री से कहा कि, ‘उस तोते और इस तोते में कितना अन्तर है, वह कितना दुष्ट है और यह कितना सज्जन है। पकड़ो, मारो, छीन लो आदि चिल्लाकर वह राहगीरों को लुटवाता है लेकिन यह अपनी मधुर वाणी से सभी को प्रसन्न कर देता है। इसका रहस्य समझ में नहीं आ रहा है।’ राजा की ये बातें सुनकर आश्रमवासी तोता बोला, ‘यह संगति का प्रभाव है। हम दोनों ही सगे भाई हैं, बचपन में एक आंधी में हम दोनों भाई बिछड़ गये थे जिससे वह डाकुओं के पास चला गया और मैं इस आश्रम में आ गया। (Moral Stories | Stories) सच है अच्छी संगति में मनुष्य हो या कोई अन्य जीव अच्छे संस्कार ही ग्रहण करता है जबकि बुरी संगति का प्रभाव बुरा ही होता है। lotpot | lotpot E-Comics | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahaniyan | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Stories | Moral Stories | hindi stories | Kids Hindi Moral Stories | kids hindi stories | Hindi Moral Stories | लोटपोट | लोटपोट इ-कॉमिक्स | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ यह भी पढ़ें:- Moral Story: तितली का संघर्ष Moral Story: धोबी का गधा Moral Story: शिक्षा की शक्ति Moral Story: क्रोध #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Moral Stories #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां You May Also like Read the Next Article